Odd-Even दिल्ली में लागू होगा
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण के स्तर को कम करने के तरीकों पर चर्चा के लिए सोमवार को कैबिनेट सदस्यों और अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, इसके बाद दिल्ली सरकार odd-even योजना को लागू करने का निर्णय लिया है, जो कारों को उनके विषम या सम नंबर प्लेट के आधार पर वैकल्पिक दिनों में संचालित करने की अनुमति होगी .
इसी हेतु दिल्ली सरकार ने सोमवार को यह निर्णय लिया है की कि वायु प्रदूषण काफी बढ़ गया है और दिवाली के बाद वायु प्रदुषण और अधिक हो जाएगी इसलिए इसको कम करने के लिए और इस पर नियंत्रण करने के लिए दिवाली के बाद 13 से 20 नवंबर तक शहर में odd -even car rationing योजना पुनः लागू की जाएगी। इसको हर दिन सुबह 8 बजे से रात 8 बजे के बीच लागू किया जाएगा I
अब तक यह तीन बार लागू किया जा चूका है। इस बार यह चौथी बार लागू करने की योजना बनाया जा रहा है. २० नवम्बर के बाद प्रदुषण की स्थिति के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इसकी प्रभावशीलता की समीक्षा के बाद यह फैसला लिया जायेगा की odd-even की अवधि को पुनः आगे बढ़ाया जाय या नहीं I
वायु प्रदूषित होने का मुख्य कारण है पंजाब और दिल्ली के आस पास के एरिया के खेतों में पराली जलाने और अधिक मात्रा में पटाखे छोड़ना है, इस वायु के प्रदुषण के परिणाम स्वरूप, डॉक्टरों के अनुसार, जहरीली धुंध मौजूदा श्वसन समस्याओं वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण समस्याएं पैदा कर रही है। सरकार द्वारा सबको मास्क पहनने की हितायत दी है I
क्या दिल्ली में odd-even (सम-विषम) कार्यक्रम सफल है?
Odd- Even (सम-विषम ) योजना, वायु प्रदूषण की जाँच करने के लिए Delhi सरकार के उपायों में से एक मुख्य योजना है। इस योजना में, वाहनों को उनके नंबर प्लेट के अंतिम अंक के सम और विषम नंबरों के आधार पर उसकी आवाजाही और चलने की अनुमति दी जाती है।
ओड-इवन दिल्ली में पहली बार जनवरी २०१६ में आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा लागू किया गया था I उसके बाद दोबारा उसी साल अप्रैल में लागू हुवा था. तो इस योजना का शिकागो विश्वविद्यालय के ऊर्जा नीति संस्थान और नीति डिजाइन के रिपोर्ट के आधार पर यह पाया गया की दिल्ली में PM2.5 के स्तर में 14-16 प्रतिशत की कमी देखी गई थी मगर अप्रैल में लागू पुनः योजना के दौरान प्रदूषण में कोई कमी नहीं आई थी । यही परिणाम आईआईटी-दिल्ली के शोधकर्ताओं ने भी पाया था और अपने शोध रिपोर्ट में वायु प्रदूषण में केवल दो से तीन प्रतिशत की कमी को बताया गया था
Odd-Even (सम-विषम) कार्यक्रम के दौरान विशेष वाहनों को रिहायत
AAP (आप ) सरकार ने इस odd-even योजना के तहत आपातकालीन, पुलिस वाहनों, दोपहिया वाहनों और महिलाओं द्वारा संचालित कारों को इसमें छूट दी गई थी इसके साथ ही चिकित्सा आपात स्थिति के लिए उपयोग की जाने वाली कर, 12 वर्ष तक के बच्चों के साथ महिलाओं या विकलांग व्यक्तियों द्वारा चलाए जाने वाले वाहन को विशेष रिहायत दी गए है. इसके अलावा, राष्ट्रपति, दिल्ली के मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल, संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष, लोकपाल, मुख्य चुनाव आयुक्त, चुनाव आयुक्त, भारत के नियंत्रक, महालेखा परीक्षक और भारत के मुख्य न्यायाधीश के वाहनों को भी इससे बाहर रखा गया है।
Odd -Even-२०२३ को सफल बनाने की परियोजना
दिल्ली में प्रदुषण के इस खतरनाख प्रभाव को देखते हुवे, इस रविवार को दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल की AAP सरकार इस odd-even योजना की चौथी चरण के सभी तैयारी को लागू करने का निर्णय लिया है. इस चौथे चरण के ओड-इवन योजना को सफल बनाने हेतु सरकारी कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति देने, दिल्ली के सभी सरकारें कॉलेजों/शैक्षिक संस्थानों को बंद करने और गैर-आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों को बंद करने का विचार कर रही है ताकि यह योजना सफल हो और दिल्ली की प्रदुषण लेवल को काम किया जा सकेI इसका असर अभी से देखने को मिल रहा है, सभी बच्चों के सभी स्कुल बंद हो गए हैं और ऑनलाइन द्वारा बच्चों को पढ़ाया जा रहा है.
Odd-Even (ओड-इवन) योजना के तहत, मध्यम और भारी मालवाहक वाहनों पर भी राजधानी में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है
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