Cyber Attack in India 2024: डेटा सुरक्षा, तकनीकी खतरे और समाधान

Cyber Attack in India 2024

भारत में साइबर सुरक्षा की वर्तमान स्थिति:

2024 की तीसरी तिमाही में भारत ने 1.2 बिलियन से अधिक साइबर हमलों (Cyber Attack in India) का सामना किया, जो पिछले साल के मुकाबले 92 प्रतिशत अधिक था। इसमें 271 मिलियन API हमले शामिल थे, जो वेबसाइटों पर हुए हमलों से 85 प्रतिशत ज्यादा थे। API पर DDoS हमले 3,000 प्रतिशत बढ़ गए, जैसा कि एप्लिकेशन सुरक्षा फर्म इंडसफेस की रिपोर्ट में बताया गया है। इन हमलों से डेटा सुरक्षा और गोपनीयता के लिए गंभीर खतरे उत्पन्न हो रहे हैं।

सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, ये हमले अधिकतर कमजोरियों, जैसे कि अपाचे, Nginx, और API सुरक्षा में लापरवाही के कारण हो रहे हैं। इस बढ़ते खतरे के बावजूद, भारतीय सरकारी एजेंसियां और साइबर सुरक्षा (Cyber Security) कंपनियां समाधान के तौर पर स्मार्ट AI-आधारित सुरक्षा उपायों को लागू कर रही हैं। भारत सरकार ने अपने राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूती देने के लिए पहल की है, लेकिन यह स्पष्ट है कि साइबर अपराधियों के खिलाफ युद्ध लंबा और चुनौतीपूर्ण होगा।

2024 में भारत में प्रमुख साइबर हमले (Cyber Attack in India):

भारत में साइबर हमले (Cyber Attack in India) लगातार बढ़ रहे हैं, और 2024 की पहली तिमाही में ही 50 करोड़ से अधिक हमले हुए हैं। एनजीओ ‘प्रहार’ की रिपोर्ट के अनुसार, अगर यह स्थिति नहीं सुधरी, तो 2033 तक इन हमलों का नुकसान 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है, और 2047 तक यह आंकड़ा 17 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि साइबर हमले (Cyber Attack-2024) मुख्य रूप से पारंपरिक हैकिंग और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए हो रहे हैं। 2024 के पहले चार महीनों में साइबर हमलों से 1750 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, और 7 लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं। रिपोर्ट में मजबूत साइबर सुरक्षा तंत्र की आवश्यकता की बात की गई है।

Cyber Attacks (Source: www.business-standard.com)

फिनटेक और क्रिप्टो व्यापारियों के लिए धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग:

फिनटेक ने डिजिटल वॉलेट, पीयर-टू-पीयर लेंडिंग और ऑनलाइन पेमेंट गेटवे जैसे नवाचारों से वित्तीय सेवाओं को सुलभ और सुविधाजनक बनाया। हालांकि, इसके साथ ही साइबर अपराधियों के लिए नए धोखाधड़ी के अवसर भी पैदा हुए हैं। पहचान चोरी, फिशिंग, एआई-आधारित धोखाधड़ी और मनी-मूलिंग नेटवर्क जैसे मामलों में वृद्धि हुई है। 2021 से 2023 के बीच पहचान धोखाधड़ी में 73% की वृद्धि हुई है। उपयोगकर्ताओं को अपनी सुरक्षा बढ़ाने के लिए दो-कारक प्रमाणीकरण, मजबूत पासवर्ड, और नियमित खाता निगरानी जैसे उपाय अपनाने चाहिए। फिनटेक धोखाधड़ी से बचाव के लिए जागरूकता और सतर्कता जरूरी है।

साइबर सुरक्षा स्टार्टअप्स और भारतीय कंपनियों का योगदान:

इस तरह हम देखते हैं की भारत में साइबर हमलों (Cyber Attack in India) का खतरा बढ़ता जा रहा है, जैसा कि अक्टूबर 2023 में भारतीयों का निजी डेटा डार्क वेब पर पाया गया था। इस डेटा में नाम, फोन नंबर, आधार और पासपोर्ट नंबर जैसी संवेदनशील जानकारी शामिल थी। भारत, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ऑनलाइन बाजार होने के कारण साइबर हमलों के प्रति संवेदनशील है। यह खतरे महत्वपूर्ण अवसंरचना, वित्तीय क्षेत्र, डेटा उल्लंघन, साइबर जासूसी, और एPTs के रूप में सामने आते हैं।

सरकार ने साइबर सुरक्षा (Cyber Security) को लेकर कई पहल की हैं, जैसे राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति, साइबर अपराध समन्वय केंद्र, CERT-In, और NCIIPC। हालांकि, भारत को अपने साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने, मानव और तकनीकी संसाधनों का विकास करने, और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता है। साइबर सुरक्षा कानूनों को सुदृढ़ करना और एक साइबर सुरक्षा बोर्ड की स्थापना भी आवश्यक है।

साइबर सुरक्षा में घरेलू स्टार्टअप्स और सार्वजनिक-निजी साझेदारी का भी अहम योगदान है। भारत को साइबर हमलों (Cyber Attack in India) से निपटने के लिए प्रभावी रणनीतियों को लागू करना होगा।

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साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण (Cyber Security) और डेटा सुरक्षा कानून:

भारत में साइबर सुरक्षा (Cyber Security) के खतरों में तेजी से वृद्धि हो रही है, जो 2023 में 15,92,917 घटनाओं तक पहुँच गई, जबकि 2017 में यह संख्या 53,117 थी। प्रमुख साइबर हमलों में रैनसमवेयर, डेटा ब्रीच, मैलवेयर, और DDOS हमले शामिल हैं। सरकारी और निजी संस्थान, जैसे भारतीय रक्षा इकाई और हवाई अड्डे, विशेष रूप से निशाना बन रहे हैं। इसके अलावा, CBI ने RBI के अनुरोध पर 820 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जांच की है।

सरकार ने इन खतरों से निपटने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (NSCS) और केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय (MeitY) को प्रमुख जिम्मेदारियां सौंपी हैं। साइबर सुरक्षा में तकनीकी उपाय जैसे क्रिप्टोग्राफिक सिस्टम, फायरवॉल, और एंटीवायरस स्कैनर मददगार साबित हो सकते हैं। हालांकि, देश में साइबर सुरक्षा पेशेवरों की कमी को दूर करने के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है। 

भारत में साइबर सुरक्षा (Cyber Security) के भविष्य के रुझान:

भारत में साइबर सुरक्षा (Cyber Security) को मजबूत करने के लिए सरकार और कंपनियां सक्रिय रूप से कदम उठा रही हैं। 2024 के बाद, साइबर खतरों (Cyber Attack in India) का मुकाबला करने के लिए उन्नत तकनीकों जैसे AI, मशीन लर्निंग, और क्लाउड सुरक्षा का उपयोग बढ़ेगा। सरकार की पहल, जैसे साइबर सुरक्षा अभ्यास और डेटा सुरक्षा कानून, सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने में मदद करेंगी।

कंपनियों को नवीनतम साइबर सुरक्षा समाधानों और रणनीतियों को अपनाने की आवश्यकता होगी, ताकि वे बढ़ते खतरों से बच सकें।डेटा एनक्रिप्शन, मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन, और वीपीएन जैसी तकनीकों को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि संवेदनशील डेटा की रक्षा की जा सके। साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में कौशल और जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और सर्टिफिकेशन को बढ़ावा दिया जाएगा। 

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