First Indian Astronaut to Reach the ISS: साथियों, जैसा कि हम सभी जानते हैं, भारत ने जहां तकनीकी क्षेत्र में एक ऊंची उड़ान भरी है, वहीं अंतरिक्ष संबंधी क्षेत्र में भी इतिहास रचने का निरंतर प्रयास किया है। हमारे देश में कई प्रसिद्ध भारतीय एस्ट्रोनॉट्स जैसे राकेश शर्मा, कल्पना चावला, सुनीता विलियम्स और सिरिशा बांदला हैं जिन्होंने भारत को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचते हुए इतिहास रचा है।
साथियों, क्या आप जानते हैं ऐसे ही एक और शख्स शुभांशु शुक्ला( Shubhanshu Shukla) के बारे में जो कि एक भारतीय एस्ट्रोनॉट एवं IAF (Indian Air Force) पायलट भी हैं और NASA के International Space Station (ISS) के Axiom Mission 4 (Ax-4) में चुने जाने पर एक इतिहास रचने वाले हैं? यदि नहीं, तो आइए जानते हैं।
First Indian Astronaut to Reach the ISS: शुभांशु शुक्ला ( Shubhanshu Shukla) कौन हैं?
शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ था। सन 2019 में उन्होंने रूस में अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण लिया और 2024 में ग्रुप कैप्टन के पद पर रहे। शुभांशु शुक्ल ने कई लड़ाकू विमानों जैसे Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और An-32 में 2000 घंटे से ज्यादा की उड़ान भरी है।वर्तमान समय में शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के कैप्टन हैं और उन्हें 2025 में होने वाले ISS की यात्रा करने वाले Axiom Mission 4 (Ax-4) के पायलट के रूप में चुना गया है। यह अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री होंगे।
First Indian Astronaut to Reach the ISS: Axiom Mission 4 (Ax-4) क्या है?
NASA द्वारा शुरू किया जाने वाला Axiom Mission 4 एक प्राइवेट स्पेस मिशन है जो कि अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर यात्रा करेगा। इस मिशन का लॉन्चिंग फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से की जाएगी। इस मिशन के दौरान क्रू सदस्य ISS पर विभिन्न वैज्ञानिक और तकनीकी प्रयोग का प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान प्रमुख रूप से कई खोज एवं नवाचार किया जाएगा।
First Indian Astronaut to Reach the ISS: NASA के इस मिशन की विशेषताएं
Axiom Mission 4 महत्वपूर्ण मिशनों में से एक है। जिसके अंतर्गत कई प्रमुख कार्यों को संपन्न किया जाएगा।
(Ax-4) की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- लॉन्च विवरण: जैसा कि बताया गया Ax-4 को स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट द्वारा फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा।
- मिशन की अवधि: मिशन की अवधि लगभग 14 दिनों की रहेगी जिसके तहत कई वैज्ञानिक प्रयोगों का प्रदर्शन किया जाएगा।
- वाणिज्यिक गतिविधियों का समर्थन: इस मिशन का उद्देश्य निचली कक्षा में वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है जिसके अंतर्गत वैज्ञानिक अनुसंधान, तकनीकी विकास और अंतरिक्ष पर्यटन शामिल होंगे।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: इस दौरान कई प्रमुख चुने गए अंतरिक्ष यात्री सम्मिलित होंगे।
First Indian Astronaut to Reach the ISS: उनके जीवन की अब तक की प्रमुख उपलब्धियां
भारतीय वायुसेना के कैप्टन शुभांशु शुक्ला के जीवन की प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार हैं:
- भारतीय वायु सेना में करियर: शुभांशु को जून 2006 में भारतीय वायुसेना के फाइटर के कमीशन प्राप्त हुआ।
- ग्रुप कैप्टन पद पर पदोन्नति: मार्च 2024 में उन्हें ग्रुप कैप्टन के पद पर पदोन्नत किया गया।
- अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण: शुभांशु शुक्ला ने 2019 में रूस के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर से प्रशिक्षण प्राप्त किया।
- Axiom Mission 4: वर्तमान समय में जैसा कि बताया गया शुभांशु शुक्ला को Axiom Mission 4 के पायलट के रूप में चुना गया।
- गगनयान मिशन का हिस्सा: Shubhanshu को भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लिए भी चुना गया है।
सांस्कृतिक प्रतिनिधित्व: इस मिशन के अंतर्गत शुभांशु ने कहा है कि वे इस दौरान अपने साथ भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व करने वाली वस्तुएं ले जाएंगे और साथ ही ISS पर योगाभ्यास करने की योजना बना रहे हैं।
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First Indian Astronaut to Reach the ISS: Axiom Mission 4 के लिए चुने गए Crew Members
Axiom Mission 4 के लिए चुने गए Crew मेंबर्स एवं उनकी विशेषताएं इस प्रकार हैं।
- पेगी व्हिटसन (Peggy Whitson): यह मिशन के दौरान कमांडर हैं जो कि पूर्व नासा अंतरिक्ष यात्री हैं और इस मिशन के दौरान अपने पांचवे अंतरिक्ष यात्रा पर जाएंगी। वह नासा के पूर्व मुख्य अंतरिक्ष यात्री भी रह चुकी हैं।
- शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla): वह इस मिशन के दौरान पायलट हैं और इसे पहले भी गगनयान मिशन के लिए चुना गया है।
- स्लावोज उज़्नान्स्की (Sławosz Uznański): मिशन के दौरान यह मिशन विशेषज्ञ हैं जो कि पोलैंड के ESA के अंतरिक्ष यात्री हैं और जो कि अपने 40 वर्षों में पहली बार अंतरिक्ष यात्रा करेंगे।
- टिबोर कापू (Tibor Kapu): यह भी मिशन के दौरान एक मिशन विशेषज्ञ हैं जो कि हंगरी से हैं एवं इस मिशन का हिस्सा बनने जा रहे हैं।
First Indian Astronaut to Reach the ISS: Axiom Mission 4 (Ax-4) मिशन भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
भारत के लिए यह Axiom Mission 4 कई प्रकार से महत्वपूर्ण है, आइए जानते हैं:
- अंतरिक्ष अन्वेषण में बढ़ती उपस्थिति: यह मिशन Ax-4 इसरो और नासा के बीच सहयोग को दर्शाता है और यह भारत की तकनीकी क्षमताओं और अंतरिक्ष विज्ञान को प्रमुख रूप से दर्शाता है।
- ऐतिहासिक क्षण: शुभांशु शुक्ला की यह अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत के लिए एक इतिहास रचना है। भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा की 1984 में की गई यात्रा के बाद यह एक नई उपलब्धि का प्रतीक है।
- वैज्ञानिक अनुसंधान: इस मिशन के दौरान विभिन्न प्रकार से अनुसंधान करना एवं साथ ही इसकी वजह से सूक्ष्मगुरुत्व (microgravity) में खोज करने का मौका मिलेगा।
- प्रेरणा स्रोत: वायु सेना के कमांडर शुभांशु शुक्ला की यह प्रमुख उपलब्धि सभी भारतीय देशवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। जो कि अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीक में करियर बनाने के लिए उत्साहित करेगी।
साथियों, आप First Indian Astronaut to Reach the ISS, Shubhanshu Shukla के NASA द्वारा International Space Station (ISS) में शुरू किए जाने वाले Axiom Mission 4 (Ax-4) में चुने जाने के बारे में क्या सोचते हैं और यह किस प्रकार समाज के लोगों के बीच अंतरिक्ष में भारत को उच्च स्तर पर प्रदर्शित करने के लिए प्रेरित करेगा? हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में बताइए।