सुब्रत रॉय (Subrata Roy) का निधन:-
सहारा इंडिया ग्रुप (Sahara India Group) के संस्थापक सुब्रत रॉय (Subrata Roy) का मंगलवार को मुंबई के निजी अस्पताल में निधन हो गया . वे काफी समय से बीमार चल रहे थे. वह 75 वर्ष के थे और उनका इलाज मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट में चल रहा था। वह मेटास्टैटिक मैलिग्नेंसी, उच्च रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित थे। मंगलवार को कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट के कारण, रात 10.30 बजे के लगभग हॉस्पिटल में उनका निधन हो गया।
उनकी गिनती भारत के एक बड़े कारोबारी के तौर पर होती थी। सुब्रत रॉय (Subrata Roy) ने भारत में सहारा इंडिया परिवार की स्थापना की थी। पिछले कुछ सालों से वे काफी चर्चित थे निवेशकों का पैसा न लौटाने को लेकर इसके कारण उनके खिलाफ निवेशकों का पैसा न लौटाने को लेकर कई मामले चल रहे थे और सजा भी काट रहे थे।
सुब्रत रॉय (Subrata Roy) की मुख्य उपलब्धियां:-
- २००१ में, सुब्रतो रॉय (Subrata Roy) को राष्ट्रीय नागरिक पुरस्कार से नवाजा गया था।
- २००२ में, बिजनेसमैन ऑफ द ईयर के अवार्ड से नवाजा गया इसके साथ ही बेस्ट इंडस्ट्रियलिस्ट अवार्ड के नाम से भी नवाजा गया था।
- 2004 में, इंडिया टुडे पत्रिका द्वारा भारत के सबसे प्रभावशाली व्यवसायियों में सुब्रत रॉय को नामित किया गया था. उनको ‘लखनऊ का गौरव’ के नाम से भी नवाजा गया था।
- 2004 में, टाइम पत्रिका द्वारा सहारा समूह को उसके 1.2 मिलियन कार्यबल के लिए “भारत में दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता” नामित किया गया था।
- २०१० में, विशिष्ट राष्ट्रीय उड़ान सम्मान दिया गया तथा इसी साल रोटरी इंटरनेशनल का वोकेशनल अवार्ड फॉर एक्सीलेंसी से भी नवाजा गया था।
- २०१२ में इनको टॉप १० मोस्ट इन्फ्लुएंशियल बिज़नेस मैन में नामित किया गया था।
सुब्रत रॉय (Subrata Roy) जीवन परिचय:-
सुब्रत रॉय (Subrata Roy) सहारा भारत के एक प्रतिष्ठित व्यवसायी थे जिसमे सहारा इण्डिया परिवार (Sahara India Parivar) के संस्थापक, प्रबंध निदेशक एवं अध्यक्ष थे। सुब्रतो रॉय का जन्म बिहार के अररिया में १० जून १९४८ को हुवा था। जीविकोपार्जन के लिए उनका परिवार गोरखपुर आ गए थे और तुर्कमानपुर मोहल्ले में उनका निवास स्थान था। सुब्रतो रॉय गोरखपुर से ही मैकेनिकल इन्जनीरिंग की पढ़ाई पूरी की थी। पढ़ाई पूरा करने के बाद, करियर के सुरुवात जया प्रोडक्ट्स के नमकीन बेचने से किया था। उनका लैंब्रेटा स्कूटर काफी महसूर है क्यों की अपनी इसी स्कूटर पर बैठकर गोरखपुर की गलियों में नमकीन के पैकेट बेचा करते थे।
सुब्रतो रॉय ने लव मैरेज किया था और उनकी पत्नी का नाम स्वपना रॉय है। उनके दो बेटे हैं जिनका नाम – सुशांतो रॉय और सीमांतो रॉय है।
सुब्रत रॉय (Subrata Roy) का व्यवसायिक जीवन यात्रा:-
उनका जीवन का सफर काफी रोमांचक और प्रेरक है जिसमे गोरखपुर की गलियों से सुरु होकर सहारा इंडिया ग्रुप के (Sahara India Group) निर्माण तक का सफर शामिल है। फिर तो सुब्रतो रॉय (Subrata Roy) सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ते गए। आपको जानकार आश्चर्य होगा की सहारा का गठन करने से पहले उन्होंने बहुत सारे व्यवसाय को प्रारब्ध किया था। जिसमे से चांदी की शुद्धता के जाँच के उपकरण और बिजली के पंखे एयर सहारा ब्रांड के नाम से बेचने का काम जो बाद में उनके विमानन उद्यम।व्यवसाय के नाम का आधार बना।
सहारा इंडिया ग्रुप (Sahara India Group) की पहली आधारशिला उन्होंने १९७८ में गोरखपुर में ही रखा था। सुरुवाती दौर में पांच- छह लोगों से इस कंपनी की सुरुवात कर जल्द ही इसको जन जन लोगों तक पहुंचा दिया। इस कंपनी की स्किम को देखते हुवे लोगों ने भी इस कंपनी को हांथो हाथ लिया और लोग इस कंपनी से जुड़ते गए। जो सुब्रतो रॉय की बहुत बड़ी उपलब्धि थी।
इस कंपनी की सफलता का राज यह था की यह अन्य दूसरी कम्पनी और बैंकों की अपेछा ३-४ % ब्याज ज्यादा देते थे जो लोगों के बिच काफी लुभावना और लवहदायक था। जिसके कारण इस कंपनी को लोगों ने हाथो हाथ लिया और सहयोग भी दिया।
उसके बाद उन्होंने कई अन्य सफल व्ययसाय की आधारशिला रखी जिसमे मुख्या रूप से फाइनेंस, रियल स्टेट , मीडिया , हॉस्पिटैलिटी है। फिर बाद में १९९१ में एयर सहारा एयरलाइन्स की भी स्थापन की थी जो काफी महसूर भी हुवा था। जहाँ तक मेरा व्यक्तिगत अनुभव की बात है तो मेरा पहला हवाई सफर एयर सहारा से ही हुए थी जो मै दिल्ली से मुंबई गया था। जिसको बाद में 2006 में $500 मिलियन से अधिक में जेट एयरवेज़ को बेच दिया गया था।
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