Why Do We Get Goosebumps: हमारे शरीर में जब अचानक ठंडी हवा लगती है, डर लगता है या कोई भावनात्मक अनुभव होता है, तो त्वचा पर छोटे-छोटे उभार दिखने लगते हैं जिन्हें Goosebumps कहा जाता है। अक्सर लोग सोचते हैं कि why do we get Goosebumps यानी गूजबम्प्स क्यों आते हैं और इसका शरीर पर क्या असर होता है?
असल में, Goosebumps biological reasons शरीर की प्राकृतिक प्रतिक्रिया का हिस्सा होते हैं। यह त्वचा के नीचे मौजूद मांसपेशियों के संकुचन के कारण होता है, जिससे बाल खड़े हो जाते हैं और त्वचा उभरी हुई लगती है। Goosebumps effect on body यह होता है कि शरीर खुद को ठंड से बचाने या भावनात्मक प्रतिक्रिया दिखाने का प्रयास करता है। यह एक पुरानी जैविक प्रणाली है जो आज भी हमारे शरीर में सक्रिय है।
Why Do We Get Goosebumps: गूसबम्प्स के पीछे है कई वजह जिसकी वजह से हमारी त्वचा पर छोटे-छोटे बल खड़े हो जाते है।
जब हम ठंडी हवा में खड़े होते हैं, कोई डरावनी फिल्म देखते हैं या भावनात्मक संगीत सुनते हैं, तो अकसर हमारी त्वचा पर छोटे-छोटे उभार उभर आते हैं जिन्हें हम ‘गूजबम्प्स’ (Goosebumps cause) कहते हैं। हिंदी में इन्हें ‘रोमांच’ या ‘रोम खड़े हो जाना’ भी कहते हैं। यह एक आम और स्वाभाविक प्रक्रिया है, जो हर इंसान के साथ होती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह क्यों होता है? क्या इसका कोई वैज्ञानिक कारण या उद्देश्य है?
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Why Do We Get Goosebumps: गूजबम्प्स क्या हैं? (What are Goosebumps?)
गूजबम्प्स का वैज्ञानिक नाम “पाइलोरेक्सन” (Piloerection) है। जब हमारी त्वचा पर छोटे-छोटे बाल खड़े हो जाते हैं, तो त्वचा के नीचे स्थित मांसपेशियाँ सिकुड़ जाती हैं, जिससे त्वचा पर छोटे-छोटे उभार (Goosebumps) दिखाई देने लगते हैं। यही गूजबम्प्स हैं। यह प्रक्रिया स्वत:स्फूर्त (involuntary) होती है, यानी यह हमारे नियंत्रण में नहीं होती।
Why Do We Get Goosebumps: गूजबम्प्स क्यों (Goosebumps biological reasons) आते हैं?
गूजबम्प्स मुख्यतः दो कारणों से आते हैं:
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ठंड में प्रतिक्रिया: जब शरीर को ठंड लगती है, तो त्वचा के नीचे मौजूद ‘एरेक्टर पिलाई मसल्स’ (Arrector pili muscles) नामक छोटी-छोटी मांसपेशियाँ सक्रिय हो जाती हैं और बालों को खड़ा कर देती हैं। इससे त्वचा पर उभार आने लगते हैं। इसका उद्देश्य शरीर की गर्मी को बनाए रखना होता है।
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भावनात्मक या डर की स्थिति में: जब हम डरते हैं, उत्साहित होते हैं, या भावनात्मक संगीत या दृश्य देखते हैं, तब हमारे शरीर में ‘एड्रेनालाईन’ (Adrenaline) हार्मोन रिलीज़ होता है। यह हार्मोन हमारी ‘फाइट या फ्लाइट’ (Fight or Flight) प्रतिक्रिया को सक्रिय करता है, और इसी कारण गूजबम्प्स आते हैं।
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Why Do We Get Goosebumps: क्या गूजबम्प्स का कोई उद्देश्य होता है? (Do Goosebumps Serve a Purpose?)
जी हाँ, गूजबम्प्स का उद्देश्य होता है, विशेषकर हमारे पूर्वजों (ancestors) के लिए। पहले इंसानों और जानवरों के शरीर (Goosebumps effect on body) पर अधिक बाल हुआ करते थे। जब उनके शरीर पर गूजबम्प्स आते थे, तो बाल खड़े हो जाते थे, जिससे:
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गर्मी को बनाए रखने में मदद मिलती थी: खड़े बालों के बीच हवा की एक परत बन जाती थी, जो शरीर को ठंड से बचाती थी।
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डर के समय खुद को बड़ा दिखाना: जब जानवरों को खतरा महसूस होता था, तो उनके शरीर पर बाल खड़े हो जाते थे जिससे वे दिखने में बड़े और डरावने लगते थे। इससे शिकारियों को डराने में मदद मिलती थी।
आज के इंसानों में शरीर के बाल कम होते हैं, इसलिए यह प्रक्रिया अब उतनी प्रभावी नहीं रह गई है, लेकिन शरीर का यह प्राकृतिक रिफ्लेक्स आज भी बना हुआ है।
Why Do We Get Goosebumps: गूजबम्प्स और हमारी भावनाएँ (Goosebumps and Emotions)
गूजबम्प्स (Goosebumps cause) सिर्फ ठंड या डर के कारण ही नहीं आते, बल्कि यह भावनात्मक अनुभवों से भी जुड़ा होता है। जैसे:
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जब कोई प्रेरणादायक भाषण सुनते हैं
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जब कोई भावनात्मक गाना सुनते हैं
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जब कोई बहुत पुरानी याद अचानक सामने आ जाती है
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जब कोई सुंदर दृश्य देखते हैं, जैसे सूर्योदय या संगीतमय प्रस्तुति
यह दर्शाता है कि गूजबम्प्स केवल शरीर की ही नहीं, बल्कि मन की प्रतिक्रिया भी हैं।
Why Do We Get Goosebumps: गूजबम्प्स से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ (Interesting Facts about Goosebumps)
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आनुवंशिकता (Genetics): कुछ लोगों को अधिक गूजबम्प्स आते हैं, जबकि कुछ को कम, और यह उनकी अनुवांशिकता पर निर्भर करता है।
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जानवरों में भी गूजबम्प्स होते हैं: बिल्लियाँ, कुत्ते, पक्षी आदि भी डर या ठंड के समय गूजबम्प्स जैसे रिएक्शन दिखाते हैं।
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अधिक संवेदनशील लोग: जो लोग अधिक भावनात्मक या संवेदनशील होते हैं, उन्हें गूजबम्प्स ज़्यादा महसूस होते हैं।
Why Do We Get Goosebumps: गूजबम्प्स से जुड़ी स्वास्थ्य की बातें (Medical Aspects of Goosebumps)
वैसे तो गूजबम्प्स एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन कभी-कभी यह कुछ चिकित्सकीय कारणों से भी हो सकते हैं जैसे:
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मस्तिष्क की गड़बड़ी
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नर्व सिस्टम की बीमारी
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कुछ दवाइयों के साइड इफेक्ट्स
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तेज़ बुखार या ठंड लगने पर
अगर गूजबम्प्स बिना किसी कारण के लगातार आ रहे हैं, या उनके साथ अन्य लक्षण भी दिख रहे हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक होता है।
Why Do We Get Goosebumps: गूजबम्प्स और विज्ञान (Goosebumps and Science)
वैज्ञानिकों का मानना है कि गूजबम्प्स हमारे विकास (evolution) की निशानी हैं। हमारे पूर्वजों के लिए यह बहुत उपयोगी थे, लेकिन अब यह एक बची हुई जैविक प्रक्रिया (Vestigial Reflex) बन चुकी है।
सालों से किए गए शोधों से यह बात स्पष्ट हुई है कि गूजबम्प्स हमारे न्यूरोलॉजिकल सिस्टम और हार्मोनल सिस्टम के परस्पर कार्य का परिणाम हैं।
गूजबम्प्स हमारे शरीर की एक स्वाभाविक और दिलचस्प प्रक्रिया है, जो ठंड, डर या गहरे भावनात्मक अनुभवों पर होती है। इसका विकासवादी इतिहास हमें बताता है कि पहले यह जीवन रक्षा में सहायक था। आज भले ही इसका शारीरिक लाभ कम हो गया हो, लेकिन यह हमें हमारे शरीर और भावनाओं के बीच के गहरे संबंध को समझने में मदद करता है।
हम कह सकते हैं कि गूजबम्प्स हमारे भीतर मौजूद उस पुराने जीवविज्ञान का हिस्सा हैं, जो आज भी हमारे शरीर और मन की प्रतिक्रियाओं को दर्शाते हैं। यह न केवल शरीर का संकेत है, बल्कि यह दिखाता है कि हम भावनात्मक रूप से कितने जीवंत हैं।