Peter Higgs dies at 94: Who discover गॉड पार्टिकल “हिग्स-बोसोन”

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Peter Higgs
Peter Higgs
Peter Higgs dies at 94

हिग्स-बोसोन पार्टिकल’/ गॉड पार्टिकल (Higgs-Boson Particle/ God Particles):

हिग्सबोसोन पार्टिकल‘ (Higgs-Boson Particle) (गॉड पार्टिकल– God Particles) की खोज करने वाले यूरोपीय वैज्ञानिक (Peter Higgs) पीटर हिग्स का 94 वर्ष की आयु में 8 अप्रैल को निधन हो गया। उनके इस महत्वपूर्ण, अभूतपूर्व और  क्रांतिकारी खोज के लिए उनको 2013 में नोबेल पुरस्कार मिला था। उनके इस महत्वपूर्ण सैद्धान्तिक खोज ने इन जटिल प्रश्नों का उत्तर दिया की ब्रह्माण्ड अपने अस्तित्व में कैसे आया और इस ब्रह्माण्ड के सभी कण में द्रव्यमान कहाँ से आता है।

आपको जानकार आश्चर्य होगा की  हिग्स बोसोन‘ (Higgs-Boson Particle) में ‘हिग्स’ का नाम ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी पीटर हिग्स (Peter Higgs) के नाम पर रखा गया है, जबकि ‘बोसोन’ का नाम भारतीय वैज्ञानिक सत्येन्द्र नाथ बोस के नाम पर रखा गया है। जिसमे सत्येन्द्र नाथ बोस (Satyendra Nath Bose) ने 2012 के न्यूयॉर्क टाइम्स के एक लेख में “गॉड पार्टिकल का जनक’ (Father of God Particle) का उल्लेख किया था।

गॉड पार्टिकल (God Particles ) क्या है और यह विज्ञान के छेत्र में क्यों महत्वपूर्ण है:

गॉड पार्टिकल (God particle) का मतलब हिग्स बोसॉन (Higgs boson) से है। हिग्स बोसॉन पदार्थ/भौतिक विज्ञानं में एक मौलिक कण है। यह एक प्रमुख कण है जो पूरे ब्रह्मांड में एक विशेष प्रकार के क्षेत्र का मुख्य हिस्सा है जिसे हिग्स क्षेत्र कहते हैं। इस हिग्स क्षेत्र के द्वारा ही सभी पदार्थ को द्रव्यमान मिलता है।

हिग्स बोसॉन (Higgs-Boson Particle) की खोज बहुत लंबे समय से वैज्ञानिकों द्वारा की जा रही थी। यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण कण है क्योंकि इसका प्रभाव पूरे ब्रह्मांड व्याप्त है। यह कण भौतिकी विज्ञान (particle physics) के मानक मॉडल (Standard Model) की पुष्टि करता है, जो कि मौलिक कणों (particle physics) और उनकी आपसी इंटरैक्शन की व्याख्या करता है।

हिग्स बोसॉन (Higgs-Boson Particle) को पहली बार 2012 में स्विट्जरलैंड के जिनेवा में स्थित CERN (यूरोपियन ऑर्गेनाइजेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च-European Organization for Nuclear Research) के लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (Large Hadron Collider) में खोजा गया था। यह एक बड़ा वैज्ञानिक मील का पत्थर था क्योंकि यह कण भौतिकी के मानक मॉडल की सबसे महत्वपूर्ण भविष्यवाणियों में से एक था।

हिग्स बोसॉन (Higgs-Boson Particle) के अस्तित्व की खोज से पहले, वैज्ञानिकों का हमेसा चिंतन और मनन होता रहता था कि हिग्स क्षेत्र के माध्यम से कणों को द्रव्यमान कैसे प्राप्त होता है, इसे साबित करने के लिए एक उपयुक्त कण की आवश्यकता थी। हिग्स बोसॉन (Higgs-Boson Particle) की इस खोज ने इस सिद्धांत को मजबूत किया और यह स्पष्ट किया कि हिग्स क्षेत्र में कणों की इंटरेक्शन कैसे होती है।

हिग्स बोसॉन (Higgs-Boson Particle) का नाम ‘गॉड पार्टिकल’ नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह नाम बहुत से वैज्ञानिकों को उचित नहीं लगता है। इसे हिग्स बोसॉन (Higgs-Boson Particle) ही कहा जाता है, क्योंकि इसका नाम वैज्ञानिक पीटर हिग्स (Pitter Higgs) के नाम पर रखा गया है जो इन महत्वपुर्ण कणों की खोज की ओर इस कण के अस्तित्व की भविष्यवाणी की थी।

हिग्स बोसॉन (Higgs-Boson Particle) की खोज के महत्व को इस तरह समझ सकते हैं कि यह भौतिकी के मानक मॉडल (Standard Model) को पूर्णता की ओर ले जाती है। यह वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड की उत्पत्ति और उसकी रचना को समझने में मदद करती है। इसकी खोज ने हमारे ज्ञान को और अधिक विस्तार दिया है और इस रहस्य को विस्तारपूर्वक समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

इस तरह हम सरल भाषा में कह सकते है की हिग्स बोसॉन (Higgs-Boson Particle)  एक मौलिक कण है जो ब्रह्मांड की संरचना और उसके नियमों को समझने में सहायक है। यह भौतिकी के मानक मॉडल को मजबूत करता है और हमारे ज्ञान को विस्तारपूर्वक समझने में मदद करता है।

पीटर हिग्स  (Peter Higgs) को हिग्सबोसॉन (Higgs-Boson) से क्यों जोड़ा जाता है:

पीटर हिग्स (Peter Higgs) एक प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी हैं जो हिग्स बोसॉन और हिग्स क्षेत्र की भविष्यवाणी करने के लिए जाने जाते हैं। उनका जन्म 29 मई 1929 को न्यूकैसल, इंग्लैंड (Newcastle, England) में हुआ था। पीटर हिग्स (Peter Higgs) ने भौतिकी में अपनी पढ़ाई कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (University of Cambridge) में की, जहां उन्होंने बैचलर और मास्टर डिग्री हासिल की।

पीटर हिग्स (Peter Higgs) ने अपने शोध कार्यों में भौतिकी के मानक मॉडल में मौलिक कणों के बीच आपसी इंटरैक्शन पर अध्यन किये थे। 1964 में, उन्होंने एक सिद्धांत प्रस्तुत किया जिसमें उन्होंने एक नए क्षेत्र की संभावना बताई, जिसे बाद में हिग्स क्षेत्र कहा गया और  इस क्षेत्र के माध्यम से, कणों को द्रव्यमान प्राप्त होता है।

हिग्स क्षेत्र के माध्यम से कणों को द्रव्यमान प्राप्त होने की भविष्यवाणी करने के बाद, हिग्स ने यह भी बताया कि इसके लिए एक विशेष कण होना चाहिए, जिसे हिग्स बोसॉन (Higgs-Boson Particle)  कहा जाता है। यह कण हिग्स क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और कणों को द्रव्यमान देने की प्रक्रिया को समझाने में मदद करता है।

हालांकि हिग्स (Peter Higgs) के सिद्धांत को 1960 के दशक में प्रस्तुत किया गया था, इसे प्रमाणित करने में कई दशक लग गए। हिग्स बोसॉन की खोज के लिए वैज्ञानिकों को अत्याधुनिक प्रयोगों और उपकरणों की आवश्यकता थी। 2012 में, स्विट्जरलैंड के जिनेवा में स्थित CERN के लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (LHC-Large Hadron Collider) में हिग्स बोसॉन की खोज की गई। यह खोज भौतिकी के मानक मॉडल की सबसे महत्वपूर्ण भविष्यवाणियों में से एक थी।

पीटर हिग्स (Peter Higgs) के काम को भौतिकी के क्षेत्र में एक मील का पत्थर माना जाता है। उनकी भविष्यवाणी ने भौतिकी के मानक मॉडल को मजबूत किया और वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड के बुनियादी तत्वों को समझने में मदद की।

उनकी शोध के लिए, पीटर हिग्स (Peter Higgs) को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उन्हें 2013 में नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) से सम्मानित किया गया था, जिसे उन्होंने फ्रांस के भौतिक विज्ञानी फ्रांसिस्को एनगलर्ट (French physicist Francisco Englert) के साथ साझा किया।

पीटर हिग्स (Peter Higgs) ने अपने करियर में कई अकादमिक पदों पर भी कार्य किया है। वह एडिनबर्ग विश्वविद्यालय (University of Edinburgh) में प्रोफेसर एमेरिटस (Professor Emeritus) के रूप में कार्यरत रहे हैं और उन्होंने भौतिकी के कई महत्वपूर्ण शोध पत्रों का लेखन किया है।

पीटर हिग्स (Peter Higgs) का विज्ञान के छेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धि:

Peter Higgs
Peter Higgs discover God Particle

पीटर हिग्स (Peter Higgs) का योगदान भौतिकी के क्षेत्र में अमूल्य है और उनके कार्यों ने विज्ञान के क्षेत्र में एक नई दिशा दिखाई है जो निम्न है –

  • हिग्स बोसॉन और हिग्स क्षेत्र की भविष्यवाणी: पीटर हिग्स (Peter Higgs) ने 1964 में हिग्स बोसॉन और हिग्स क्षेत्र की भविष्यवाणी की थी। हिग्स क्षेत्र के माध्यम से कणों को द्रव्यमान प्राप्त होने की अवधारणा राखी थी ।
  • भौतिकी के मानक मॉडल को मजबूत करना: उनकी खोज ने भौतिकी के मानक मॉडल को मजबूत किया, जो मौलिक कणों और उनकी आपसी इंटरैक्शन की व्याख्या करता है।
  • लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (LHC) में खोज: उनकी भविष्यवाणी को प्रमाणित करने के लिए वैज्ञानिकों ने लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (LHC) का उपयोग किया, जिसमें 2012 में हिग्स बोसॉन की खोज की गई थी
  • पुरस्कार: पीटर हिग्स (Peter Higgs) को भौतिकी में उनके योगदान के लिए 2013 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने यह पुरस्कार फ्रांसिस्को एनगलर्ट के साथ साझा किया था। इसके साथ ही अन्य कई प्रतिष्ठित पुरस्कार भी मिले, जिनमें 1997 में डिराक मेडल और 2004 में भौतिकी में वोल्फ पुरस्कार शामिल हैं।
  • एडिनबर्ग विश्वविद्यालय में कार्य: पीटर हिग्स (Peter Higgs) ने अपने करियर में एडिनबर्ग विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में कार्य किया और वहां भौतिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण शोध किए।

पीटर हिग्स (Peter Higgs) का योगदान भौतिकी के क्षेत्र में बेहद महत्वपूर्ण है, और उनकी खोजें विज्ञान के क्षेत्र में एक नई दिशा दिखाने में मददगार रही हैं। उनका काम भविष्य की अनुसंधान के लिए प्रेरणादायक है और भौतिकी के क्षेत्र में एक नया दृष्टिकोण प्रदान करता है।

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