Uttarakhand Creates Incredible History Executes UCC: भारत में संविधान के अंतर्गत कई नियम-कानूनों को लागू किया गया है, जिसके अनुसार सभी कार्यों को किया जा सकता है। इसी प्रकार का एक नया कानून जो कि संविधान में लिखित है, को पूर्ण रूप से लागू किया गया। साथियों, क्या आप जानते हैं Uniform Civil Code क्या है और Uniform Civil Code (UCC) को लागू करने के पश्चात किस प्रकार समाज में बदलाव लाया जा सकता है? तो आइये जानते है।
Uttarakhand Creates Incredible History Executes UCC, आइए जानते हैं क्यों सबसे पहले इस राज्य में UCC किया गया लागू ।
साथियों, आपको बता दें कि आज, यानी 27 जनवरी 2025 को उत्तराखंड (Uttarakhand) राज्य ने Uniform Civil Code को लागू कर दिया है। इसके लागू होने की घोषणा उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा की गई और इसके बाद इसे सफलतापूर्वक पोर्टल पर भी लॉन्च कर दिया गया है। साथियों, आइए जानते हैं आखिर यह Uniform Civil Code क्या है?

Uttarakhand Creates Incredible History Executes UCC: Uniform Civil Code क्या है?
भारत में Uniform Civil Code एक महत्वपूर्ण कानूनी प्रस्ताव है। इस कानूनी प्रस्ताव का मुख्य उद्देश्य भारत के सभी वासियों को समान नागरिक कानून प्राप्त कराना है। इस के साथ ही इसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों के समुदायों के अलग-अलग कानूनों को समाप्त करना भी है। भारतीय संविधान में यह अनुच्छेद 44 के अंतर्गत लिखा गया है। इस कोड के अंतर्गत प्रमुख मामलों जैसे विवाह, तलाक, रखरखाव, विरासत, गोद लेने और उत्तराधिकार आदि पर कदम उठाए जाते हैं।
Uttarakhand Creates Incredible History Executes UCC: UCC की देश में विशेषता
भारतीय संविधान के अंतर्गत दिए गए इस कानून के अनुसार इसकी कई विशेषताएँ हैं, जिसके अंतर्गत सभी को समान अधिकार दिए जाएंगे।
Uniform Civil Code की विशेषताएँ इस प्रकार हैं:
- समानता: UCC के उद्देश्य के अनुसार धर्म एवं जाति संबंधी भेदभावों को समाप्त करना है।
- विवाह और तलाक: इसके अंतर्गत विवाह, तलाक, गोद लेने और संपत्ति आदि के लिए समान नियम कानून होंगे।
- संविधानिक आधार: जैसा कि बताया गया, इस Uniform Civil Code का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 44 में किया गया है, जिसके अंतर्गत यह कहा गया है “राज्य भारत के पूरे क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता को सुरक्षित करने का प्रयास करेगा”।
- धर्मनिरपेक्षता: इस कोड के अनुसार विभिन्न धर्मों के विभिन्न नियम कानूनों को हटा दिया जाएगा। इसके द्वारा विभिन्न धर्मों के समुदायों के बीच सामंजस्य बढ़ेगा।
- महिलाओं और कमजोर वर्गों की सुरक्षा: Uniform Civil Code का मुख्य उद्देश्य महिलाओं एवं अन्य कई कमजोर वर्गों को उनके अधिकार एवं सुरक्षा प्रदान करना है।
Uttarakhand Creates Incredible History Executes UCC: UCC लागू करने की प्रक्रिया
Uniform Civil Code को भारत में लागू करने की प्रक्रिया कई चरणों में की जाएगी, जो कि इस प्रकार है:
- कानूनी ढांचे का निर्माण: इसकी लॉन्चिंग के पहले एक विधेयक तैयार किया जाता है, जिसे संसद में पेश किया जाता है।
- समिति का गठन: कानूनी ढांचे के तैयार करने के बाद केंद्रीय सरकार द्वारा एक समिति का निर्माण किया जाता है। इस समिति के द्वारा UCC के प्रारूप को तैयार किया जाता है।
- सामाजिक संवाद और सहमति: इसके लागू करने के पहले विभिन्न समुदायों और धार्मिक नेताओं के साथ वार्तालाप किया जाता है ताकि सभी धर्मों के विचारों को समझा जाए।
- कानून का प्रवर्तन: UCC का प्रारूप तैयार होने के पश्चात कानून को लागू किया जाता है, जिसका सभी नागरिकों को पालन करना होता है।
Uttarakhand Creates Incredible History Executes UCC: उत्तराखंड में क्यों सबसे पहले लागू किया गया?
उत्तराखंड द्वारा UCC को लागू करने का निर्णय लिया गया है। भारत का यह पहला राज्य बन गया है जिसने Uniform Civil Code को लागू किया है। उत्तराखंड में UCC को लागू करने के कई प्रमुख कारण हैं। उत्तराखंड की बीजेपी सरकार द्वारा सन 2022 के विधानसभा चुनावों में UCC को लागू करने का वादा किया गया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आने पर इस दिशा में कदम उठाए गए और इसे लागू किया गया। इसके अलावा नागरिकों को समान कानून प्राप्त करवाना एवं विभिन्न धर्मों के समान नियम-कानूनों का निर्माण करना भी एक बड़ा कदम है, जो कि सामाजिक समानता को निर्देशित करता है।
Uttarakhand Creates Incredible History Executes UCC: UCC का इतिहास
UCC के इतिहास से संबंधित प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
- ब्रिटिश शासन का प्रभाव (1835): UCC का पहली बार उल्लेख ब्रिटिश सरकार की 1835 की रिपोर्ट में किया गया था। इसके अंतर्गत भारतीय व्यक्तिगत कानूनों के संहिताकरण (Codification of Personal Laws) की आवश्यकता पर बल दिया गया था।
- हिंदू कानून का संहिताकरण (1941): सन 1941 में बी एन राव समिति द्वारा सामान्य हिंदू कानूनों का प्रस्ताव रखा गया, जो कि महिलाओं को समान अधिकार प्राप्त कराने पर आधारित था।
- संविधान में समावेश (1950): भारतीय संविधान निर्माण के दौरान सन 1950 में इसका उल्लेख किया गया।
- गोवा का उदाहरण: इस UCC का एक अच्छा उदाहरण गोवा है, जहां सन 1867 से यह लागू है। साथियों, जैसा कि आपको बताया गया, वर्तमान समय में उत्तराखंड में इस UCC को लागू किया गया है।

Uttarakhand Creates Incredible History Executes UCC: UCC के लागू होने पर किस प्रकार होगा बदलाव
UCC के लागू होने पर कई प्रकार से बदलाव देखे जाएंगे, जो कि इस प्रकार हैं:
- शादी का रजिस्ट्रेशन: UCC के अनुसार शादी के पश्चात रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा।
- तलाक के लिए समान कानून: सभी धर्मों और जातियों के बीच तलाक के समान नियम होंगे।
- शादी की न्यूनतम उम्र: सभी धर्मों में शादी के लिए लड़की की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष एवं लड़के की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष रखी गई है।
- गोद लेने का अधिकार: UCC के अनुसार सभी धर्मों को बच्चों को गोद लेने का अधिकार है, परंतु दूसरे धर्म के बच्चे को गोद नहीं लिया जा सकेगा।
- हलाला और इद्दत प्रथा का अंत: जिस भी राज्य में इसे लागू किया जा रहा है, वहां हलाला और इद्दत जैसी प्रथाओं पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया जाएगा।
- दूसरे विवाह पर प्रतिबंध: नियम-कानून के अनुसार एक पति और पत्नी के जीवित रहने पर दूसरा विवाह करना प्रतिबंधित है।
- संपत्ति का समान अधिकार: लड़का और लड़की दोनों को माता-पिता की जायदाद का समान हिस्सा मिलना अनिवार्य है।
- लिव-इन रिलेशनशिप: यदि कोई शादी से पहले लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं, तो रजिस्ट्रेशन करना आवश्यक होगा, जिसमें माता-पिता की अनुमति एवं कपल की उम्र 18 से 21 वर्ष होना जरूरी है।
- बच्चों के अधिकार: लिव-इन में रहने के दौरान जन्मे हुए बच्चे को शादीशुदा जोड़े के बच्चों के समान अधिकार प्राप्त होंगे।
- विशेष समूहों को बाहर रखा गया: UCC के नियम कानूनों को अनुसूचित जनजातियों पर लागू नहीं किया जाएगा।

साथियों, आप Uttarakhand Creates Incredible History Executes UCC (Uniform Civil Code) के लागू होने के बारे में क्या सोचते हैं और यदि UCC (Uniform Civil Code) Uttarakhand के आलावा आपके राज्य में लागू हो तो किस प्रकार समाज में बदलाव देखा जा सकता है? बताइए हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में।