Who is sculptor Arun Yogiraj: इसका अयोध्या के भव्य मंदिर से क्या सम्बन्ध है?

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Subah Times
God Ram Statue built by Arun Yogiraj
Arun Yogiraj Ji
Arun Yogiraj (Source- Arun Yogiraj’ facebook)

Arun Yogiraj  (अरुण योगीराज) एक देश और विदेश के जाने-माने और प्रतिष्ठित मूर्तिकार हैं जिनको अयोध्या का भव्य मंदिर के गर्भगृह में प्रतिष्ठित होने वाले प्रभु श्री राम लला जी के मूर्ति बनाने के लिए चुना गया है और अयोध्या मंदिर के ट्रस्ट द्वारा अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई राम लला की मूर्ति को मंदिर में स्थापित करने के लिए चुना गया है जो 22 जनवरी को भव्य समारोह में इसे प्राण प्रतिष्ठित किया जाएगा।

श्री राम लला जी के मूर्ति पर काम करने वाले अरुण योगिराज के अलावा जो अन्य दो मूर्तिकार है उसमे से बेंगलुरु के जीएल भट्ट और राजस्थान के सत्यनारायण पांडे है। अरुण योगिराज जी सौभाग्यशाली हैं की इनके द्वारा बनाये गए प्रभु श्री राम लला जी की 5 शाल के बचपन की मूर्ति को ट्रस्ट इन तीन मूर्तियों में से चुना है जो गर्भगृह के अंदर स्थापित स्थापित होगा, जबकि अन्य दो को मंदिर के परिसर में रखा जाएगा।

मूर्तिकार Arun Yogiraj (अरुण योगीराज) का परिचय:

मूर्तिकार Arun Yogiraj (अरुण योगिराज) 38 साल के एक सफल और देश और विदेश के जाने माने मूर्तिकार हैं। वे मैसूर के रहने वाले हैं और मशहूर मूर्तिकार के परिवार से आते हैं। मूर्तिकारी की पेशा उनकी पीढ़ियों से चला आ रहा है और लगभग 250 साल अथार्थ  उनकी पिछली पांच पीढ़ियों से यह काम कर रहा है।

उनके दादा जी – बी बासवन्ना एक अति प्रतिष्ठित मूर्तिकार/शिल्पी कार थे, जिनको मैसूर के राजाओं का संरक्षण प्राप्त था और उनके गुरु मैसूर महल के शाही गुरु शिल्पी सिद्धांती सिद्धलिंग स्वामी थे जिन्होंने मैसूरु महल परिसर में स्थित गायत्री मंदिर में प्रतिष्ठित होने वाले 64 मूर्तियों को 11 महीनों में तैयार किया था।

अरुण योगिराज बचपन से ही इस मूर्तिकार पेशे से जुड़े हुवे हैं और अपने पिता को मूर्तिकला कार्य में सहायता करते रहते थे।  उन्होंने MBA में डिग्री हासिल किया है और कुछ समय के लिए नौकरी भी की, लेकिन जब उन्हें यह एहसास हुआ की मूर्तिकला उनका जुनून है तो 2008 में नौकरी छोड़ कर घर आ गये और अपने निर्णय को अपने परिवार के सामने रखा।  उनके इस निर्णय को उनके पिता ने समर्थन किया मगर उनकी माता जी इस निर्णय से खुश नहीं थी।  अंततः अरुण योगिराज जी को 2014 में जब दक्षिण भारत का युवा प्रतिभा पुरस्कार मिला, तो उनकी माता जी काफी खुश हुई और फिर उनकी माता जी की नाराजगी भी दूर हो गई।

उसके बाद तो Arun Yogiraj (अरुण योगिराज) की प्रतिभा निखरती गई और उन्होंने बहुत सारे अद्भुत और सुन्दर मूर्तियाँ बनाई जिससे उनकी इस कला की पहचान पुरे देश और विदेश होने लगी है।  आज उनकी गिनती देश के उन प्रतिष्ठित मूर्तिकारों में गिनी जाती है।

Arun Yogiraj (अरुण योगिराज) के द्वारा बनाये गए मुख्य और प्रतिष्ठित मूर्ति :

Arun Yogiraj Sculpture- Aadi Guru Sankrachary
Arun Yogiraj Sculpture- Aadi Guru Sankrachary (Source Arun Yogiraj’ Facebook)

इंडिया गेट पर प्रतिष्ठित 28 फीट की नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी का आकर्षक मुर्ति:

इंडिया गेट के पास अमर जवान ज्योति के पीछे Arun Yogiraj (अरुण योगिराज) द्वारा तैयार की गई सुभाष चंद्र बोस की 28 फीट की मूर्ति जो अब आकर्षण का केंद्र बन गया है। यह अखंड काले ग्रेनाइट पत्थर की मूर्ति है। सवतंत्रा सेनानी सुभाष चंद्र बोस जी की मूर्ति की स्थापना के पीछे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी का चिंतन था।

श्री नरेंद्र मोदी जी का इच्छा था की स्वतंत्रता संग्राम में सवतंत्रा सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपुर्ण योगदान के लिए इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के 125वीं जयंती से पहले एक प्रतिमा स्थापित की जाए। नरेंद्र मोदी जी के इस इच्छा को Arun Yogiraj (अरुण योगिराज) ने अपनी प्रतिभा और कला से पूर्ण किया।  इसके साथ ही Arun Yogiraj (अरुण योगिराज) ने प्रधानमंत्री को सुभाष चंद्र बोस की दो फीट ऊंची प्रतिमा भी भेंट की जिसकी सराहना प्रधान मंत्री जी में किया था।

इसके अलावा अन्य महत्वपुर्ण प्रतिष्ठित मूर्ति जो Arun Yogiraj (अरुण योगिराज ) द्वारा बनाया गया :

  • केदारनाथ में स्थापित आदि शंकराचार्य की बारह फुट ऊंची प्रतिमा।
  • चुंचुनकट्टे, केआर नगर में स्थापित 21 फीट की अखंड पत्थर की हनुमान जी की मूर्ति जो होयसला शैली की मूर्ति है।
  • मैसूर में स्थापित डॉ. बी.आर. अम्बेडकर की 15 फीट की अखंड सफेद संगमरमर पत्थर की मूर्ति।
  • मैसूर में ही स्थापित श्री रामकृष्ण परमहंस की भारत की सबसे बड़ी 10 फीट की अखंड सफेद संगमरमर पत्थर की मूर्ति।
  • मैसूर के साथ महाराजा जयचामाराजेंद्र वोडेयार की 15 फीट की अखंड सफेद संगमरमर पत्थर की मूर्ति।
  • मैसूर के मैसूर विश्वविद्यालय में “सृजन का सृजन” की अवधारणा में गढ़ी गई 11 फीट की अखंड आधुनिक कला की पत्थर की मूर्ति।
  • बेंगलुरु इसरो (ISRO) में स्थापित श्री यू.आर राव की कांस्य प्रतिमा
  • मैसूर में भगवान गरुड़ की 5 फीट की मूर्ति।
  • केआर नगर में भगवान योगनरसिम्हा स्वामी की 7 फीट ऊंची मूर्ति।
  • सर एम.विश्वेश्वरैया की असंख्य मूर्तियाँ.।
  • डॉ बी आर अम्बेडकर की असंख्य प्रतिमाएँ।.

बहुत सारे मंदिरों के लिए उन्होंने विभिन्न मूर्तियों का निर्माण किया जिसमे भगवान पंचमुखी गणपति, भगवान महाविष्णु, भगवान बुद्ध, नंदी, स्वामी शिवबाला योगी, स्वामी शिवकुमार और देवी बनशंकरी की मूर्तियां मुख्य है। इसके साथ ही मूर्तियों के अलावा हाथ से नक्काशीदार मंडप और  विभिन्न पत्थर के स्तंभों का काम भी किया।

अयोध्या में श्री राम लाला जी का भव्य मंदिर का निर्माण :

राम मंदिर परिसर की लंबाई 380 फीट (पूर्व-पश्चिम दिशा), 250 फीट चौड़ाई और 161 फीट ऊंचाई होगी और इसे पारंपरिक नागर शैली में बनाया जा रहा है। मंदिर की प्रत्येक मंजिल 20 फीट ऊंची होगी। राम मंदिर का भव्य प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को दोपहर 12:20 बजे से आयोजित किया जाएगा।

अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह से पहले, आयोजकों ने पूजा की गई ‘अक्षत’ – हल्दी और घी के साथ मिश्रित चावल के ग्राम – वितरित करना शुरू कर दिया गया है जो  नए साल के 15 जनवरी तक जारी रहेगा। राम मंदिर उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ भारत और विदेशों से 7,000 से अधिक मेहमानों के शामिल होने की संभावना है और इस भव्य समारोह में  श्री राम लाला जी की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा को देखने के लिए एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं के अयोध्या पहुंचने की पूरा उम्मीद है।

मूर्ति चयन के लिए Arun Yogiraj (अरुण योगिराज ) को बधाई:

इस उपलब्धि पर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने भी Arun Yogiraj (अरुण योगिराज ) को बधाई दी और राम मंदिर में स्थापना के लिए भगवान राम की मूर्ति के चयन पर गर्व व्यक्त किया।

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोमवार को सोशल मीडिया पर इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि 22 जनवरी को “हनुमान की भूमि” के एक प्रसिद्ध मूर्ति निर्माता अपनी कृति को राम मंदिर में प्रमुखता से रखेंगे।

Subah Times (सुबह टाइम्स) के टीम के तरफ से Arun Yogiraj (अरुण योगिराज ) को बहुत बहुत बधाई इस सौभाग्य की प्राप्ति पर।

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