India First Glass Bridge: भारत का पहला कन्याकुमारी स्थित कांच का पुल, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन द्वारा 30 दिसंबर 2024 को किया गया उद्घाटन

Anushka Panwar
India's First Glass Bridge at Kanyakumari

India First Glass Bridge :भारत के कन्याकुमारी में समुद्र के ऊपर बनने से Tourism को मिलेगा बढ़ावा:

India First Glass Bridge– क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि आप एक ऐसे पुल पर चल रहे हैं जो पूरी तरह से कांच का बना है? आपके पैरों के नीचे की ज़मीन साफ़ नज़र आ रही है, और आप हवा में तैरने का अहसास कर रहे हैं। यह कोई कल्पना नहीं है दोस्तों , बल्कि यह अब हक़ीक़त में तब्दील हो गया है और  India First Kanyakumari Glass Bridge 30 दिसम्बर 2024 को तमिलनाडु में बनकर तैयार हो गया है जिसको तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन उद्घाटन किया गया है।

Contents
India First Glass Bridge :भारत के कन्याकुमारी में समुद्र के ऊपर बनने से Tourism को मिलेगा बढ़ावा:India First Glass Bridge की मुख्य विशेषतायें जो कन्याकुमारी के पास निर्मित है:  कांच के पुल का डायमेंशन (Dimensions):कांच के पुल में उपयोग मटेरियल :कांच के पुल का अनुभव :India First Glass Bridge: कब किया गया उद्घाटन?  India First Kanyakumari Glass Bridge: कितने रुपये में किया गया निर्माण?  India First Glass Bridge:  मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य:India First Glass Bridge: किन टेक्नोलॉजी का किया गया उपयोग:उच्च शक्ति वाला टेम्पर्ड ग्लास (High-Strength Tempered Glass)धातु की एक मजबूत संरचना (Robust Metal Framework)खारे पानी प्रतिरोधी कोटिंग (Saltwater-Resistant Coating)अत्याधुनिक संवेदक (State-of-the-Art Sensors)सुरक्षा सुविधाएं (Advanced Safety Features)धनुषाकार डिजाइन (Arch-Shaped Design)पर्यटकों की सुविधा (Tourist Convenience)

यह India First Glass Bridge कन्याकुमारी के समुद्र के ऊपर बनाया गया है और  अब उद्घाटन के बाद इसे जनता के लिए खोल दिया गया है। यह कांच का पुल (Glass Bridge) कन्याकुमारी के दो ऐतिहासिक स्थल विवेकानंद रॉक मेमोरियल एवं 133 फीट ऊंची तिरुवल्लुवर प्रतिमा को एक दूसरे से जोड़ता है। जो यह पर्यटन के दृश्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण उपलब्धि है और इससे इसका बूस्ट उप मिलेगा।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पहले विवेकानंद रॉक मेमोरियल से तिरुवल्लुवर प्रतिमा तक जाने के लिए बोट का इस्तेमाल किया जाता था, परंतु अब बिना बोट की सहायता से स्मारक से प्रतिमा तक का सफर एक नये अनुभव और आनंद के साथ अब तय किया जा सकेगा। आइए अब हम इसके विषय के बारे में और अधिक जानकारी को प्राप्त करते हैं।

India First Glass Bridge at Kanyakumari
India First Glass Bridge at Kanyakumari

India First Glass Bridge की मुख्य विशेषतायें जो कन्याकुमारी के पास निर्मित है:  

  • कांच के पुल का डायमेंशन (Dimensions):

जानकारी के अनुसार India First Kanyakumari Glass Bridge (कांच का पुल)  77 मीटर लंबा (length) एवं 10 मीटर चौड़ा (width) है और यह समुद्र की सतह से 133 फीट ऊंचा बनाया गया है।

आपको जानकारी के लिए बता दें कि अभी दुनिया का सबसे बड़ा कांच का पुल चीन के हुनान में स्थित “झांगजियाजी पुल है, जो कि लगभग 6 मीटर चौड़ा और 300 मीटर ऊंचा है। जबकि भारत का सबसे बड़ा कांच का पुल केरल के इडुक्की जिले के वेगामोन में स्थित है, जिसकी लंबाई 40 मीटर एवं 3600 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है।

  • कांच के पुल में उपयोग मटेरियल :

इस तरह के कांच के पुल को बनाने के लिए लैमिनेटेड पारदर्शी कांच (Laminated Transparent Glass) या टफंड  पारदर्शी कांच (Toughened Transparent Glass) का उपयोग किया जाता है। और इस तरह के पुलों को खासकर पहाड़ी इलाकों में तैयार किया जाता है।  

  • कांच के पुल का अनुभव :

इस तरह के पुलों पर चलने में ऐसा लगता है मानो हम समुद्र के ऊपर चल रहे हों। तमिलनाडु सरकार का कहना है कि इसे इस तरीके से डिज़ाइन किया गया है कि कांच का पुल (Glass Bridge) तटीय इलाकों की ज्यादा नमी और समुद्री हवा जैसे मौसम को आसानी से सहने में सक्षम हो और लंबे समय तक टिका रहे।

India First Glass Bridge: कब किया गया उद्घाटन?  

इस India’s First Kanyakumari Glass Bridge का उद्घाटन 30 दिसंबर 2024, सोमवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा किया गया। इस कांच के पुल (Glass Bridge) का उद्घाटन तिरुवल्लुवर प्रतिमा की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर रखा गया था, जिसे वर्ष 2000 में मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि द्वारा स्थापित किया गया था। यह कांच का पुल (Glass Bridge) आम जनता के लिए ओपन किया जा चुका है।  

India First Glass Bridge के उद्घाटन के दौरान ही तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने यह घोषणा की कि अब से हर वर्ष दिसंबर के आखिरी सप्ताह को “त्रिरुक्कुरल सप्ताह” के रूप में मनाया जाएगा।

India First Glass Bridge: Arch-Shaped Design
India First Glass Bridge: Arch-Shaped Design

India First Kanyakumari Glass Bridge: कितने रुपये में किया गया निर्माण?  

तमिलनाडु सरकार द्वारा इस India’s First Kanyakumari Glass Bridge के प्रोजेक्ट महज 37 करोड़ रुपये की राशि में विकसित किया गया है। तमिलनाडु के मंत्री जैसे – लोक निर्माण मंत्री एवं ई वी वेलु ने इस India’s First Glass Bridge के निर्माण के बारे में कहा कि इस कांच के पुल  का निर्माण काफी चुनौतीपूर्ण (Challenging) रहा है।  

India First Glass Bridge:  मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य:

यह कांच के पुल के निर्माण के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य टूरिज्म को बढ़ावा देना एवं विवेकानंद रॉक मेमोरियल से तिरुवल्लुवर प्रतिमा के डिस्टेंस तक आसानी से पहुंचाना है। इसके साथ सरकार का मकसद कन्याकुमारी को प्रमुख टूरिस्ट प्लेस के रूप में बनाने और प्रमोट करना है।

India First Glass Bridge: किन टेक्नोलॉजी का किया गया उपयोग:

इस समुद्र के ऊपर बनाए गए Glass Bridge के निर्माण में कई एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है ताकि यह तटीय इलाकों की ज्यादा नमी और नमकीन समुद्री हवा जैसे मौसम को सहने में काफी सक्षम हो। इस पुल के दौरान विशेषज्ञों की मदद भी लेनी पड़ी थी।  

निम्नलिखित तरीकों को अपनाकर ब्रिज को काफी मजबूत बनाने की कोशिश की गई है:

  • उच्च शक्ति वाला टेम्पर्ड ग्लास (High-Strength Tempered Glass)

कांच के पुल को एक अलग ही तरीके से तैयार किया गया है। इस दौरान अधिक मजबूत Tempered Glass का उपयोग किया गया है। यह ग्लास सामान्य ग्लास के मुकाबले अधिक मजबूत होता है ताकि ब्रिज बिना किसी समस्या के भार को झेलने में सक्षम हो।  

  • धातु की एक मजबूत संरचना (Robust Metal Framework)

 ब्रिज को बनाने के दौरान धातु की एक मजबूत संरचना (Robust Metal Framework) का इस्तेमाल किया गया है ताकि कांच का पुल (Glass Bridge) आसानी से समुद्र की लहरों एवं तेज हवाओं से प्रभावित न हो।  

  • खारे पानी प्रतिरोधी कोटिंग (Saltwater-Resistant Coating)

India’s First Glass Bridge समुद्र के ऊपर बनाने की वजह से इसे एक विशेष प्रकार की खारे पानी प्रतिरोधी कोटिंग (Saltwater-Resistant Coating) का उपयोग किया गया है ताकि यह लंबे समय तक चलता रहे।  

  • अत्याधुनिक संवेदक (State-of-the-Art Sensors)

पुल की स्थिति को सुनिश्चित करने के लिए इस Glass Bridge में अत्याधुनिक संवेदक (State-of-the-Art Sensors) को लगाया गया है ताकि आसानी से वर्तमान समय की जानकारी प्राप्त हो सके।  

  • सुरक्षा सुविधाएं (Advanced Safety Features)

कांच के पुल  को विकसित करने के दौरान सुरक्षा सुविधाएं (Advanced Safety Features) का भी खास ध्यान रखा गया है। जैसे – रेलिंग (Railings), फिसलन-रोधी सतह (Non-Skid Surface), आपातकालीन निकास मार्ग (Emergency Exit Routes) आदि।  

  • धनुषाकार डिजाइन (Arch-Shaped Design)

India First Glass Bridge के इस Glass Bridge को धनुषाकार डिजाइन (Arch-Shaped Design) में तैयार किया गया है, जो कि कांच के पुल को समुद्र की लहरों को  प्रभावी तरीके से संभालने में सक्षम बनाएगा।  

  • पर्यटकों की सुविधा (Tourist Convenience)

भारत का पहला ग्लास ब्रिज एक अद्भुत इंजीनियरिंग का नमूना है। यह पुल पर्यटकों के लिए एक बड़ा आकर्षण केंद्र बिंदु होगा। इससे तमिलनाडु में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। यह पुल स्थानीय लोगों के लिए रोज़गार के अवसर भी पैदा करेगा। यह पुल पर्यटकों के लिए एक बड़ा आकर्षण होगा। इससे तमिलनाडु में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा इसके साथ ही इस पुल के निर्माण से स्थानीय लोगों के लिए रोज़गार के अवसर भी पैदा करेगा।

आपको India First Glass Bridge के बारे में जानकारी कैसी लगी , मुझे उम्मीद है कि आप इस पुल के बारे में जानकर रोमांचित होंगे। मैं भी इस पुल पर चलने के लिए बहुत उत्सुक हूँ।अगली बार जब आप कन्याकुमारी जायें तो इस अनोखे ब्रिज का आनंद जरूर लें।

First Kanyakumari Glass Bridge
First Kanyakumari Glass Bridge

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By Anushka Panwar Writer
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मैं अनुष्का पंवार, Subah Times की लेखिका हूं। मैं विभिन्न विषयों पर हमेशा meaningful, informative और descriptive लेख लिखती हूँ। मैं विविध विषयों पर लिखती हूं, जिनमें Trending News, Technology, Environmental Issues, Societal Concerns, जो मेरे मुख्य विषय हैं। मेरे लेख कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों जैसे The Economic Times, Times of India, Millennium Post, Asian Age, और Navbharat Times में प्रकाशित हो चुके हैं। लेखन के अलावा, Tech Enthusiast और उद्यमिता (Entrepreneurship) मेरे आदर्श विषय हैं। मेरा सपना तकनीकी उद्योग में एक सकारात्मक और प्रभावशाली लेखक के रूप में अपनी पहचान बनाने का है। वर्तमान में, मैं लेखन कार्य के साथ एक Innovative Tech Startup पर काम कर रही हूं, जहां रचनात्मकता (creativity) और नवाचार (innovation) मेरे कार्य के विषय है। मेरा मानना है कि शब्दों की ताकत और तकनीक की शक्ति को एक साथ लाकर हम एक बेहतर दुनिया की ओर कदम बढ़ा सकते हैं और लोगों के सोच में बदलाव ला सकते हैं जो आज के इस तकनिकी युग में बहुत जरुरी है।
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