Intermittent fasting vs portion control: जानिए 2025 में किस प्रकार की फास्टिंग आपकी सेहत के लिए है लाभकारी?

Panwar Anushka
Intermittent fasting vs portion control

Intermittent fasting vs portion control: आजकल वजन घटाने (weight loss) के लिए कई तरह के तरीके अपनाए जा रहे हैं, जिनमें सबसे ज़्यादा चर्चा Intermittent fasting vs portion control को लेकर हो रही है। कुछ लोग Intermittent fasting diet plan को फॉलो करते हैं, जिसमें एक तय समय के अनुसार खाने का नियम होता है, जिसे Intermittent fasting schedule भी कहा जाता है।

Contents
Intermittent fasting vs portion control: उपवास करने से बॉडी को कई कई प्रकार से होते है लाभ जानिए आप किस प्रकार फास्टिंग से खुद को रख सकते स्वस्थ।Intermittent fasting vs portion control: क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग?Intermittent fasting vs portion control: इंटरमिटेंट फासिटंग के क्या लाभ है ?Intermittent fasting vs portion control: इस तरह के उपवास रखने के दौरान संभावित चुनौतियाँIntermittent fasting vs portion control: क्या है पॉर्शन कंट्रोल?Intermittent fasting vs portion control: पॉर्शन कंट्रोल करने के क्या लाभ हैं ?Intermittent fasting vs portion control: पॉर्शन कंट्रोल करने के दौरान क्या चुनौतियाँ हो सकती हैं ?Intermittent fasting vs portion control: वैज्ञानिक तुलना से कौन बेहतर है?Intermittent fasting vs portion control:कौन बेहतर है?Intermittent fasting vs portion control: कौन सा तरीका आपके लिए है?Intermittent fasting vs portion control: इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting schedule) की शुरुआत कैसे करे ?Intermittent fasting vs portion control: पॉर्शन कंट्रोल को कैसे प्रारम्भ करे ?Intermittent fasting vs portion control: ध्यान देने योग्य बातें

वहीं कुछ लोग खाने की मात्रा पर ध्यान देते हैं यानी portion control को अपनाते हैं। Intermittent fasting benefits की बात करें तो इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है, पाचन बेहतर होता है और वजन घटाने में मदद मिलती है। खासकर Intermittent fasting for weight loss को आज कई लोग कारगर उपाय मान रहे हैं। इस लेख में हम इन दोनों तरीकों की तुलना करके जानेंगे कि स्थायी और स्वस्थ वजन घटाने के लिए कौन सा तरीका बेहतर है।

Intermittent fasting vs portion control: उपवास करने से बॉडी को कई कई प्रकार से होते है लाभ जानिए आप किस प्रकार फास्टिंग से खुद को रख सकते स्वस्थ।

इंटरमिटेंट फास्टिंग यानी समय-समय पर उपवास करने से शरीर को कई तरह के फायदे मिलते हैं। इससे वजन घटाने, पाचन सुधारने और ऊर्जा बढ़ाने में मदद मिलती है। दूसरी ओर, पोर्शन कंट्रोल का मतलब है हर बार खाने की मात्रा सीमित रखना, जिससे ओवरईटिंग नहीं होती और शरीर का संतुलन बना रहता है। दोनों तरीकों के अपने-अपने फायदे हैं, लेकिन अगर आप सही समय पर उपवास (Intermittent fasting benefits) करते हैं, तो यह आपकी बॉडी को डिटॉक्स करने और फिट रखने में ज्यादा कारगर हो सकता है। जानिए कौन-सा तरीका आपके लिए ज्यादा बेहतर है।

आधुनिक जीवनशैली में मोटापा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में वजन कम करने के लिए दो लोकप्रिय उपाय हैं:

  • इंटरमिटेंट फास्टिंग (IF): दिन में कुछ समय खाने से परहेज।

  • पॉर्शन कंट्रोल (PC): हर भोजन में कैलोरी/मात्रा को सीमित करना।

दोनों ही तरीके वजन घटाने में मदद करते हैं, लेकिन क्या इनमें से कोई एक तरीका ज्यादा प्रभावी और स्थायी है? आइए वैज्ञानिक अध्ययन और डेटा के आधार पर समझें।

Intermittent fasting vs portion control
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Intermittent fasting vs portion control: क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग?

इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting diet plan) में हम खाने और उपवास के समय को नियंत्रित करते हैं। इसके मुख्य प्रकार हैं:

  • 16:8 तरीका (16 घंटे उपवास, 8 घंटे खाने की खिड़की)

  • 5:2 डाइट (सप्ताह में 2 दिन बेहद कम कैलोरी, बाकी दिनों सामान्य)

  • ADF (Alternate-Day Fasting – वैकल्पिक दिन उपवास)

  • 4:3 फास्टिंग (साल में तीन दिन ऐसे इस पैटर्न का पालन)

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Intermittent fasting vs portion control: इंटरमिटेंट फासिटंग के क्या लाभ है ?

  • वज़न और वसा में कमी

PubMed की एक समीक्षा में पाया गया कि IF से शरीर में वसा की मात्रा घटती है और लीब मास भी थोड़ी कम होती है, लेकिन वजन गंवाना स्पष्ट होता हैं।

  • डायबिटीज़ और लिपिड में सुधार

BMC Medicine की समीक्षा में IF से इंसुलिन रेसिस्टेंस, ट्राइग्लिसराइड्स, कुल कोलेस्ट्रॉल और बीएमआई में सुधार दिखा ।

  • Cardiometabolic स्वास्थ्य

Healio की रिपोर्ट में ADF (4:3 मॉडल) में 12 महीनों में कार्डियो-मैटाबोलिक मार्कर्स जैसे ब्लड प्रेशर, LDL, HbA1c में स्पष्ट सुधार देखा गया

  •  “प्राकृतिक” तरीके से कैलोरी कटौती

NPR की रिपोर्ट में 6–8 घंटे खाने की विंडो अपनाने से लोग लगभग 400 कैलोरी कम खाते हैं, और वजन घटता हैं

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Intermittent fasting vs portion control: इस तरह के उपवास रखने के दौरान संभावित चुनौतियाँ

  • शुरुआती भूख और कमजोरी, सिर दर्द, चक्कर, थकान हो सकती है ।

  • मानसिक रूप से चुनौतिपूर्ण,भूलकर भोजन करने की संभावना रहती है, खासकर शुरुआती दिनों में।

Intermittent fasting vs portion control: क्या है पॉर्शन कंट्रोल?

पॉर्शन कंट्रोल का मतलब हर भोजन की मात्रा संतुलित रखना है। इसमें निम्नलिखित तरीके शामिल हो सकते हैं:

  • प्लेट, कटोरी और पैकेट आकार छोटा करना

  • पोषण-पोषणयुक्त और संतुलित भोजन लेना

  • कैलोरी-नियंत्रित डाइट अपनाना

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Intermittent fasting vs portion control: पॉर्शन कंट्रोल करने के क्या लाभ हैं ?

  • लचीला और सरल
    समय और खान-पान शैली के अनुसार आसानी से समायोजित किया जा सकता है।

  • स्वस्थ आदतें विकसित करता है
    आहार में फलों, सब्ज़ियों, प्रोटीन आदि को शामिल करना उत्साहित होता है ।

  • न्यूट्रिएंट डिफ़ीशिएंसी कम
    सब कुछ संतुलित खाने से पोषण संबंधी कमी की संभावना कम होती है।

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Intermittent fasting vs portion control: पॉर्शन कंट्रोल करने के दौरान क्या चुनौतियाँ हो सकती हैं ?

  • लगातार निगरानी की आवश्यकता,हर दिन की मात्रा गिननी होती है, जिससे थकान हो सकती है।

  • आनंद और स्वाद कम हो सकता है,कभी-कभी सीमित मात्रा खाने से मन उदास महसूस कर सकता है।

Intermittent fasting vs portion control: वैज्ञानिक तुलना से कौन बेहतर है?

आइये जानते  हैं वैज्ञानिक दृष्टि से क्या बेहतर हो सकता हैं :

वजन घटाने पर प्रभाव(Intermittent fasting for weight loss)

  • IF बनाम लगातार कैलोरी कटौती:
    2023 की Italian Diabetes Society की मेटा-एनालिसिस में पाया गया कि IF और लगातार कैलोरी नियंत्रित डाइट में वजन (Intermittent fasting for weight loss) या बीएमआई में अंतर नहीं था।

  • 4:3 मॉडल की प्रभावशीलता:
    NIH के Annals of Internal Medicine अध्ययन में पाया गया कि IF ग्रुप ने 12 महीनों में औसतन 7.7 किग्रा वजन घटाया, जबकि लगातार कैलोरी कंट्रोल ग्रुप ने 4.8 किग्रा।

  • तुलनात्मक अध्ययन:
    NPR और अन्य शोध निष्कर्ष बताते हैं कि टाइम-रिस्ट्रिक्टेड IF से प्राप्त वजन घटाना लगभग समान है जैसे कैलोरी गिनकर भोजन नियंत्रित करना ।

 चयापचय और स्वास्थ्य लाभ

  • इंसुलिन और वसा घटती है
    IF से HOMA-IR (इंसुलिन रेसिस्टेंस) में सुधार होता है और ट्राइग्लिसराइड्स में कमी आती है ।

  • लेबल बेंजिफिट्स
    LDL कोलेस्ट्रॉल, HbA1c और ब्लड प्रेशर भी बेहतर हो सकते हैं, खासकर ADF मॉडल के साथ ।

पालनशीलता (Adherence)

  • IF की studies में dropout rate 12–38% के बीच रहा, जबकि नियमित कैलोरी कंट्रोल डाइट में लगभग इसी रेंज में रहा । 4:3 मॉडल में ADL ड्रॉपआउट सिर्फ ~19% था, जो बेहतर दिखा।

  • वास्तविक जीवन में adherence पर निर्भर करता है—IF में भोजन समय बदलना कठिन हो सकता है, जबकि PC में भोजन की नियमितता अधिक स्थिर होती है।

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Intermittent fasting vs portion control:कौन बेहतर है?

दोनों ही तरीकों की अपनी उपयोगिता और सीमाएँ हैं:

1. वजन घटाना

  • इंटरमिटेंट फास्टिंग (IF), विशेषकर ADF (Alternate Day Fasting) या 4:3 मॉडल के अनुसार, सालाना 5 से 8% तक वजन घटाने में मददगार हो सकता है।
  • पॉर्शन कंट्रोल (PC) के ज़रिए भी लगभग 5 से 7% वजन घट सकता है, लेकिन यह आमतौर पर धीमा और समान स्तर पर होता है।

2. मेटाबोलिक लाभ

  • IF करने से शरीर में इंसुलिन रेसिस्टेंस कम होती है, ट्राइग्लिसराइड्स, LDL कोलेस्ट्रॉल और HbA1c के स्तर में सुधार आता है।
  • PC के ज़रिए पोषण-संतुलित भोजन के कारण समग्र स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ता है।

3. अनुपालन योग्यता (पालन करना कितना आसान है)

  • कुछ लोगों के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग शुरू करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन ADF मॉडल में छोड़ने वालों (dropout rate) की दर कम पाई गई है।
  • पॉर्शन कंट्रोल धीरे-धीरे एक आदत के रूप में अपनाया जा सकता है, लेकिन इसमें हर भोजन की मात्रा पर नजर रखना जरूरी होता है।

4. पोषक तत्व संतुलन

  • IF में कभी-कभी पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, खासतौर पर प्रोटीन और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की, इसलिए इन पर विशेष ध्यान देना ज़रूरी है।
  • PC संतुलित आहार पर आधारित होता है, जिससे ज़रूरी पोषक तत्वों की कमी की संभावना कम रहती है।

🔄 संयोजन की ताक़त

कई अध्ययनों में पाया गया कि IF के दौरान खाने की विंडो में पौष्टिक और संतुलित भोजन लेना प्रभावशाली है। यानी फास्टिंग + portion control का संयोजन कई मामलों में अधिक स्थायी और कार्यकुशल तरीका बन सकता हैं।

Intermittent fasting vs portion control: कौन सा तरीका आपके लिए है?

आपके के लिए कौन-सा तरीका लाभकारी हो सकता हैं :

  • जब तक आप बिना भूख के दिनभर काम कर सकते हैं और खाना सीमित समय में ले सकते हैं, IF (जैसे 16:8 या 4:3) अच्छा विकल्प हो सकता है।

  • यदि आपको हर दिन नियमित रूप से सभी भोजन लेने की आदत है, तो portion control आपके लिए अधिक उपयुक्त है, साथ में हेल्दी भोजन हो।

  • स्वास्थ्य की स्थिति: डायबिटीज़, ब्लड प्रेशर या भोजन गड़बड़ी में IF जोखिमपूर्ण हो सकता है—तो डॉक्टर से सलाह जरूरी है।

Intermittent fasting vs portion control: इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting schedule) की शुरुआत कैसे करे ?

  1. 16:8 से शुरू करें: सुबह नाश्ता छोड़ें, दोपहर 12 बजे से रात 8 बजे तक खाएं।

  2. धीरे-धीरे “4:3” या सप्ताह में 2 दिनों पर सीमित कैलोरी डालें।

  3. ध्यान दें—खाने में प्रोटीन, सब्ज़ियाँ, स्वस्थ वसा ज़रूर शामिल करें।

  4. हाइड्रेशन सुनिश्चित करें (पानी, अघुलित चाय आदि)।

  5. सहायक गतिविधियाँ जैसे हल्दी एक्सरसाइज और हल्का व्यायाम रखें।

Intermittent fasting vs portion control: पॉर्शन कंट्रोल को कैसे प्रारम्भ करे ?

  1. प्लेट और कटोरी छोटी रखें, ताकि स्वतः भोजन सीमित हो।

  2. दिनभर में छह छोटे भोजन स्तर बनाएं, जिससे भूख कम हो और खाने की आदत बेहतर हो।

  3. कैलोरी-ट्रैकिंग ऐप या भोजन डायरी से शुरुआती महीनों में सहायता ले सकते हैं।

  4. नियमित रूप से वजन-तौलते रहें और पोषण का संतुलन बनाए रखें।

Intermittent fasting vs portion control: ध्यान देने योग्य बातें

  • किसी भी डाइट शुरू करने से डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें, खासकर आपकी स्वास्थ्य स्थिति या दवाओं पर विचार हो।

  • छोटे लक्ष्य निर्धारित करें (उदा. 5% वजन कम करने का लक्ष्य पहले 3–6 महीनों में)।

  • सलाह और सपोर्ट: दोस्त, ट्रेनर या पोषण विशेषज्ञ से मार्गदर्शन लें।

  • नींद और तनाव: पर्याप्त नींद लें और तनाव कम करने के लिए योग, ध्यान इत्यादि अपनाएं।

  • धैर्य ज़रूरी है: वजन घटाने की दर धीमी होती है, लेकिन स्थिर होना सबसे बेहतर है।

अंत में कहा जा सकता है कि Intermittent fasting vs portion control दोनों ही तरीके अपने-अपने स्थान पर प्रभावी हो सकते हैं। अगर किसी को समय के अनुसार खाने की आदत बनानी है तो Intermittent fasting diet plan और Intermittent fasting schedule उनके लिए फायदेमंद हो सकता है।

वहीं जिन लोगों को हर थोड़ी देर में कुछ खाने की आदत है, उनके लिए portion control बेहतर विकल्प हो सकता है। Intermittent fasting benefits जैसे कि वजन कम करना, मेटाबॉलिज्म सुधारना और शरीर को डिटॉक्स करना इसे और भी असरदार बनाते हैं। खासकर Intermittent fasting for weight loss को अपनाकर कई लोग अच्छे परिणाम पा चुके हैं। इसलिए, अपने शरीर की ज़रूरत और जीवनशैली के अनुसार सही विकल्प चुनना सबसे ज़रूरी है।

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मैं अनुष्का पंवार, Subah Times की लेखिका हूं। मैं विभिन्न विषयों पर हमेशा meaningful, informative और descriptive लेख लिखती हूँ। मैं विविध विषयों पर लिखती हूं, जिनमें Trending News, Technology, Environmental Issues, Societal Concerns, जो मेरे मुख्य विषय हैं। मेरे लेख कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों जैसे The Economic Times, Times of India, Millennium Post, Asian Age, और Navbharat Times में प्रकाशित हो चुके हैं। लेखन के अलावा, Tech Enthusiast और उद्यमिता (Entrepreneurship) मेरे आदर्श विषय हैं। मेरा सपना तकनीकी उद्योग में एक सकारात्मक और प्रभावशाली लेखक के रूप में अपनी पहचान बनाने का है। वर्तमान में, मैं लेखन कार्य के साथ एक Innovative Tech Startup पर काम कर रही हूं, जहां रचनात्मकता (creativity) और नवाचार (innovation) मेरे कार्य के विषय है। मेरा मानना है कि शब्दों की ताकत और तकनीक की शक्ति को एक साथ लाकर हम एक बेहतर दुनिया की ओर कदम बढ़ा सकते हैं और लोगों के सोच में बदलाव ला सकते हैं जो आज के इस तकनिकी युग में बहुत जरुरी है।
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