Scuba Diving in Dwarka Price: भगवान् श्री कृष्ण की पवित्र नगर द्वारका के अवशेषों का दर्शन

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Scuba Diving in Dwarka Price
Scuba Diving in Dwarka
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इस लेख (Scuba Diving in Dwarka Price) में हम स्कूबा डाइविंग द्वारका (Scuba Diving in Dwarka) में कैसे करें तथा इन स्कूबा डाइविंग (Scuba Diving ) एजेंसीज का पर व्यक्ति कितना खर्चा आता है  तथा सही स्कूबा डाइविंग एजेंसीज का चयन कैसे करें इसके साथ ही अन्य बातों का विस्तार से वर्णन करेंगे।

Contents
Scuba Diving (स्कूबा डाइविंग) क्या है ?Scuba Diving (स्कूबा डाइविंग) का पर्यटन के छेत्र में  महत्त्व:Scuba Diving (स्कूबा डाइविंग) का पर्यटन के छेत्र में योगदान:भगवान श्रीकृष्ण के नगर द्वारका का पौराणिक कथा :Scuba Diving in Dwarka स्कूबा डाइविंग द्वारका में:Scuba Diving in Dwarka (स्कूबा डाइविंग) द्वारा श्री कृष्ण के जल मग्न द्वारका नगरी के अवशेष का दर्शन:शिवराजपुर बीच और ‘बेट द्वारका/ बेट शंखोद्धार तक कैसे पहुंचें:द्वारका में ‘बेट द्वारका / बेट शंखोद्धार के लिए स्कूबा डाइविंग एजेंसीज का चयन कैसे करें :Scuba Diving in Dwarka Price द्वारका में स्कूबा-डाइविंग की कीमत:Scuba Diving in Dwarka द्वारका में स्कूबा डाइविंग  के साथ अन्य गतिविधियाँ:Scuba Diving in Dwarka द्वारका में स्कूबा डाइविंग  के लिए सही समय:Scuba Diving in Dwarka स्कूबा डाइविंग  के लिए द्वारका में कहाँ ठहरे :

Scuba Diving (स्कूबा डाइविंग) क्या है ?

Scuba Diving (स्कूबा डाइविंग)  एक जल गतिविधि है जो बहुत से कार्यों को करने  के लिए किया जाता है जिसमे – पानी/समुद्र के नीचे के वातावरण और दुनिया का पता लगाने के लिए किया जाता है जो शोध के विषय के अंतरगर्त आता है वही दूसरी तरफ पानी/समुद्र के निचे के सुन्दर दृश्यों को देखने और घूमने के लिए किया जाता है जो टूरिज्म/पर्यटन के अंतरगर्त आता है।  जिसमें मूंगा चट्टानें, समुद्री जीवन, जहाजों के टुकड़े और अन्य जलमग्न परिदृश्य शामिल हैं। आजकल स्कूबा डाइविंग को एक मनोरंजक शौक, एक पेशेवर करियर, वैज्ञानिक अनुसंधान और अन्वेषण के रूप में अपना रहे हैं।

इन दोनों की गतिविधि के अंतरगर्त एक स्व-निहित श्वास उपकरण (स्कूबा) का उपयोग पानी के नीचे श्वास लेने के लिए किया जाता है। शब्द “स्कूबा” का अर्थ “स्वयं निहित पानी के अंदर सांस लेने का उपकरण” है। स्कूबा डाइविंग में, गोताखोर अपनी पीठ पर संपीड़ित हवा (compressed air )या अन्य श्वास लेने वाली गैस का एक टैंक ले जाते हैं, जो एक नियामक से जुड़ा होता है जो माउथपीस के माध्यम से गोताखोर तक हवा पहुंचाता है।

Scuba Diving (स्कूबा डाइविंग) में गोताखोर पानी में आराम से रहने के लिए वेटसूट या ड्राईसूट पहनते हैं और प्रणोदन (propulsion) के लिए पंखों का उपयोग करते हैं। इसके अतिरिक्त अन्य उपकरण जैसे उछाल नियंत्रण उपकरण/buoyancy control device  (बीसीडी/BCD), एक मुखौटा और अन्य सहायक उपकरण जरुरत के अनुसार ले जाते हैं।

Scuba Diving (स्कूबा डाइविंग) का पर्यटन के छेत्र में  महत्त्व:

पर्यटन के छेत्र में स्कूबा डाइविंग आज के समय में बहुत प्रचलित है। जिसके कारण पर्यटकों की रुझान स्कूबा डाइविंग के तरफ बढ़ता ही जा रहा है। आज तो बहुत से ट्रेवल एजेंसी स्कूबा डाइविंग का अच्छी सर्विस दे रहे हैं। ये सभी एजेंसीज स्कूबा डाइविंग के प्रशिक्षण और प्रमाण से युक्त होते हैं इसके लिए इन सभी एजेंसीज के गोताखोर आवश्यक कौशल और सुरक्षा प्रोटोकॉल सीखने के लिए PADI (प्रोफेशनल एसोसिएशन ऑफ डाइविंग इंस्ट्रक्टर्स) या NAUI (नेशनल एसोसिएशन ऑफ अंडरवाटर इंस्ट्रक्टर्स) जैसे संगठनों द्वारा प्रदान किए गए पाठ्यक्रमों को हासिल कर इसमें निपुणता प्राप्त करते हैं। इसके बाद पर्यटकों को स्कूबा डाइविंग करने के लिए योग्य होते हैं।

स्कूबा डाइविंग एक रोमांचक और अनूठा अनुभव पर्यटन छेत्र में देता है जो समुद्री जीवन की सुंदरता और भौतिकी को अनुभव करने का एक शानदार तरीका है। यह एक विशेष प्रकार का पर्यटन है जो लोगों को समुद्री जीवन के साथ एकजुट होने का अवसर देता है और एक नए दुनिया का अनुभव प्राप्त करने का मौका देता है।

Scuba Diving (स्कूबा डाइविंग) का पर्यटन के छेत्र में योगदान:

  • प्राकृतिक सौंदर्य: स्कूबा डाइविंग पर्यटन लोगों को समुद्री जीवन, करंट्स, कोरल रीफ, विविध समुद्री जीवन और अन्य प्राकृतिक सौंदर्यों का दर्शन कराता है। यह पानी के अंदर एक नए और आश्चर्यजनक दुनिया का परिचय करता है जो सभी को प्रभावित करता है।
  • पारिस्थितिक संरक्षण: स्कूबा डाइविंग के प्रशिक्षण के दौरान, लोगों को समुद्री पारिस्थितिकियों का आदर्श तरीके से पालन करना सिखाया जाता है और समुद्री जीवन की सुरक्षा के लिए जागरूकता बढ़ती है।
  • पर्यावरणीय सजीवता का समर्थन: स्कूबा डाइविंग पर्यावरणीय सजीवता के समर्थन का एक साधन है जो पर्यटकों को इसके प्रति जागरूक बनता है। इसके लिए कई स्कूबा डाइविंग केंद्र और संगठन वैश्विक समुद्री संरक्षण परियोजनाओं का समर्थन करते हैं और समुद्री सांविदानिकों को प्रोत्साहित करने का कार्य करते हैं।
  • पर्यटन के लिए आर्थिक योगदान: स्कूबा डाइविंग का पर्यटन अक्सर स्थानीय समुद्रतटों को प्रोत्साहित करने में मदद करने में योगदान करता है जो स्थानीय लोगों को नौकरियों और व्यवसायिक अवसरों का एक स्रोत प्रदान करके के साथ साथ उनके आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में सहयोग करता है।
  • सामाजिक और शैक्षिक लाभ: स्कूबा डाइविंग प्रशिक्षण और यात्राओं के दौरान, लोगों के नए दोस्त बनते हैं इसके साथ ही समुद्री जीवन के बारे में शिक्षा प्राप्त करते हैं और अनूठे सामाजिक अनुभवों का आनंद प्राप्त करते हैं।

एक तरह से स्कूबा डाइविंग, पर्यटन पर्यावरण के दृष्टिकोण से पर्यटन के क्षेत्र में एक समृद्ध और समृद्ध अनुभव प्रदान करता है।

भगवान श्रीकृष्ण के नगर द्वारका का पौराणिक कथा :

महाभारत के मुख्य पात्र भगवान् श्री कृष्ण से कौन अवगत नहीं होगा, प्रभु श्री कृष्ण तो हिन्दू धर्म के आधारभूत है और प्रत्येक सनातनी के पथ प्रदर्शक है चाहे वह धर्म का छेत्र  हो, कर्म का छेत्र हो, अर्थ का छेत्र हो या काम का चेत्र हो, वे तो कण कण में व्याप्त हैं सबके चेतना और ज्ञान का श्रोत हैं तो सबके के मुक्तिदाता भी वही हैं।

गुजरात राज्य के पश्चिमी तट पर स्थित द्वारका एक महत्त्वपूर्ण और पौराणिक नगर है जो सनातन हिंदू धर्म के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण की राजधानी थी। यह एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल है जिसे लोग उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्त्वपूर्णता के लिए जानते हैं।

हिन्दू धर्म की मान्यता  के अनुसार  कंस का ससुर जरासंध श्रीकृष्ण से बदला लेने के लिए बार-बार मथुरा पर आक्रमण कर रहा था। श्रीकृष्ण ने जरासंध को 17 बार पराजित किया था । अंततः यादवों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए श्री कृष्ण ने मथुरा छोड़ने का निर्णय लिया। उसके बाद भगवान श्री कृष्ण ने द्वारकापुरी की स्थापना का निर्देश देव शिल्पी विश्वकर्मा को दिया, जिससे विश्वकर्मा ने एक ही रात में समुद्र के बीच में इस भव्य नगरी का निर्माण किया और फिर उसके बाद श्री कृष्ण ने अपने समस्त यादव बंधुओं के साथ द्वारका आकर निवास करने लगे। यह द्वारका धाम गुजरात के काठियावाड क्षेत्र में अरब सागर के समीप स्थित है।

महाभारत युद्ध के बाद श्री कृष्ण के वैकुंठ प्रस्थान करने के पश्चात द्वारका नगरी समुद्र में स्वतः ही समा गई, केवल श्री कृष्ण का मूल मंदिर ही बचा रहा था।  जिसको द्वारकाधीश मंदिर के नाम से जाना जाता है और यह मुख्य मंदिर लगभग 2500 वर्ष पुराना माना गया है। कुछ वर्षों पहले नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ असियनोग्राफी को समुद्र के अंदर प्राचीन द्वारका के अवशेष प्राप्त हुए थे। श्री कृष्ण की द्वारका नगरी की दीवारें के साथ अन्य महत्वपूर्ण अवशेष आज भी समुद्र के गर्त में मौजूद हैं।

Scuba Diving in Dwarka स्कूबा डाइविंग द्वारका में:

भगवान श्रीकृष्ण के नगर द्वारका के अवशेषों का समुद्र में बहुत महत्त्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक महत्त्व है। समुद्र में द्वारका के अवशेषों को देखने के लिए स्कूबा डाइविंग एक उत्कृष्ट तकनीक है। कई धार्मिक और इतिहासी अनुसंधानकर्ता और यात्री ने समुद्री क्षेत्र में द्वारका के अवशेषों की खोज की है। इस अवशेष द्वारा सभी को धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण जानकारी मिलती है। इसके अलावा यहां कुंजबिहारी, शंखोद्धारा, गोमती नदी, राजा सुभद्र तथा श्रीकृष्ण की अनेक भव्य स्थलें देखी जा सकती हैं।

स्कूबा डाइविंग (Scuba Diving in Dwarka Price) द्वारा समुद्र में डुबे द्वारका के अवशेषों की यात्रा करना एक खोजकर्ता, रोमांच और उत्साहवर्धक गतिविधियाँ के शौकीन लोगों और धार्मिक व्यक्ति के लिए एक अद्वितीय अनुभव हो सकता है। यह स्थान भगवान श्रीकृष्ण के अद्भुत कार्यों की आधारशिला है और यहां एक दिव्यता महसूस होती है। समुद्र में विलीन द्वारका के अवशेषों को एक पर्यटन छेत्र  के रूप में विकसित किया जा रहा है जिसकी यात्रा हाल में ही हमारे प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने करके इस जल मग्न अवशेष को पर्यटन के रूप में पहचान देने की कोसिस की है जो की एक अद्भुत और सहराहनीय कार्य है।

अब बहुत सारे लोग माननीय नरेंद्र मोदी जी के इस यात्रा का अनुसरण कर यहाँ स्कूबा डाइविंग (Scuba Diving in Dwarka Price) के द्वारा यात्रा कर इस ऐतिहासिक और पवित्र स्थल की यात्रा करेंगे।  फिर तो कुछ चंद दिनों में ही यह स्थल एक पूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में विकसित और विख्यात हो जाएगा । जिससे यहाँ के लोगों को काम मिलेगा और आर्थिक लाभ प्राप्त होगा जिसके फलसवरूप यहाँ के लोगों के जीवन के स्तर मे सुधार होगा।

Scuba Diving in Dwarka (स्कूबा डाइविंग) द्वारा श्री कृष्ण के जल मग्न द्वारका नगरी के अवशेष का दर्शन:

भगवान कृष्ण की दिव्य द्वारका राज्य का अनुभव केवल अपने दिव्य धर्म ग्रंथों से प्राप्त करते रहे हैं लेकिन अब स्कूबा डाइविंग द्वारा द्वारका शहर का दिव्य प्राचीन भूमि का दर्शन संभव हो सका है जो समय के काल के प्रभाव में अब समुद्र के कई थाह नीचे स्थित है। अपने पौराणिक कथाओं में वर्णित भगवान कृष्ण के पौराणिक शहर के अवशेषों को देखना हम सभी को आश्चर्य, विस्मय और रोमांच से भर देता है। इस स्कूबा डाइविंग के माध्यम से इसके साथ ही डॉल्फ़िन, कछुए, ऑक्टोपस, स्टारफ़िश और विभिन्न प्रकार की पानी के नीचे की प्रजातियों को भी देखने का मौका प्राप्त होता है।

शिवराजपुर एक समुद्र तटीय स्थल है जो गोताखोरी के लिए द्वारका में महशुर  है। यहाँ आप स्कूबा डाइविंग (Scuba Diving in Dwarka Price) का आनंद ले सकते हैं जो द्वारका टाउन से 13 किमी दुरी पर स्थित है। वही दूसरी ऒर आधुनिक समय में प्राचीन द्वारका के कुछ अवशेष द्वारका के तट और बेट द्वारका/ बेट शंखोद्धार ‘ के पास समुद्र के गहराई में खोजा गया है जिनकी हाल ही में खुदाई की गई थी। कुछ पुरातत्वविदों का कथन है कि ये अवशेष  महाभारत के खोए हुए, जलमग्न द्वारका के अवशेष हैं, लेकिन इनकी वास्तविक उत्पत्ति के बारे में अभी पुर्ण  स्पष्टता  के साथ कहा नहीं जा सकता है।

उसके लिए अभी शोध जारी है। लेकिन यह फिर भी रोमांचित करने वाली खोज है। इसलिए नीले समुद्र के पानी में जलमग्न हमारे प्रभु श्री कृष्ण के नगरी द्वारका का अवशेषों का एक छोटा सा भ्रमण कौन नहीं करना चाहेगा, मेरे विचार से तो सभी करना चाहेंगे। यह एक रोमांचकारी जल क्रीड़ा और वास्तव में प्राचीन इतिहास का अद्भुत दौरा, और हमारे पौराणिक कथाओं का वास्तविक दर्शन  यह निश्चित रूप से एक अद्भुत अनुभव होगा। और इसी को देखते हुवे हमारे प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने इस दिव्य स्थल का दर्शन कर लोगों को अपने ऐतिहासिक धरोहर के प्रति जागरूक और इस स्थान की प्रमाणिकता को जान जान के सामने रखा है।

बेट द्वारका, जिसे शंखोधर के नाम से भी जाना जाता है, कहा जाता है कि द्वारका में अपने शासनकाल के दौरान भगवान कृष्ण का निवास स्थान था और यह बेट द्वारका या शंखोद्धार कच्छ की खाड़ी में स्थित एक द्वीप है। यह द्वीप समुद्रतट पर स्थित ओखा से ३ किमी की दूरी पर है। इसकी लम्बाई लगभग १३ किमी है तथा औसत चौड़ाई ४ किमी है। द्वारका यहाँ से ३० किमी दक्षिण में स्थित है इसी को देखते हुवे  सरकार ने आगंतुकों को अवशेषों का पता लगाने के लिए स्कूबा डाइविंग (Scuba-Diving in Dwarka) गतिविधि की अनुमति देना शुरू कर दिया है।

शिवराजपुर बीच औरबेट द्वारका/ बेट शंखोद्धार तक कैसे पहुंचें:

द्वारका अपने आसपास के कई प्रमुख शहरों और कस्बों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है जिसमे रेल मार्ग, सड़क मार्ग और हवाई मार्ग है –

  • सड़क द्वारा- शिवराजपुर समुद्र तट गुजरात राज्य के प्रमुख शहरों जैसे जामनगर (142 किमी), राजकोट (236 किमी) और अहमदाबाद (462 किमी) से सड़क नेटवर्क के माध्यम से पहुँच सकते हैं।
  • ट्रेन द्वारा- यहाँ का निकटतम रेलवे स्टेशन द्वारका है, जो शिवराजपुर बीच से लगभग 14 किमी दूर है और पहुँचने में लगभग 25 मिनट लगते हैं।
  • हवाईजहाज द्वारा- निकटतम हवाई अड्डा जामनगर है, जो दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद जैसे देशों के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। जामनगर हवाई अड्डा शिवराजपुर समुद्र तट से लगभग 138 किमी की दूरी पर स्थित है और यहाँ पहुँचने में लगभग 2.75 घंटे लगते हैं।

द्वारका में बेट द्वारका / बेट शंखोद्धार के लिए स्कूबा डाइविंग एजेंसीज का चयन कैसे करें :

Scuba-Diving in Dwarka (द्वारका में स्कूबा डाइविंग)  के लिए एजेंसी का चयन करना एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, ताकि आप सुरक्षित और आनंदमय तरीके से डाइव कर सकें। यहां कुछ चरण हैं जो आपको एजेंसी चयन करने में मदद कर सकते हैं:

  • प्रमाणपत्र और प्रतिष्ठा:- एजेंसी का चयन करने से पहले, उनकी प्रमाणपत्र और प्रतिष्ठा की जाँच करें। एक प्रमुख और मान्यता प्राप्त एजेंसी के साथ डाइव करना सुनिश्चित करें।
  • अनुभव और शिक्षा:- एजेंसी के इंस्ट्रक्टरों और दी जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता की जाँच करें। ज्यादा अनुभवी और प्रशिक्षित इंस्ट्रक्टरों के साथ डाइविंग करना सुरक्षित होता है।
  • सुरक्षा प्रमाणपत्र और नियम:- एजेंसी की सुरक्षा प्रमाणपत्र और नियमों की जाँच करें। इससे यह सुनिश्चित होगा कि वे स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्कूबा डाइविंग संबंधित मानकों का पालन करते हैं या नहीं ।
  • व्यायाम और सुविधाएँ:- एजेंसी के पास अच्छी डाइविंग सुविधाएँ और सुरक्षा उपकरण होने चाहिए। सुरक्षा उपकरणों की स्थिति और उनकी व्यायाम को ध्यान में रखें।
  • रिव्यू और प्रतिस्थापन:-चयन किए गए एजेंसी की रिव्यू और प्रतिस्थापन की जाँच करें। उनकी नई तकनीकों और नियमों के प्रति समर्पण की जाँच करना भी महत्वपूर्ण है।
  • अन्य स्कूबा डाइवरों की सलाह:-अन्य स्कूबा डाइवरों और यात्रीगण से सलाह लें जो पहले से ही डाइविंग कर चुके हैं। उनके अनुभव से आपको अच्छी जानकारी मिल सकती है।
  • अभिज्ञान क्षेत्र:-आपके इंटरेस्ट के हिसाब से दिवारका के अभिज्ञान क्षेत्र में कार्य करने वाले एजेंसी का चयन करें। कुछ एजेंसीज विशेष अभिज्ञान क्षेत्रों में स्कूबा डाइविंग की प्रशिक्षण प्रदान कर सकती हैं।

यदि आप इन चरणों का पालन करते हैं, तो आप एक अच्छी स्कूबा डाइविंग एजेंसी का चयन कर सकते हैं और द्वारका में सुरक्षित और अनुभवपूर्ण रूप से स्कूबा डाइविंग के लिए हम आनंद ले सकते हैं।

जब आप यह निर्णय ले लेते है की किस कंपनी के साथ हमें स्कूबा डाइविंग (Scuba Diving) करना है तो निर्धारित तिथि को द्वारका पहुँचने पर एजेंसी आपको प्रशिछण देती है और स्कूबा-डाइविंग लिए तैयार करती हैं। जब आप तैयार हो जाते हैं तो आपके इच्छानुसार समूह के साथ या अकेले इस रोमांचकारी यात्रा की वयस्था करती है जो बहुत ही अद्भुत अनुभव प्रदान करती है। मेरा यह अनुभव है की समूह में स्कूबा-डाइविंग करना ज्यादा सुरछित है।  आप इस रोमांचकारी यात्रा में श्री कृष्ण के द्वारका नगरी देखने के साथ साथ बहुत कुछ देखने को मिलेगा जो बहुत ही रोमांचकारी होता है जिसमे आपको यहाँ

समुद्र तल की भूमि पर आपको कई जलमग्न वास्तुशिल्प संरचनाओं के साथ-साथ मूंगे की चट्टानें देखने को मिलेगा जो समुद्र तट पर खूबसूरती के साथ फैली हुई हैं। यहां का पानी साफ है, जिसमे आपको डॉल्फ़िन, कछुए, ऑक्टोपस और स्टारफ़िश जैसे समुद्री जानवरों को भी देखने को मिलेगा  जो आपकी इस स्कूबा डाइविंग (Scuba Diving in Dwarka) की पूरी यात्रा को सार्थक बना देगा।

Scuba Diving in Dwarka Price द्वारका में स्कूबा-डाइविंग की कीमत:

Scuba Diving in Dwarka Price (स्कूबा-डाइविंग ) की व्यस्था एडवेंचर कंपनी द्वारा प्रदान किया जाता है। यहाँ पर बहुत सारे एजेंसीज है जो स्कूबा डाइविंग की व्यस्था करते हैं और प्रशिछण देते हैं। इसके लिए सभी स्कूबा-डाइविंग सर्विस देने वाले इसका चार्ज औसतन  2500/  से 3500/ के बीच  प्रति व्यक्ति लेते है। कुछ विश्वसनीय स्कूबा डाइविंग (Scuba Diving) एजेंसीज निम्न है जहाँ इनके वेब साइट्स पर जाकर इसके (Scuba Diving in Dwarka Price) बारे में विस्तृत जानकारी हासिल प्राप्त कर सकते हैं और इनसे संपर्क स्थापित कर सकते हैं:-

Scuba Diving in Dwarka द्वारका में स्कूबा डाइविंग  के साथ अन्य गतिविधियाँ:

आप यहाँ Scuba Diving in Dwarka (स्कूबा डाइविंग) के अलावा बहुत कुछ एक्स्प्लोर कर सकते हैं।  द्वारका में बहुत सुन्दर सुन्दर मंदिर है इसको देख सकते हैं, यहाँ के समुद्र तट के खूबसूरत दृश्यों का अवलोकन कर सकते हैं।  इसके साथ ही यहाँ का लाइट हाउस, और यहाँ के लोकल बाजार को जरूर देखें। –

  • मंदिर भ्रमण: द्वारका में बहुत सारे मंदिर हैं जहां आप जा सकते हैं, उनमें से कुछ सदियों पुराने हैं। 2000 साल पुराना द्वारकाधीश मंदिर एक ऐसा मंदिर है जिसे आप देखना जरूर चाहेंगे । इसके साथ ही, भड़केश्वर महादेव, समुद्र, सरस्वती, रुक्मिणी, ज्योतिर्लिंग और लक्ष्मी मंदिर की जो गोमती नदी के घाटों पर स्थित हैं, सभी बहुत सुन्दर मंदिर है।  अगर आध्यात्मिक दृश्टिकोण से जाएँ तो इन मंदिरों में बैठने पर आपको एक आध्यात्क़िक शान्ति का अनुभव होगा।
  • लाइटहाउस: यहाँ पर स्थित लाइटहाउस समुद्र के किनारे पर स्थित है यहाँ से  आपको द्वारका शहर का एक सुंदर मनोरम दृश्य दिखाई देगा।
  • द्वारका समुद्रतट: यहाँ के समुद्रतट भी एक शानदार यात्रा के लिए सही जगह है यहाँ पर नव की सवारी कर और घाटों  ले सकते हैं।
  • यहाँ की स्थानीय बाजार : द्वारका में फैले सभी छोटे बाजारों में खरीदने के लिए बहुत सारी चीजें हैं जैसे सस्ते आभूषण, सजावट, बुनी हुई जूतियां और ऐसी अन्य कई चीजें।
  • सुदामा सेतु, सिग्नेचर ब्रिज और सुदर्शन सेतु:  यह यहां का प्रसिद्द पुल है यह सुन्दर और विशाल पल है।  अभी हाल में ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 25 फरवरी २०२४ को ओखा और बेत के बीच सिग्नेचर ब्रिज, और सुदर्शन सेतु का उद्घाटन किया था।  इसका अवलोकन करना भी आपको एक सुखद अनुभूति देगा।

Scuba Diving in Dwarka द्वारका में स्कूबा डाइविंग  के लिए सही समय:

द्वारका के बेट द्वारका/ बेट शंखोद्धार जाने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च महीने तक होता है  क्योंकि इस समय बहुत सुहावना, सुखद और आरामदायक होता है क्यों की न ज्यादा ठण्ड होता है और न ज्यादा गर्मी होता है। क्यों की इन सर्दियों में द्वारका में खूबसूरत धूप वाले दिन और ठंडी रातें होती हैं।

Scuba Diving in Dwarka स्कूबा डाइविंग  के लिए द्वारका में कहाँ ठहरे :

द्वारका में आगंतुकों के लिए ठहरने के लिए बहुत सारे स्थान हैं। होटल, गेस्ट हाउस से लेकर धर्मशाला तक यहाँ पर ठहरने की उचित व्यस्था है। चुकी इस मौसम में बहुत सारे टूरिस्ट इस जगह पर घूमने के लिए आते हैं इसलिए  पहले से बुकिंग कर लेना ज्यादा उचित और किफायती रहता है।

बेट द्वारका/ बेट शंखोद्धार, द्वारका से केवल 45 मिनट की ड्राइव दुरी पर है, इसलिए द्वारका में ठहरना ज्यादा उचित और सही विकल्प है क्योंकि यहाँ पर आपको बहुत सारे ऑप्शन और विकल्प मिल जाएंगे।

आपको यह आर्टिकल – Scuba Diving in Dwarka Price (स्कूबा ड्राइविंग द्वारका में) कैसा लगा, जरूर बताएं,  मैंने ज्यादा से ज्यादा Scuba Diving (स्कूबा ड्राइविंग)  के बारे में  जानकारी देने की कोसिस की है, आप लोग अगर Scuba Diving in Dwarka (द्वारका में स्कूबा ड्राइविंग) पर गए हैं तो अपना अनुभव जरूर शेयर करें।

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