Polyamorous Relationship: एक नहीं, कई प्यार को एक साथ करना पसंद कर रहे हैं आज की युवा पीढ़ी।
Polyamorous Relationship– क्या आपने कभी सोचा है, क्या वाकई प्यार सिर्फ एक इंसान से ही किया जा सकता है?”
यानी कि अगर आप दो या उससे अधिक लोगों से एक साथ प्यार करते हैं, और सभी को इसकी जानकारी और सहमति है—तो क्या ये धोखा है? या ईमानदारी का नया रूप? आज का लेख उस विषय पर है जो आजकल चर्चा का केंद्र बन चुका है — पॉलीमोरस रिलेशनशिप। और यह सिर्फ एक ट्रेंड नहीं है, बल्कि यह एक सोच है और आज की युवा पीढ़ी में एक जीवनशैली बनता जा रहा है।
दोस्तों, आइए इसे खुलकर समझते हैं ।सबसे पहले सवाल ये—क्या पॉलीमोरस रिलेशनशिप और ओपन रिलेशनशिप एक ही चीज़ है? कई लोग दोनों को एक ही समझ बैठते हैं, लेकिन असल में इनमें बारीक फर्क है। पॉलीमोरी का मतलब होता है कई लोगों से भावनात्मक और रोमांटिक रिश्ता, जबकि ओपन रिलेशनशिप का मतलब है—शारीरिक रिश्तों की आज़ादी, एक तयशुदा समझौते के तहत। अब सवाल उठता है—क्यों Gen Z इस रिलेशनशिप ट्रेंड की तरफ आकर्षित हो रही है?
क्या ये सिर्फ ‘फैशन’ है या इसके पीछे कोई गहरी सोच है? आज की पीढ़ी भावनाओं में पारदर्शिता चाहती है। उन्हें रिश्तों में ईमानदारी चाहिए, चाहे वो एक हो या अनेक। इसलिए Gen Z रिलेशनशिप ट्रेंड में पॉलीमोरी और Open Relationship जैसे विकल्प तेजी से उभर रहे हैं।आपका क्या मानना है? क्या आप मानते हैं कि एक से ज्यादा लोगों से प्यार करना स्वाभाविक हो सकता है, अगर सब सहमति में हों? या आपको लगता है कि ये पारंपरिक रिश्तों को तोड़ने वाली सोच है? चलिए, इस लेख में हम मिलकर इन सवालों के जवाब खोजते हैं। क्योंकि बदलते दौर में रिश्तों की परिभाषा भी बदल रही है… और शायद यही समय है उन्हें नए नजरिए से समझने का।
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Polyamorous Relationship – पॉलीमोरस रिलेशनशिप क्या होता है?
इस शब्द की उत्पत्ति ग्रीक और लैटिन शब्दों से मिलकर हुई है।
- “पॉली” = कई (Greek)
- “अमोरी” = प्यार (Latin)
यानि एक ऐसा रिश्ता जिसमें एक इंसान एक ही समय में कई लोगों से रोमांटिक या इमोशनल जुड़ाव रखता है — पूरी ईमानदारी और सहमति के साथ। तो आप पूछेंगे कि क्या इसमें चीटिंग होती है? बिलकुल नहीं! पॉलीमोरी की सबसे मजबूत नींव है — ईमानदारी, ट्रांसपेरेंसी और सहमति। हर पार्टनर को दूसरे की जानकारी होती है। अगर ये चीज़ें नहीं हैं, तो वो पॉलीमोरी नहीं, बस धोखा है।
क्यों हो रहा है Polyamorous Relationship का चलन Gen Z में?
अब आप पूछेंगे — “पर ज़रूरत क्या है?” जवाब आपके आसपास ही है।
- ओपन माइंडसेट: आज की पीढ़ी “My Life, My Rules” के सिद्धांत पर चलती है।
- सोशल मीडिया और वेब सीरीज़: नेटफ्लिक्स और इंस्टा जैसे प्लेटफॉर्म्स पर अब पॉलीमोरी को नॉर्मल दिखाया जा रहा है।
- ईमानदार विकल्प: अगर आप अपने पार्टनर से खुश नहीं हैं, पर चीट नहीं करना चाहते — पॉलीमोरी विकल्प देता है।
- बढ़ी हुई स्वतंत्रता: बंधनों के बजाय सहमति से चलने वाले रिश्ते ज्यादा लचीलापन देते हैं।
Polyamorous Relationship के प्रकार: कौन-सा मॉडल आपके लिए?

दोस्तों, हर व्यक्ति की ज़रूरतें अलग होती हैं, और पॉलीमोरी के पास है हर जरूरत का जवाब।
क्या आपने कभी सोचा है कि रिश्तों का एक ऐसा मॉडल भी हो सकता है जहां प्यार की कोई सीमा ना हो? जहां एक से अधिक रिश्ते पूरी ईमानदारी और सहमति से निभाए जाएं? जी हां, हम बात कर रहे हैं Polyamorous Relationships की। लेकिन ये पॉलीमोरी सिर्फ एक ही तरह की नहीं होती। इसमें कई मॉडल्स हैं, और हर मॉडल किसी न किसी की ज़िंदगी के हिसाब से फिट बैठता है। चलिए, बात करते हैं उन 7 प्रमुख प्रकारों की, जो पॉलीमोरी की दुनिया को आकार देते हैं।
- Hierarchical Polyamory – जब एक रिश्ता सबसे ऊपर होता है जिसे प्राथमिकता मिलती है, बाकी पार्टनर सेकेंडरी माने जाते हैं।
आपका अनुभव:
“मुझे तो सिर्फ इतना चाहिए कि एक पार्टनर मेरी लाइफ़ में सबसे अहम रहे, बाकी रिश्ते ज़रूरी तो हों, लेकिन थोड़े पीछे।”
यह मॉडल क्या कहता है?
इस मॉडल में एक Primary Partner होता है जिसे भावनात्मक, समय या निर्णय लेने के मामले में प्राथमिकता दी जाती है। बाकी पार्टनर Secondary माने जाते हैं — सम्मान के साथ, लेकिन सीमाओं के साथ।
यह कैसे काम करता है?
- आप शादीशुदा हो सकते हैं और साथ ही कुछ डेटिंग रिलेशनशिप भी चल सकती हैं।
- सीमाएँ साफ़ होती हैं: जैसे “सेकंडरी पार्टनर को घर नहीं लाना” या “किसी छुट्टी पर सिर्फ प्राइमरी पार्टनर जाएगा।”
- स्पष्टता और ईमानदारी जरूरी है।
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- Non-Hierarchical Polyamory – सब रिश्ते बराबर, सभी पार्टनर्स बराबर, बिना किसी ‘रैंक’ या दर्जे के। कोई नंबर गेम नहीं
आपका अनुभव:
“मुझे किसी एक को ऊपर और किसी को नीचे नहीं रखना। मेरे सभी रिश्ते मेरे लिए खास हैं।”
यह मॉडल क्या कहता है?
यहाँ कोई ‘प्राइमरी’ या ‘सेकंडरी’ नहीं होता। हर पार्टनर के साथ संबंध उतने ही महत्वपूर्ण और स्वतंत्र होते हैं।
कैसे काम करता है?
- निर्णय सभी पार्टनर्स की सहमति से लिए जाते हैं।
- टाइम स्पेंडिंग, इमोशनल इन्वेस्टमेंट — सबका संतुलन रहता है।
- यह मॉडल थोड़ा अधिक संवाद और भावनात्मक जागरूकता की मांग करता है।
- Solo Polyamory – आज़ादी और आत्मनिर्भरता के साथ प्यार, इसमें. व्यक्ति स्वतंत्र रहता है, पार्टनर होते हैं लेकिन बिना पारंपरिक कमिटमेंट के।
आपका अनुभव:
“मैं किसी का बॉयफ्रेंड/गर्लफ्रेंड हो सकता हूं, लेकिन मैं अपना मालिक खुद हूं।”
यह मॉडल क्या कहता है?
इसमें व्यक्ति खुद को एक स्वतंत्र इकाई मानता है। वह रिश्ते रखता है, लेकिन पारंपरिक ढांचे में नहीं बंधता — न शादी, न सह-निवास, न ही ‘हमारा फ्यूचर प्लान’।
कैसे काम करता है?
- आप अपने खुद के शेड्यूल, घर और ज़िंदगी के मालिक हैं।
- पार्टनर होते हैं, लेकिन उनका प्रभाव आपके कोर लाइफस्टाइल पर नहीं होता।
- यह उन लोगों के लिए है जो रिश्ते चाहते हैं, लेकिन independence first मानते हैं।
- Parallel Polyamory – आपके पार्टनर के पार्टनर से कोई मतलब नहीं, मतलब पार्टनर के पार्टनर को जानने या मिलने की ज़रूरत नहीं होती।
आपका अनुभव:
“मैं अपने पार्टनर से जुड़ा हूं, उनके और रिश्तों से नहीं।”
यह मॉडल क्या कहता है?
यहाँ आप और आपके पार्टनर के अन्य पार्टनर्स के बीच कोई सोशल इंटरैक्शन नहीं होता। सभी रिश्ते समानांतर (parallel) चलते हैं।
कैसे काम करता है?
- No kitchen-table talk, no group meetups.
- आपकी फोकस सिर्फ अपने रिलेशन पर होती है।
- कोई ज़बरदस्ती नहीं होती मिलने-जुलने की।
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- Kitchen Table Polyamory – सभी लोग एक-दूसरे से परिचित होते हैं, एक परिवार जैसी भावना होती है।
आपका अनुभव:
“मुझे अपने पार्टनर के पार्टनर से भी दोस्ती चाहिए — जैसे हम सब एक टीम हैं।”
यह मॉडल क्या कहता है?
यह सबसे सामूहिक और सामंजस्यपूर्ण मॉडल है। यहाँ हर कोई एक-दूसरे से परिचित होता है — कुछ दोस्त बन जाते हैं, कुछ फैमिली-जैसे।
कैसे काम करता है?
- आप एक-दूसरे के बर्थडे सेलिब्रेट कर सकते हैं।
- कोई ईर्ष्या नहीं, बल्कि एक दूसरे का सपोर्ट सिस्टम बनते हैं।
- बच्चों की परवरिश भी सामूहिक हो सकती है।
- Polyfidelity – वफ़ादारी, पर एक ग्रुप के अंदर, मतलब इसमें तीन या उससे ज़्यादा लोग मिलकर एक बंद समूह बनाते हैं — कोई बाहरी इसमें शामिल नहीं होता
आपका अनुभव:
“मुझे एक स्थिर, भरोसेमंद रिलेशन चाहिए — लेकिन वो तीन लोगों के बीच भी हो सकता है।”
यह मॉडल क्या कहता है?
इसमें तीन या उससे ज़्यादा लोग एक committed group बनाते हैं। कोई बाहरी नहीं होता। यह एक प्रकार का closed polycule होता है।
कैसे काम करता है?
- सभी एक-दूसरे के प्रति वफ़ादार होते हैं।
- नए लोग जोड़ने से पहले सभी की सहमति जरूरी होती है।
- यह मॉडल स्थिरता और सुरक्षा देता है।
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- Relationship Anarchy – रिश्तों को लेबल नहीं किया जाता — न कोई “गर्लफ्रेंड”, न “हसबैंड”, बस संबंध।
आपका अनुभव:
“मुझे किसी को ‘गर्लफ्रेंड’ या ‘हसबैंड’ कहने की ज़रूरत नहीं। मेरे रिश्ते जैसे हैं, वैसे ही ठीक हैं।”
यह मॉडल क्या कहता है?
यह सबसे रैडिकल और आज़ाद मॉडल है। इसमें कोई पारंपरिक लेबल नहीं होता — न प्राथमिकता, न नियम, न डिफ़ाइंड रोल्स।
कैसे काम करता है?
- हर रिश्ता एक blank canvas होता है।
- आप दोस्त, प्रेमी, सहयोगी — जो भी बनाना चाहें, बना सकते हैं।
- यह मॉडल बहुत ज्यादा communication और awareness की मांग करता है।
Polyamorous Relationship – तो दोस्तों, इन सभी मॉडलों में से कौन-सा मॉडल आपके लिए है?
अगर आप पॉलीमोरी को अपनाने का सोच रहे हैं, तो सबसे पहले खुद से यह सवाल करें —
“मुझे रिश्तों से क्या चाहिए?”
- क्या मुझे एक स्थायी साथी के साथ साथ स्वतंत्रता भी चाहिए?
- क्या मैं सभी को बराबरी देना चाहता हूं?
- क्या मुझे परिवार जैसी सामूहिक भावना चाहिए?
हर इंसान अलग है, और पॉलीमोरी की खूबी भी यही है — इसमें हर किसी के लिए एक रास्ता है। आपका अनुभव इस लेख को और समृद्ध बना सकता है! नीचे कमेंट में ज़रूर बताएं — आप किस पॉलीमोरी मॉडल को सबसे ज़्यादा अपने जैसा पाते हैं?
Polyamorous Relationship – पॉलीमोरी के लिए मन की तैयारी कैसे करें?
अब अगर आप सोच रहे हैं कि क्या ये आपके लिए सही है, तो कुछ बातें सोचिए:
- क्या आप एक समय में कई लोगों से जुड़ाव महसूस करते हैं?
- क्या आप ईमानदारी से सबकुछ साझा कर सकते हैं?
- क्या आप जलन जैसी भावनाओं को संभाल सकते हैं?
ध्यान दें: पॉलीमोरी आसान नहीं है। इसमें समय, ऊर्जा और भावनात्मक समझदारी तीनों की ज़रूरत होती है। यह “कम कमिटमेंट” वाला सिस्टम नहीं है—बल्कि ज़्यादा ईमानदारी और संवाद मांगता है। क्योंकि पॉलीमोरी जितनी खूबसूरत लगती है, उतनी ही जटिल भी हो सकती है।
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Polyamorous Relationship क्या पॉलीमोरी में भी चीटिंग संभव है?
हां, अगर आप तय की गई सीमाओं और सहमति का उल्लंघन करते हैं — तो वह चीटिंग है। पॉलीमोरी में भी “विश्वास” उतना ही अहम है जितना मोनोगैमी में।Polyamorous Relationship के नियम: हर रिश्ते की तरह ज़रूरी
- खुला संवाद (Open Communication)
- भावनात्मक सीमाएं (Emotional Boundaries)
- शारीरिक सुरक्षा (STD टेस्ट, प्रोटेक्शन)
- स्पष्ट सीमाएं (What’s okay, what’s not)
Polyamorous Relationship: फायदे भी हैं… पर क्या नुकसान भी हैं?
तो दोस्तों, पॉलीमोरी सुनने में जितनी आज़ाद और रोमांचक लगती है, उतनी ही जटिल भी हो सकती है। आइए इस रिश्ते के कुछ उजले और कुछ धुंधले पहलुओं पर एक नज़र डालते हैं — बिल्कुल ईमानदारी से, जैसे हम दोस्तों से दिल की बात करते हैं।
आजकल जब Gen Z रिलेशनशिप ट्रेंड की बात होती है, तो पॉलीमोरस रिलेशनशिप का नाम अकसर सामने आता है। सुनने में ये जितनी आज़ाद, रोमांचक और फॉरवर्ड लगती है, असल में उतनी ही layered और complex है। अब आप ही बताइए — क्या प्यार सिर्फ एक इंसान तक सीमित होना चाहिए?
अगर दिल कहता है कि आप एक से ज़्यादा लोगों से जुड़ सकते हैं, तो Polyamorous Relationship एक ऐसा विकल्प है जो उस भावना को जज नहीं करता, बल्कि समझता है। इस तरह के Open Relationships में सबसे ख़ास बात होती है पारदर्शिता — यहां न तो झूठ की जगह होती है, न धोखे की। हर पार्टनर को आपके बाकी रिश्तों की जानकारी होती है और सबसे ज़रूरी — उनकी साफ़ सहमति भी होती है।
इसी honesty और openness की वजह से Gen Z में ये Open Relationship फॉर्म लगातार पॉपुलर हो रहा है। और हां, कई लोग मानते हैं कि पॉलीमोरी ने उन्हें खुद को और बेहतर समझने का मौका दिया। हर रिश्ते में वो खुद का एक नया रूप पहचान पाए — जहाँ emotional connection, personal freedom, और mutual respect बराबरी से मौजूद रहे।
लेकिन रुको ज़रा — क्या हर रिश्ता सिर्फ convenience से चल सकता है? क्या आप सच में jealousy को हैंडल कर सकते हैं? क्या हर पार्टनर को बराबर attention, care और समय दे सकते हैं? क्योंकि अगर ये balance न बने, तो ये ओपन रिलेशनशिप कभी-कभी उलझनों और misunderstandings की पूरी किताब बन सकती है।
और हां, ये भी मत भूलिए — हमारा भारतीय समाज सदियों से संबंधों को केवल एक ही परिभाषा में देखने का आदी रहा है। विवाह, निष्ठा और परिवार हमारे सांस्कृतिक मूल्यों की नींव रहे हैं। चाहे भगवान राम-सीता की एकनिष्ठता की बात हो या महान भक्त मीरा के श्री कृष्ण के प्रति समर्पण की — हमने हमेशा संबंधों को त्याग, समर्पण और सामाजिक मर्यादा से जोड़ा है।
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ऐसे में पॉलीमोरस रिलेशनशिप यानी एक से अधिक भावनात्मक संबंधों को साथ निभाना, आज भी हमारे पारंपरिक समाज में एक “सामान्य” या स्वीकृत रिश्ता नहीं माना जाता। हमारे यहाँ रिश्ते सिर्फ दो लोगों के बीच नहीं होते, वो दो परिवारों, दो संस्कृतियों और कई उम्मीदों का संगम होते हैं। ऐसे में जब कोई व्यक्ति एक अलग राह चुनता है, तो उसे “लोग क्या कहेंगे”, परिवार की इज्ज़त, पड़ोसियों की नज़रों और रिश्तेदारों के सवालों का सामना करना पड़ सकता है। यही हमारा सामाजिक ताना-बाना है — जहाँ हर निर्णय सिर्फ निजी नहीं होता, उसका असर पूरे परिवार पर होता है।
पर वहीँ, हमें ये भी याद रखना चाहिए कि प्राचीन भारत में विविध प्रकार के संबंधों का उल्लेख मिलता है — चाहे वो महाभारत में द्रौपदी और पाँच पांडवों का बहुपतित्व हो या कामसूत्र में संबंधों की विविध व्याख्याएं। इससे यह तो साफ़ है कि हमारी सांस्कृतिक जड़ें उतनी भी संकीर्ण नहीं थीं, जितनी आज दिखती हैं।
तो आख़िर में बात फिर वहीं आती है — सवाल सही या गलत का नहीं है। सवाल यह है: क्या यह रिलेशनशिप ट्रेंड आपके लिए सही है? क्या आप इसके भावनात्मक, सामाजिक और पारिवारिक पहलुओं के लिए तैयार हैं? क्या आपका मन और आत्मा इस रास्ते को अपनाने के लिए सहज हैं? उत्तर सिर्फ आपके भीतर है। सोचिए, समझिए, और फिर दिल से निर्णय लीजिए। क्योंकि अंततः, रिश्ता कोई नियम नहीं — एक अनुभव है। और हर अनुभव का अधिकार आपको है।
Polyamorous Relationship: क्या पॉलीमोरी आपके लिए है?

यहां तक पढ़ने के लिए धन्यवाद, दोस्तों। अब जब हम पॉलीमोरस रिलेशनशिप (Open Relationship) की इतनी सारी परतों को समझ चुके हैं—तो चलिए अंत में एक छोटी-सी, लेकिन दिल से की गई बात करते हैं। तो क्या पॉलीमोरी आपके लिए है? हो सकता है… या नहीं भी। लेकिन ज़रूरी सवाल यह है—क्या आपने कभी इस पर खुलकर सोचा? प्यार आज के ज़माने में सिर्फ “एक इंसान और एक रिश्ता” तक सीमित नहीं रहा।
आज की Gen Z रिलेशनशिप ट्रेंड में यह बदलाव साफ़ दिखता है—जहां लोग open relationship और भावनात्मक ईमानदारी के नए मॉडल्स को न सिर्फ अपना रहे हैं, बल्कि उन्हें लेकर खुलकर बातचीत भी कर रहे हैं। शायद आपने भी अपने आसपास कुछ ऐसे लोग देखे होंगे, या खुद कभी सोचा होगा—क्या मैं एक से ज़्यादा लोगों से जुड़ सकता हूं, बिना किसी को चोट पहुंचाए? अगर हां, तो यह लेख शायद आपके सवालों का एक शुरुआती जवाब रहा हो।
लेकिन एक बात पक्की है—पॉलीमोरस रिलेशनशिप कोई फैशन नहीं है। यह एक सोच है, एक जिम्मेदारी है, और सबसे ज़्यादा—एक कमिटमेंट है ईमानदारी का। और अगर आप सिर्फ ओपननेस की वजह से इसमें आ रहे हैं, लेकिन संवाद और सहमति की गहराई नहीं समझते—तो यह रिश्ता कम, और उलझन ज़्यादा बन सकता है। एक तरह से देखें तो यह मन के भावों की स्वतंत्रता, विचारों की स्वतंत्रता, रहने की पूरी स्वतंत्रता, काम भावनाओं की स्वतंत्रता, उन्मुक्त विचारों की स्वतंत्रता — जो पूरी तरह से सामाजिक और पारिवारिक निष्ठा की जड़ों को हिला कर रख देगी, और फिर इसके आगे पतन का ही रास्ता बनता नज़र आएगा।
इसलिए बात करें। सवाल पूछें। खुद से, और अपने पार्टनर्स से। शायद आप उस एक रिश्ते में सबसे ज़्यादा खुश रहें, या शायद आप कई दिलों की धड़कनों के बीच अपनी जगह ढूंढें। रास्ता कोई भी हो, दिल से चला जाए—बस यही ज़रूरी है।
कमेंट करके बताइए—आपका क्या नजरिया है पॉलीमोरस रिलेशनशिप को लेकर? क्या आप Open Relationships को एक स्वस्थ विकल्प मानते हैं? या आपको लगता है कि प्यार में सच्चाई सिर्फ एक ही साथी में बसती है? आपके विचार, आपकी कहानी—शायद किसी और की समझ का दरवाज़ा खोल दे। तो मिलते हैं अगली बातचीत में—एक और नए रिश्ते के एंगल के साथ।
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