5०० वर्षों की लम्बी प्रतिछा के बाद हम सभी के प्रभु श्री राम (Prabhu Shri Ram) की वापसी अपने घर अयोध्या में हो रही है। पुरे भारत वर्ष में खुशी और त्यौहार का माहौल बना हुवा है, और सभी की रामराज्य की परिकल्पना साकार होने जा रही है।
हम सभी भारतवासी उस दिन का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं जब हमारे प्रभु श्री राम जी मंदिर में प्राण-प्राणप्रतिष्ठित होंगे, और वह शुभ दिन, 22 जनवरी आने ही वाला है जो अब मुश्किल से कुछ घंटे ही बचे है जब दोपहर 12:15 बजे से 12:45 बजे के बीच प्राण-प्रतिष्ठा (प्रतिष्ठा) अनुष्ठान संपन्न होगा।
मंदिर में अरुण योगीराज द्वारा बनाई गए मूर्ति गर्भगृह में स्थापित होगी, यह प्रतिमा श्याम शिला से निर्मित है और इसका वजन 150 से 200 किलो के बीच है। मूर्ति में प्रभु श्री राम को पांच वर्षीय बालक के रूप में दर्शाया गया है।
प्रभु श्री राम जी (Prabhu Shri Ram) प्राण प्रतिष्ठा के 7 दिवसीय पवित्र धार्मिक अनुष्ठान:
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान मंगलवार से आरंभ हो हो चुका है और जो मंगलवार से आरंभ होकर 21 जनवरी तक चलेगा जिसमे रामलला की प्रतिमा 18 जनवरी को गर्भगृह में निर्धारित आसन पर स्थापित कर दी जाएगी इसके साथ ही पिछले 70 वर्षों से पूजित वर्तमान प्रभु श्री राम (Prabhu Shri Ram) की प्रतिमा को भी नए मंदिर के गर्भगृह में ही रखा जाएगा।
सबसे पहले 16 जनवरी को प्रभु श्री राम का दर्शन प्रायश्चित संस्कार होगा जिसमे राम लला और सीता माता की मूर्तियों के लिए विशेष प्रार्थना और शुद्धिकरण अनुष्ठान किया जाएगा जिसको “दशविध स्नान” कहा जाता है।
प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया 17 जनवरी से शुरू हो जाएगी जिसमे सर्व प्रथम राम लाला जी के मूर्तियों का भव्य जुलूस निकला जाएगा इस प्रतिष्ठा समारोह को ‘निशान यात्रा‘ के नाम से जाना जाता है।
फिर उसके बाद 19 जनवरी 2024 को अग्नि स्थापना, नवग्रह स्थापना और हवन पूरी भव्यता के साथ होगा। 20 जनवरी 2024 को मंदिर के गर्भगृह (गर्भगृह) को सरयू नदी के पवित्र जल से पूरी तरह से साफ किया जाएगा।
21 जनवरी 2024 को ‘शयाधिवास‘ अनुष्ठान किया जाएगा जिसमे प्रभु राम लला और माता सीता की मूर्तियों को 125 कलशों के पवित्र जल से स्नान कराया जाएगा उसके बाद “अभिषेकम और श्रृंगार” अनुष्ठान के अंतरगर्त मूर्तियों को कीमती आभूषणों और पवित्र वस्त्रों से अलंकृत किया जाएगा।
22 जनवरी को इस सात दिवसीय पवित्र अनुष्ठान कार्यक्रम का समापन होगा, जिसमें प्रभु श्री राम के मूर्तियों को प्राण प्रतिष्ठा के साथ शुभ मृगशिरा नक्षत्र में मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा। वह शुभ मुहूर्त दिन के 12 बजकर 29 मिनट और 08 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट और 32 सेकंड तक का है। इसी शुभ मुहूर्त में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों श्रीरामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस प्राण प्रतिष्ठा की प्रतिक्रिया को काशी के प्रख्यात वैदिक आचार्य गणेश्वर द्रविड़ और आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के निर्देशन में 121 वैदिक आचार्य के द्वारा संपन्न किया जाएगा।
इस प्राण प्रतिष्ठा के बाद भक्तों को विशेष दर्शन के माध्यम से रामलला और सीता माता के दर्शन की अनुमति दी जाएगी।
संछेप में प्रभु श्री राम जी (Prabhu Shri Ram) प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व के कार्यक्रम की रूप रेखा:
16 जनवरी- प्रायश्चित, कर्मकुटी पूजन
17 जनवरी- मूर्ति का परिसर प्रवेश
18 जनवरी – तीर्थपूजन एवं जलयात्रा, जलाधिवास व गंधाधिवास
19 जनवरी- औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास और धान्याधिवास
20 जनवरी- शर्कराधिवास, फलाधिवास, पुष्पाधिवास
21 जनवरी- मध्याधिवास, सायंकाल शैय्याधिवास
२२ जनवरी के प्रभु श्री राम (Prabhu Shri Ram) जी के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान कार्यक्रम:
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के लिए न्यूनतम विधि-अनुष्ठान रखे गए हैं, जो निम्न है –
- इस दिन, प्रातः काल 10 बजे से ‘मंगल ध्वनि’ का भव्य वादन होगा। जिसमे विभिन्न राज्यों से 50 से अधिक मनोरम वाद्ययंत्र से लगभग दो घंटे तक मधुर ध्वनि गुंजरित होंगे जिससे पूरा वातावरण दिव्य, पवित्र, चेतनामय और आध्यात्मिक मय होगा।
- आमंत्रित अतिथियों और मेहमानों को 10:30 बजे तक रामजन्मभूमि परिसर में प्रवेश करना अनिवार्य होगा। उन्ही को प्रवेश करने दिया जाएगा जिनको निमंत्रण पत्र मिला है। अतः ट्रस्ट द्वारा जारी प्रवेशिका के जरिए प्रवेश होगा।
- रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की विधि 22 जनवरी को दोपहर 12:20 बजे शुरू होगी। प्राण प्रतिष्ठा की मुख्य पूजा अभिजीत मुहूर्त में की जाएगी। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समय काशी के विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ के अनुसार 12 बजकर 29 मिनट और 08 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट और 32 सेकंड तक है। ।
- दोपहर 12:20 बजे से प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाएगी, प्राण प्रतिष्ठा की मुख्य पूजा अभिजीत मुहूर्त, इंद्र योग, मृगशिरा नक्षत्र, मेष लग्न एवं वृश्चिक नवांश में होगा। प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त केवल 84 सेकंड का है। इसी शुभ मुहूर्त में सारा कार्य सम्पादित होना है जिसमे पूजा-विधि के जजमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों श्रीरामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी। मोदी जी मूर्ति से पर्दा हटाएंगे, भगवन प्रभु श्री राम (Prabhu Shri Ram) के दिव्य आखों में काजल लगाएंगे, भगवान् को सोने का आभूषण वस्त्रों के साथ पहनाया जायेगा, फिर अंत में ५६ प्रकार का भोग प्रभु श्री राम जी को लगाया जायेगा।
प्राण प्रतिष्ठा के बाद नित्य प्रभु श्री राम (Prabhu Shri Ram) के आरती और दर्शन की समय तालिका:
नित्य दर्शन का समय
23 से नए विग्रह के दर्शन आम लोगों के लिए खुल जाएंगे। जिसमे मंदिर में दर्शन सुबह 7 बजे से दोपहर 11:30 बजे तक और दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक होगा।
आरती का समय
नियम के अनुसार प्रतिदिन प्रभु श्री राम (Prabhu Shri Ram) के तीन आरती होंगे जो क्रमशः सुबह 6.30 बजे, दोपहर 12.00 बजे और शाम 7.30 बजे की जाएंगी। आरती समारोह में शामिल होने के लिए पास अनिवार्य होगा।
- सुबह 30 बजे- शृंगार/जागरण आरती
- दोपहर 00 बजे – भोग आरती
- शाम 30 बजे – संध्या आरती
आरती समारोह में शामिल होने के लिए पास अनिवार्य होगा।
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