Transgender Couple (पावल और जहाद): जीवन यात्रा और नई पहचान:
भारत में किन्नर समुदाय को लेकर हमेशा ही समाज में उलझन और अनदेखी की स्थिति रही है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में इस समुदाय को अधिक सम्मान और अधिकार मिले हैं, लेकिन यह अभी भी सामाजिक रूप से हाशिए पर है। हाल ही में पिछले साल केरल के कोझिकोड के एक Transgender Couple (किन्नर जोड़े)— जिया पावल (Ziya Paval) और जाहद फाजिल (Zahhad Fazil) की गर्भवती होने और बच्चे को जन्म देने की खबर ने न केवल इस समुदाय को चर्चा में लाया था, बल्कि यह भी साबित किया कि समाज में लैंगिक पहचान और जीवनशैली के बारे में सोच में बदलाव आ रहा है।
इस लेख में हम Transgender Couple (किन्नर जोड़े) पावल और जहाद के जीवन की यात्रा, उनके संघर्ष, उनके पेशे और उनके संबंधों की शुरुआत के बारे में जानेंगे।
Transgender Couple (पावल और जहाद) : एक नई उम्मीद का प्रतीक:
केरल के पावल और जहाद का नाम पूरे भारत में एक चर्चा का विषय बन चुका है। इन दोनों Transgender Couple (किन्नर जोड़े) ने किन्नर समुदाय के बीच एक नई उम्मीद और बदलाव की दिशा में कदम बढ़ाया है। यह खबर इसलिए विशेष रूप से अहम है क्योंकि पारंपरिक सोच में यह माना जाता था कि किन्नरों की प्रजनन क्षमता नहीं होती। लेकिन पावल और जहाद ने इस मिथक को तोड़ा है और समाज को एक नया दृष्टिकोण दिया।
पावल और जहाद का जीवन किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं है। उन्होंने न केवल अपनी पहचान को समाज में स्थापित किया, बल्कि एक–दूसरे के साथ प्रेम और सहमति के आधार पर जीवन जीने का उदाहरण भी प्रस्तुत किया। इस किन्नर जोड़े के बारे में यह जानना दिलचस्प है कि उन्होंने कैसे अपनी पहचान को मजबूती से अपनाया और एक–दूसरे से मिलकर साथ रहने का निर्णय लिया।
Transgender Couple पावल और जहाद का जीवन संघर्ष:
केरल के केरल के कोझिकोड से आने वाले Transgender Couple (किन्नर जोड़े) -पावल और जहाद दोनों का जीवन बेहद संघर्षपूर्ण रहा है। पावल का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ था, लेकिन बचपन में ही उसे अपनी पहचान को लेकर समस्याओं का सामना करना पड़ा। उसे हमेशा यह महसूस होता था कि उसकी पहचान पुरुष और महिला के बीच कहीं उलझी हुई है। यह भ्रम और संघर्ष कई सालों तक जारी रहा, लेकिन धीरे–धीरे उसने खुद को किन्नर के रूप में स्वीकार किया। पावल ने कई किन्नरों के साथ समय बिताया और उनके जीवन के अनुभवों से बहुत कुछ सीखा।
जहाद की कहानी भी कुछ वैसी ही है। वह भी समाज के दबावों से जूझते हुए अपनी असली पहचान की खोज में था। उसे समाज में अपनी पहचान को लेकर कई बार ताने भी सुनने पड़े, लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी। जहाद ने अपनी पहचान के लिए संघर्ष किया और अंततः वह भी पावल की तरह किन्नर समुदाय का हिस्सा बना। दोनों का जीवन एक–दूसरे के प्रति समझ, समर्थन और प्रेम से भरा हुआ है।
Transgender Couple पावल और जहाद की मुलाकात और साथ जीवन की शुरुआत:
Transgender Couple (किन्नर जोड़े) पावल और जहाद की मुलाकात एक विशेष परिस्थिति में हुई थी। दोनों एक किन्नर समुदाय के कार्यक्रम में मिले थे, जहां वे एक-दूसरे से पहली बार मिले। यह मुलाकात धीरे-धीरे दोस्ती में बदली और फिर प्रेम में बदल गई। दोनों ने एक-दूसरे के जीवन में सामंजस्य स्थापित किया और साथ में रहने का निर्णय लिया।
किन्नरों के बीच संबंधों की एक खास परंपरा होती है। जब दो किन्नर एक-दूसरे से मिलते हैं, तो यह एक आधिकारिक और भावनात्मक बंधन होता है, जो केवल प्यार और विश्वास पर आधारित होता है। पावल और जहाद का संबंध भी इसी तरह का था। दोनों ने एक-दूसरे के साथ अपना जीवन साझा करने का निर्णय लिया और एक नया जीवन शुरू किया।
लड़की से लड़का बना पुरुष ट्रांसजेंडर (जाहद फाजिल) मां बनने का पहला रिकॉर्ड बनाया:
केरल के कोझिकोड के ट्रांसकपल जाहद फाजिल (Zahhad Fazil) और जिया पावल (Ziya Paval) पेरेंट्स दोनों ने 9 feburary 2024 बुधवार को एक बच्चे को जन्म दिया।
इसके लिए दोनों लिंग परिवर्तन की प्रक्रिया से गुजरे थे। जिया और जाहाद, दोनों पिछले 3 साल से साथ थे। जिया एक पुरुष के रूप में थे और लिंग परिवर्तन के द्वारा एक महिला में बदल गए। वहीं जाहद एक महिला थे जो लिंग परिवर्तन कर पुरुष में बदल गए।
इस तरह जाहद भारत में बच्चे को जन्म देने वाले पहले ट्रांसमैन बन गए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक सर्जरी के दौरान जाहद अपने दोनों स्तनों को ऑपरेशन करा के हटा लिया था। जबकि अपने गर्भाशय और कुछ अन्य अंगों को अभी हटाया नहीं था। इस वजह से वे कंसीव करने में कामयाब हो गए।
मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों कपल पहले एक बच्चे को गोद लेने की योजना बनाई थी। लेकिन एक ट्रांसजेंडर कपल होने के कारन कानूनी कार्रवाई उनके लिए काफी चुनौतीपूर्ण थी इसलिए इस विचार को त्याग दिये और गर्भ धारण की प्रक्रिया को अपनाने का फैसला लिया था।
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Transgender Couple पावल और जहाद की सामाजिक पहचान:
Transgender Couple (किन्नर जोड़े) पावल और जहाद का सामाजिक जीवन भी प्रेरणादायक है। जहां पहले किन्नर समुदाय को केवल भिक्षाटन और नृत्य-गायन तक सीमित समझा जाता था, वहीं पावल और जहाद ने इसे बदलने की दिशा में कदम बढ़ाया। पावल और जहाद दोनों ने किन्नर समाज में सामाजिक बदलाव की दिशा में काम किया है। पावल ने एक नृत्यांगना के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी, और जहाद ने भी अपने समाजिक कार्यों के जरिए किन्नर समुदाय के लिए एक नई राह बनाई।
इन दोनों ने अपने समुदाय के लिए कई जागरूकता अभियान चलाए और समाज में किन्नरों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई। आज पावल और जहाद दोनों ही किन्नर समुदाय के महत्वपूर्ण और सम्मानित सदस्य माने जाते हैं। उनका यह कार्य समाज में किन्नरों के प्रति सोच में बदलाव लाने में सहायक साबित हुआ है।
किन्नरों का प्रजनन और समाज की सोच:
Transgender Couple (किन्नर जोड़े) पावल और जहाद की गर्भवती होने की घटना ने समाज में प्रजनन और पहचान को लेकर बहुत से सवाल खड़े कर दिए थे। अब तक समाज में यह माना जाता था कि किन्नर समुदाय की प्रजनन क्षमता नहीं होती, लेकिन पावल और जहाद की गर्भवती होने की खबर ने इस मिथक अब को तोड़ दिया है। यह घटना यह साबित करती है कि किन्नरों में भी प्रजनन की क्षमता हो सकती है और वे समाज के हर पहलू में भागीदार हो सकते हैं।
समाज में किन्नरों के प्रजनन की क्षमता को लेकर भ्रामक धारणाएं थीं, लेकिन पावल और जहाद ने इसे चुनौती दी है। यह घटना एक नई सोच को जन्म देती है और यह बताती है कि हर व्यक्ति, चाहे वह किसी भी लिंग या पहचान से संबंधित हो, उसके पास अपने जीवन को पूरी तरह से जीने का अधिकार है।
किन्नर समुदाय के अधिकार और भविष्य:
Transgender Couple (किन्नर जोड़े) पावल और जहाद की गर्भवती होने और बच्चों को जन्म देने की घटना किन्नर समुदाय के अधिकारों की दिशा में एक नया अध्याय जोड़ सकती है। भारत में किन्नरों को अब कुछ कानूनी अधिकार मिले हैं, जैसे 2014 में भारतीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा किन्नरों को तीसरे लिंग के रूप में पहचान देने का निर्णय और 2019 में किन्नरों को बच्चों को गोद लेने का अधिकार मिलना।
कई किन्नर आज भी समाज में खुद को साबित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन समय के साथ कई किन्नर समाज में अपनी एक अलग जगह बनाने में सफल हुए हैं। पारंपरिक रूप से किन्नर समुदाय के लोग अपने जीवनयापन के लिए संगीत, नृत्य, और भिक्षाटन का कार्य करते है । वे अक्सर शादी-समारोहों, जन्मों और अन्य धार्मिक अवसरों पर जाते है , जहां इन अवसरों पर किन्नर अपनी पारंपरिक कला को दिखाते हुए विशेष आशीर्वाद देने का कार्य करते है।
परन्तु वर्तमान समय में, कुछ किन्नर नर्सिंग, फैशन, मॉडलिंग, और कला जैसी अन्य पेशों में भी अपनी जगह बना रहे हैं। कई किन्नर कलाकार, अभिनेता और सामाजिक कार्यकर्ता बनकर समाज में बदलाव की दिशा में कार्य कर रहे हैं। भारत में किन्नर समुदाय को अब कुछ सरकारी योजनाओं का हिस्सा बनने का अधिकार भी मिला है, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के क्षेत्र में कुछ बेहतर अवसर।
हालांकि, किन्नरों को अभी भी समाज में पूरी तरह से समानता नहीं मिली है, लेकिन पावल और जहाद जैसे उदाहरण यह दिखाते हैं कि बदलाव की शुरुआत हो चुकी है। समाज को यह समझने की आवश्यकता है कि किन्नर भी एक सामान्य इंसान की तरह जीवन जीने का अधिकार रखते हैं।
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