विज्ञान

Sunita Williams: 59 वर्षीय भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री ने अंतरिक्ष में सबसे अधिक समय रहने का रिकॉर्ड बनाकर इतिहास रचा।

Sunita Williams (सुनीता विलियम्स) ने अंतरिक्ष के छेत्र में इतिहास रचा:

59 वर्षीय भारतीय मूल की (NASA) नासा के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) ने अपने साथी विल्मोर के साथ बुधवार 05.06.2024 को बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान (Starliner Spacecraft) से आईएसएस (ISS) अंतरिक्ष स्टेशन पहुँचने वाली पहली अंतरिक्ष यात्री बन कर एक इतिहास रच दिया है। वैसे भी इस ऐतिहासिक रिकॉर्ड के पहले भी विलियम्स के नाम अनेक रिकॉर्ड हैं।

इस अंतरिक्ष परीक्षण अभियान में  विलियम्स पायलट थी और 61 वर्षीय विल्मोर इस मिशन के कमांडर थे। इस तरह इस अंतरिक्ष उड़ान में एक नया स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान (Starliner Spacecraft) को एक पायलट के रूप में इस यान को सफलता पूर्वक उड़ा कर  विलियम्स ने एक और नया इतिहास रच दी है जो प्रत्येक भारतीय के लिए एक गर्व की बात है।

नासा के रिपोर्ट के अनुसार बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान (Starliner Spacecraft)  फ्लोरिडा के केप कैनवेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से प्रक्षेपण के लगभग 26 घंटे बाद बृहस्पतिवार को दोपहर 1:34 बजे सफलतापूर्वक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंच गया।

सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष स्टेशन पहुँचने पर खुशी से नाच उठी:

विलियम्स ने जैसे ही अपने साथी विल्मोर के साथ अंतरिक्ष स्टेशन में कदम रखते ही खुशी से झूम उठी जो सवभाविक ही था इसके  साथ ही अंतरिक्ष स्टेशन में  रह रहे साथियों गले लग कर एक दूसरे को बधाई दी। सुनीता विलियम्स के ISS पहुंचने का वीडियो जिसमे वह खुसी से झूम रही है, यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

विलियम्स  ने अपने इस  महान ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए अपने परिवार और मित्रों का आभार जताया जो प्रक्षेपण के दौरान मनोबल को बढ़ाने के लिए समर्थन दिया था। Sunita Williams (सुनीता विलियम्स) ने यह भी कहा की ” हमारे पास एक और परिवार अर्थात घर है जो यहाँ इस अंतरिक्ष स्टेशन में हैं, जो रहने वाले यहाँ सभी बहुत बढ़िया है और हम अंतरिक्ष में अपने दूसरे घर में आकर बहुत खुश हैं। इससे बेहतर हमारे लिए कुछ नहीं हो सकता।’’

NASA (नासा) के इस मिशन का उद्देश्य:

NASA (नासा)  के इस मिशन का नाम –बोइंग क्रू फ्लाइट टेस्ट (CFT) है जो नासा के कॉमर्शियल क्रू प्रोग्राम का एक हिस्सा है इसके अंतरगर्त स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान को परिक्षन के तौर पर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए भेजा गया था जो सफल रहा है इस परिक्षन का मुख्य उद्देश्य इस यान को एक रेग्युलर क्रू फ्लाइट के रूप में स्थापित करना है जो आने वाले समय में अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में स्थित इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लैब से लाने और ले जाने का कार्य किया जाएगा। और इस तरह यह स्टारलाइन यान अब SpaceX के क्रू ड्रैगन के बाद इसको दूसरा निजी अंतरिक्ष यान बना देगा जो अंतरिक्ष यात्रा के दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

सुनीता विलियम्स और विल्मोर स्पेस स्टेशन पर लगभग एक सप्ताह रहकर महत्वपूर्ण  कार्य और परीक्षन करेंगे जिसमे स्टारलाइनर को कॉमर्शियल पार्टनरशिप के द्वारा यात्री को अंतरिक्ष में ले जाने और आपस लाने को और अधिक विस्तार देने पर  मुख्य रूप से होगा  इसके  साथ ही अन्य वैज्ञानिक प्रयोग भी होंगे।

Sunita Williams (सुनीता विलियम्स) कौन हैं:

Sunita Williams एक प्रसिद्ध भारतीय मूल की NASA (नासा)  अंतरिक्ष यात्री हैं, जो अपनी उच्च योगदान के लिए विशेष रूप से विख्यात हैं।  विलियम्स का जन्म 19 सितम्बर 1965 को अमेरिका के यूक्लिड, ओहियो  प्रान्त में हुआ था। उनके पिता भारतीय मूल के अमेरिकी न्यूरोएनाटोमिस्ट दीपक पंड्या है और माता  का नाम स्लोवेनियाई-अमेरिकी उर्सुलाइन बोनी (ज़ालोकर) पंड्या है जो मैसाचुसेट्स के फालमाउथ में रहते  हैं। सुनीता विलियम्स के एक भाई और एक बहन  है जो दोनों उनसे बड़े है। मूलतः  विलियम्स का पैतृक परिवार भारत के गुजरात के मेहसाणा जिले के झूलासन से सम्बन्ध रखता है। सुनीता विलियम्स की शादी माइकल विलियम्स से हुई है जो एक पुलिस अधिकारी हैं।

सुनीता की शिक्षा और प्रशिक्षण का अधिकांश भाग अमेरिका में हुआ, जहां उन्होंने कैलिफोर्निया और टेक्सास में अपनी पढ़ाई पूरी की। उन्होंने टेक्सास आयरन और मेटल इंस्टीट्यूट से अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की, और फिर अपनी पॉस्ट ग्रेजुएशन की शिक्षा पूरी की। इसके बाद, उन्होंने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा में चयनित होकर एक अंतरिक्ष यात्री के रूप में अपनी पेशेवर शिक्षा और अनुभव का उपयोग किया।

विलियम्स ने 2003 में पहली अंतरिक्ष यात्रा की, जब उन्होंने STS-116 मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्री बनकर अंतरिक्ष में समय बिताया। उन्होंने फिर से 2006 में STS-117 मिशन में भी भाग लिया, और इसके साथ ही इससे पहले भी कई अंतरिक्ष मिशनों में सक्रिय रूप से शामिल रहीं हैं।

विलियम्स की विशेषता उनके अंतरिक्ष में अद्वितीय कार्य करने का हैं। उन्होंने STS-116 मिशन के दौरान भारतीय मूल के यात्री के रूप में भारत के झंडे को अंतरिक्ष में लहराते हुए दुनिया को दिखाया।  इसके अलावा, उन्होंने अपने मिशनों के दौरान अंतरिक्ष में कई अन्य वैज्ञानिक प्रयोगों और तकनीकी कार्यों का भी सफलतापूर्वक मिशन को पूरा किया।

विलियम्स की योगदान अधिकतर उनके वैज्ञानिक, प्रौद्योगिक और शैक्षिक योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने अंतरिक्ष में मानव संसाधनों के लिए नई तकनीकी उपायों का विकास किया है, जिससे अंतरिक्ष यात्रा को और सुरक्षित और उत्तम बनाने में मदद मिली है।

विलियम्स को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया गया है, जिसमें पद्मश्री और अन्य उपलब्धि शामिल हैं। उनका योगदान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता प्राप्त है, और उन्हें विश्व भर में गर्व के साथ सम्मानित किया गया है।

Sunita Williams का योगदान अंतरिक्ष शोध और विकास के क्षेत्र में नहीं ही बल्कि भारतीय मूल के लोगों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। उनकी कहानी और उनकी सफलता दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करती हैं, और उन्हें एक उदाहरण के रूप में स्थापित करती हैं कि संघर्ष, धैर्य और कठिन परिश्रम से कुछ भी संभव है।

Sunita Williams (सुनीता विलियम्स) की उपलब्धि:

Sunita Williams

Sunita Williams (सुनीता विलियम्स) एक अद्वितीय भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री हैं, जिनकी मुख्य उपलब्धियां इस प्रकार हैं:

  • प्रथम भारतीय मूल की महिला अंतरिक्ष यात्री: विलियम्स ने 2003 में STS-116 मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्री बनकर इतिहास रचा। उन्हें भारतीय मूल के यात्री के रूप में सम्मानित किया गया, जिससे भारत विश्व में अंतरिक्ष यात्रा में नई मील की कामयाबी हासिल की।
  • नासा (NASA) की अग्रणी महिला अंतरिक्ष यात्री: विलियम्स ने नासा में पहली महिला अंतरिक्ष यात्री के रूप में अपनी योगदान की शानदार कार्यक्षमता के बावजूद पहचान प्राप्त की। उन्होंने अपने सफल मिशनों के दौरान अंतरिक्ष में महिलाओं की भूमिका को मजबूत किया और एक महिला के रूप में अंतरिक्ष में उत्कृष्टता की अद्वितीय प्रतिष्ठा प्राप्त की।
  • नासा (NASA) के सबसे अधिक समय तक अंतरिक्ष में रहने वाली महिला: सुनीता विलियम्स ने STS-116 मिशन के दौरान 195 दिनों तक अंतरिक्ष में रहकर एक नई उत्कृष्टता स्थापित की। इससे पहले उन्होंने STS-117 मिशन के दौरान भी 192 दिनों तक अंतरिक्ष में रहकर अपनी अद्वितीय योगदान दिया।
  • Sunita Williams के नाम सबसे अधिक स्पेसवॉक और स्पेसवॉक टाइम का रिकॉर्ड : सुनीता विलियम्स ने अपने अब तक के अपने अंतरिक्ष मिशन  यात्रा के दौरान इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर एक महिला द्वारा सबसे अधिक स्पेसवॉक (7) और स्पेसवॉक टाइम (50 घंटे, 40 मिनट) का रिकॉर्ड भी अपने नाम बनाया है।
  • अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान: विलियम्स को उनके योगदान के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार और सम्मान से सम्मानित किया गया है। उन्हें 5 जुलाई 2008 को भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण प्रदान किया गया।  सितंबर 2007 में विश्व गुजराती समाज द्वारा सरदार वल्लभभाई पटेल विश्व प्रतिभा पुरस्कार से सम्मानित किया गया और अन्य प्रमुख सम्मानों से नवाजा गया है, जिससे उन्हें भारत और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त हुआ है।

इन उपलब्धियों ने Sunita Williams को अंतरिक्ष और भारतीय मूल के लोगों के बीच एक अद्वितीय स्थान प्राप्त कराया है, और उन्हें एक प्रेरणास्त्रोत के रूप में माना जाता है।

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