Kidney Issues with Protein: आजकल लोग हेल्दी रहने और मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए प्रोटीन का सेवन बढ़ा रहे हैं, लेकिन कई बार यह सेहत के लिए फायदेमंद होने की बजाय हानिकारक साबित हो सकता है। Protein Mistakes for kidney, Kidney issues with protein, और protein in the kidneys जैसी समस्याएं तब सामने आती हैं जब हम बिना जानकारी के ज्यादा या गलत तरीके से प्रोटीन लेना शुरू कर देते हैं।
कई बार लोग सोचते हैं कि जितना ज्यादा प्रोटीन लेंगे, उतना बेहतर होगा, लेकिन सच्चाई यह है कि इससे Protein in the kidney जमा हो सकता है और धीरे-धीरे किडनी की कार्यक्षमता पर असर पड़ता है। इसलिए यह जरूरी है कि हम protein mistakes को समझें और सही मात्रा, सही स्रोत और सही तरीके से प्रोटीन का सेवन करें ताकि हमारी किडनी सुरक्षित रह सके।
यहाँ हम बताएंगे 5 ऐसी आम गलतियों के बारे में जो लोग अक्सर करते हैं और जो धीरे-धीरे किडनी की सेहत को खराब कर सकती हैं। इसके साथ ही हम आपको इससे बचने के उपाय भी बताएंगे।

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Kidney Issues with Protein: जरूरत से ज्यादा प्रोटीन लेना (Overconsumption of Protein)
गलती क्या है:
बहुत से लोग खासकर बॉडीबिल्डिंग, वजन घटाने या फिटनेस के चक्कर में अत्यधिक मात्रा में प्रोटीन (Protein in the Kidneys) लेना शुरू कर देते हैं। कुछ लोग प्रतिदिन 100 ग्राम से भी अधिक प्रोटीन पाउडर या हाई-प्रोटीन डाइट लेने लगते हैं, यह सोचकर कि इससे शरीर मजबूत होगा।
समस्या क्या होती है:
प्रोटीन के पाचन से शरीर में नाइट्रोजन का बाय-प्रोडक्ट बनता है जिसे किडनी को फिल्टर करना होता है। जब ज्यादा मात्रा में प्रोटीन लिया जाता है, तो किडनी पर अधिक दबाव पड़ता है और समय के साथ यह नुकसानदायक बन सकता है।
आईसीएमआर (ICMR) और एफएसएसएआई (FSSAI) के अनुसार, एक स्वस्थ वयस्क के लिए प्रतिदिन 0.8 से 1 ग्राम प्रति किलो शरीर वजन के हिसाब से प्रोटीन पर्याप्त होता है।
क्या करें:
अपनी उम्र, वजन और शारीरिक गतिविधियों के अनुसार डॉक्टर या डाइटीशियन से सही मात्रा में प्रोटीन की सलाह लें।
जरूरत से ज्यादा सप्लीमेंट से बचें।
Kidney Issues with Protein: प्रोटीन का स्रोत गलत चुनना (Choosing the Wrong Protein Source)
गलती क्या है:
बहुत से लोग प्रोटीन पाने के लिए (Protein in the Kidney) ज्यादा रेड मीट, प्रोसेस्ड मीट (जैसे कि सॉसेज, बेकन), डीप फ्राइड अंडे या फास्ट फूड का सेवन करते हैं।
समस्या क्या होती है:
इन चीजों में प्रोटीन के साथ-साथ बहुत अधिक सैचुरेटेड फैट (saturated fat), सोडियम (sodium) और प्रिज़रवेटिव्स (preservatives) भी होते हैं, जो किडनी को और अधिक नुकसान पहुँचाते हैं।
क्या करें:
पौधों से मिलने वाले प्रोटीन (जैसे दालें, चना, मूंग, राजमा, टोफू, सोया, मेथी दाना) को प्राथमिकता दें।
अंडा (बिना फ्राई), दूध, दही, पनीर, चिकन (बिना तला हुआ) जैसे प्राकृतिक स्रोतों से प्रोटीन लें।
फास्ट फूड और प्रोसेस्ड मीट से दूरी बनाएं।

Kidney Issues with Protein: कम पानी पीना (Not Drinking Enough Water with High Protein Diet)
गलती क्या है:
प्रोटीन (Protein Mistakes) की मात्रा बढ़ा दी जाती है लेकिन पानी का सेवन नहीं बढ़ाया जाता।
समस्या क्या होती है:
प्रोटीन के पाचन और अपशिष्ट को निकालने के लिए किडनी को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और इसके लिए पर्याप्त पानी की जरूरत होती है। यदि पानी कम पिया जाए तो डिहाइड्रेशन (dehydration), यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ना, और किडनी स्टोन की संभावना बढ़ जाती है।
क्या करें:
हाई प्रोटीन डाइट लेने के साथ दिन में कम से कम 2.5–3 लीटर पानी जरूर पिएं।
यूरिन का रंग ध्यान में रखें। यदि गाढ़ा है तो पानी की मात्रा बढ़ाएं।
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Kidney Issues with Protein: किडनी की समस्या के बावजूद ज्यादा प्रोटीन लेना (High Protein Intake with Kidney Disease)
गलती क्या है:
जिन लोगों को पहले से किडनी की बीमारी होती है, वे बिना सलाह के हाई प्रोटीन डाइट या सप्लीमेंट्स लेना शुरू कर देते हैं।
समस्या क्या होती है:
क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) से जूझ रहे मरीजों के लिए अधिक प्रोटीन लेना किडनी की फिल्ट्रेशन क्षमता को और नुकसान पहुँचा सकता है। इससे बीमारी तेजी से बढ़ सकती है और डायलिसिस की जरूरत पड़ सकती है।
क्या करें:
यदि आपको किडनी से जुड़ी कोई भी समस्या है तो डॉक्टर की सलाह के बिना प्रोटीन सप्लीमेंट या हाई-प्रोटीन डाइट बिल्कुल न लें।
किडनी के स्टेज के अनुसार प्रोटीन की मात्रा बहुत सीमित रखी जाती है। केवल रजिस्टर्ड डाइटीशियन द्वारा तय मात्रा ही लें।
Kidney Issues with Protein: सिर्फ सप्लीमेंट्स पर निर्भर रहना (Relying Only on Protein Supplements)
गलती क्या है:
आजकल लोग प्राकृतिक भोजन से प्रोटीन लेने की बजाय केवल सप्लीमेंट्स (Protein Mistakes for Kidney) (जैसे कि व्हे प्रोटीन, केसिन, बीसीएए) पर निर्भर हो गए हैं।
समस्या क्या होती है:
सप्लीमेंट्स में अक्सर एडिटिव्स, मिठास, आर्टिफिशियल फ्लेवर, भारी धातु जैसे हानिकारक तत्व होते हैं। लंबे समय तक इनका अधिक सेवन किडनी पर बुरा प्रभाव डाल सकता है।
क्या करें:
कोशिश करें कि 70–80% प्रोटीन आपकी डेली डाइट से आए और केवल जरूरत पड़ने पर ही सप्लीमेंट लें।
एफएसएसएआई या आईएसओ सर्टिफाइड ब्रांड का ही सप्लीमेंट चुनें।
बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को बिना सलाह सप्लीमेंट देना खतरनाक हो सकता है।

Kidney Issues with Protein: अतिरिक्त सुझाव (Bonus Tips for Kidney-Friendly Protein Use)
रेगुलर हेल्थ चेकअप कराएं – खासकर यदि आपको डायबिटीज, हाई बीपी या फैमिली हिस्ट्री है।
यूरेनिन टेस्ट, क्रिएटिनिन टेस्ट जैसे किडनी फंक्शन टेस्ट समय-समय पर कराएं।
फाइबर युक्त भोजन जैसे कि सब्ज़ियां और फल प्रोटीन के साथ शामिल करें ताकि डाइजेशन बेहतर रहे।
भूख से ज़्यादा न खाएं, क्योंकि ओवरईटिंग से शरीर को अधिक काम करना पड़ता है।
अगर आप अपने भविष्य की सेहत और किडनी को लंबे समय तक स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो आज से ही इन गलतियों से दूर रहकर संतुलित डाइट का पालन करें।