Rashtriya Vigyan Puraskar 2025 Winners List: दोस्तों, भारत ने फिर एक बार साबित कर दिया है कि जब बात विज्ञान और नवाचार की हो — तो हम किसी से पीछे नहीं। Rashtriya Vigyan Puraskar 2025 Winners List की घोषणा 25 अक्टूबर 2025 को विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा की गई, और ऐलान होते ही पूरा देश अपने वैज्ञानिकों पर गर्व से झूम उठा।
लेकिन इसी खुशी की तालियों के बीच एक हल्की-सी खामोशी भी थी — वो नाम, जिसकी अनुपस्थिति सबको महसूस हुई। लोग पूछने लगे — “क्या ISRO के किसी वैज्ञानिक को नहीं मिला?” सोशल मीडिया पर हैशटैग ट्रेंड करने लगे — #VigyanPuraskar2025, #JayantNarlikar, #IndianSciencePride।
दरअसल, इस साल के Indian National Science Awards 2025 सिर्फ सम्मान नहीं, बल्कि एक प्रेरणा–पत्र हैं — हर उस भारतीय के नाम जो यह मानता है कि “विज्ञान ही भविष्य की भाषा है।”
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2025 में किन वैज्ञानिकों को मिला Rashtriya Vigyan Puraskar — राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार विजेता सूची एक नज़र में:
इस साल के Rashtriya Vigyan Puraskar 2025 की घोषणा 25 अक्टूबर 2025 को की गई, और इस बार के पुरस्कारों में भारत के कई दिग्गज वैज्ञानिकों के साथ-साथ युवा प्रतिभाओं ने भी जगह बनाई है। आइए जानते हैं कौन-कौन बने इस साल भारतीय विज्ञान के गौरव का प्रतीक —
अब ज़रा नज़र डालिए उन 24 प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों और टीमों पर, जिन्होंने इस साल Rashtriya Vigyan Puraskar 2025 Winners List में अपनी जगह बनाई और जिन पर आज पूरा देश गर्व कर रहा है-
1. Vigyan Ratna Puraskar 2025
- प्रोफेसर जयंत विष्णु नार्लीकर (मरणोपरांत) — खगोल भौतिकी में आजीवन योगदान के लिए।
2. Vigyan Shri Award 2025
- प्रो. थलप्पिल प्रदीप (IIT Madras) — नैनो टेक्नोलॉजी और स्वच्छ पेयजल अनुसंधान में अग्रणी कार्य के लिए।
- प्रो. मोहनसंक़र शिवप्रकाशम (IIT Madras) — बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में उल्लेखनीय शोध कार्य के लिए।
3. Vigyan Yuva – Shanti Swarup Bhatnagar Puraskar 2025
- डॉ. श्वेता प्रेम अग्रवाल (IIT Madras) — इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिज़ाइन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता में नवाचार के लिए।
- डॉ. अविनाश दत्त (IISc, Bengaluru) — कंप्यूटेशनल बायोलॉजी और डेटा-ड्रिवन मेडिकल रिसर्च में योगदान के लिए।
- डॉ. अर्पिता घोष (IIT Bombay) — क्वांटम मटेरियल्स और नैनोफिजिक्स में शोध के लिए।
4. Vigyan Team Award 2025
- CSIR Aroma Mission Team — सुगंधित फसलों की खेती के माध्यम से किसानों की आय दोगुनी करने के लिए।
- ISRO Cryogenics Research Team — क्रायोजेनिक इंजन और Gaganyaan मिशन में तकनीकी उपलब्धियों के लिए।
- IIT Kanpur Clean Energy Group — हाइड्रोजन और सोलर एनर्जी स्टोरेज तकनीक में नवाचार के लिए।
- DRDO Defence Materials Division — स्वदेशी आर्मर और हाई-टेम्परेचर मिश्र धातुओं के विकास के लिए।
इन सभी विजेताओं ने अपने-अपने क्षेत्र में विज्ञान को मानव जीवन के और करीब लाने का काम किया है — और यही 24 नाम इस साल के Rashtriya Vigyan Puraskar 2025 की आत्मा हैं।
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Vigyan Ratna Award 2025:
- प्रोफेसर जयंत विष्णु नार्लीकर (मरणोपरांत) – खगोल भौतिकी के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान के लिए। उन्होंने बिग बैंग थ्योरी के वैकल्पिक मॉडल “Steady State Theory” पर विश्वस्तरीय काम किया था और भारतीय विज्ञान की वैश्विक प्रतिष्ठा बढ़ाई। उनकी यह उपलब्धि सिर्फ विज्ञान की नहीं, बल्कि भारतीय चिंतन की भी जीत है।
Vigyan Shri Award 2025:
- प्रो. थलप्पिल प्रदीप (IIT Madras) – नैनो टेक्नोलॉजी और स्वच्छ पेयजल अनुसंधान में अग्रणी योगदान।
- प्रो. मोहनसंक़र शिवप्रकाशम (IIT Madras) – बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में उल्लेखनीय शोध कार्य।
(इन दोनों वैज्ञानिकों को व्यक्तिगत श्रेणी में विज्ञान श्री सम्मान मिला, जो भारत की प्रयोगात्मक क्षमता और नवाचार भावना का प्रतीक हैं।)
Vigyan Yuva – Shanti Swarup Bhatnagar Puraskar 2025:
- डॉ. श्वेता प्रेम अग्रवाल (IIT Madras) – इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता में क्रांतिकारी कार्य के लिए। उन्होंने AI-based health monitoring और low-cost device innovation में उल्लेखनीय शोध किया है।
उनका काम यह दर्शाता है कि विज्ञान अब प्रयोगशालाओं की चारदीवारी से निकलकर आम नागरिक की ज़िंदगी बदलने की दिशा में बढ़ रहा है।
Vigyan Team Award 2025:
- CSIR Aroma Mission Team – भारतीय वैज्ञानिकों की वह टीम जिसने लैवेंडर और लेमनग्रास जैसी फसलों के माध्यम से किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में काम किया और “Science for Society” का बेहतरीन उदाहरण पेश किया। यह वही मिशन है जिसने “खुशबू” को शोध का प्रतीक बना दिया।
इन नामों के साथ ही Rashtriya Vigyan Puraskar 2025 Winners List यह साबित करती है कि भारत के वैज्ञानिक केवल प्रयोग नहीं कर रहे, बल्कि हर दिन देश का भविष्य गढ़ रहे हैं।
इस बार के पुरस्कारों ने यह भी दिखाया कि — “विज्ञान केवल प्रयोगशाला की दीवारों तक सीमित नहीं, बल्कि हर उस जगह जीवित है जहाँ जिज्ञासा, परिश्रम और उम्मीद मौजूद है।”
भारत के वैज्ञानिकों का ऑस्कर: जानिए Rashtriya Vigyan Puraskar क्या है और कैसे बना देश का सबसे बड़ा भारतीय विज्ञान पुरस्कार 2025-
कभी आपने सोचा है, भैया, कि भारत अपने वैज्ञानिकों को आखिर कैसे सम्मानित करता है? जिस तरह फिल्मों के लिए National Film Awards होते हैं, वैसे ही विज्ञान जगत के लिए होते हैं — Rashtriya Vigyan Puraskar। यह पुरस्कार केवल एक trophy या title नहीं, बल्कि उस सोच का प्रतीक है जो कहती है —
“विज्ञान ही वह दीपक है जो राष्ट्र के भविष्य को रोशन करता है।”
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स्थापना कब और क्यों हुई थी?
Rashtriya Vigyan Puraskar की स्थापना वर्ष 2023 में केंद्र सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा की गई थी। पहली बार ये पुरस्कार 2024 में प्रदान किए गए, और अब 2025 संस्करण इसकी दूसरी कड़ी है।
सरकार का उद्देश्य था कि देशभर के वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और तकनीकी नवोन्मेषकों को एक एकीकृत राष्ट्रीय मंच पर सम्मानित किया जाए —जिससे पहले के बिखरे हुए विज्ञान पुरस्कारों (जैसे शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार आदि) को एक सशक्त और समेकित पहचान के तहत लाया जा सके।
उद्देश्य क्या है?
इस पुरस्कार का मुख्य उद्देश्य है — भारत के उन वैज्ञानिकों को सम्मानित करना जिन्होंने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के ज़रिए देश के विकास में अभूतपूर्व योगदान दिया हो। यह पुरस्कार केवल सम्मान नहीं, बल्कि समाज में विज्ञान के विश्वास को बढ़ाने की पहल है। यानि कि यह पुरस्कार न केवल लैब में बैठे वैज्ञानिक को, बल्कि मैदान में बदलाव लाने वाले वैज्ञानिकों को भी समान रूप से पहचान देता है।
कितने प्रकार के पुरस्कार दिए जाते हैं?
Rashtriya Vigyan Puraskar कुल चार प्रमुख श्रेणियों में प्रदान किया जाता है —
- Vigyan Ratna (विज्ञान रत्न) – आजीवन उपलब्धियों के लिए, यानि किसी वैज्ञानिक के पूरे करियर के योगदान को सम्मानित करने के लिए। (Equivalent to Bharat Ratna of Science)
- Vigyan Shri (विज्ञान श्री) – विज्ञान के किसी विशेष क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए।
- Vigyan Yuva – Shanti Swarup Bhatnagar (विज्ञान युवा) – 45 वर्ष से कम आयु के युवा वैज्ञानिकों को, जो भविष्य के वैज्ञानिक नेता बन रहे हैं।
- Vigyan Team (विज्ञान टीम) – किसी समूह या संगठन को जो सामूहिक रूप से महत्वपूर्ण वैज्ञानिक कार्य कर रहा हो।
यह ढाँचा बताता है कि यह पुरस्कार सिर्फ “व्यक्तिगत प्रतिभा” नहीं बल्कि सामूहिक प्रयासों की शक्ति को भी सम्मानित करता है।
किन क्षेत्रों में दिए जाते हैं ये पुरस्कार?
ये पुरस्कार विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लगभग हर प्रमुख क्षेत्र को कवर करते हैं —
• भौतिक विज्ञान (Physical Sciences)
• जीव विज्ञान (Biological Sciences)
• रासायनिक विज्ञान (Chemical Sciences)
• गणित और कंप्यूटर विज्ञान (Mathematical & Computer Sciences)
• पृथ्वी और पर्यावरण विज्ञान (Earth, Climate & Environmental Sciences)
• इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी (Engineering & Technology)
• कृषि और जैव-प्रौद्योगिकी (Agriculture & Biotechnology)
• अंतरिक्ष, परमाणु और रक्षा अनुसंधान (Space, Atomic & Defence Research)
यानि भारत के विज्ञान तंत्र की हर शाखा इसमें शामिल है — लैब से लेकर लॉन्चपैड और खेतों से लेकर क्लिनिक तक।
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पुरस्कार की राशि और सम्मान स्वरूप क्या मिलता है?
इन पुरस्कारों के साथ सरकार यह संदेश देती है कि “विज्ञान में योगदान केवल सम्मान का विषय नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है।”
कौन चुनता है विजेताओं को?
इन पुरस्कारों के चयन के लिए एक National Jury गठित की जाती है, जिसमें देश के शीर्ष वैज्ञानिक, नीति-निर्माता और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल होते हैं। ज्यूरी सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय और विज्ञान मंत्रालय के अधीन कार्य करती है।
चयन की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होती है — नामांकन सार्वजनिक रूप से आमंत्रित किए जाते हैं और कई स्तरों की समीक्षा के बाद विजेताओं की घोषणा की जाती है।
क्यों ज़रूरी हैं ऐसे पुरस्कार: Indian National Science Awards 2025 की प्रेरणा और प्रभाव:
भारत आज जब Chandrayaan-3, Aditya L1 और Quantum Mission जैसे प्रोजेक्ट्स चला रहा है, तो विज्ञान में युवा पीढ़ी का मनोबल बढ़ाना बेहद ज़रूरी है। ऐसे पुरस्कार केवल प्रोत्साहन नहीं, बल्कि राष्ट्र की वैज्ञानिक आत्मा को सलाम हैं।
क्योंकि जब कोई बच्चा यह सुनता है कि जयंत नार्लीकर जैसे वैज्ञानिक को Vigyan Ratna Award 2025 मिला, तो उसके मन में भी एक नया सितारा जन्म लेता है — जो कल का वैज्ञानिक, शोधकर्ता और नवप्रवर्तक बन सकता है।
विज्ञान का नया अध्याय: जब भारतीय विज्ञान पुरस्कार 2025 ने पूरे देश को गर्व से भर दिया:
कभी सोचा है भैया — विज्ञान हमारे आसपास कितनी चुपचाप सांस लेता है? सुबह के मोबाइल अलार्म से लेकर रात के बिजली के बल्ब तक — वह हर पल हमारी ज़िंदगी में मौजूद है। भारतीय विज्ञान पुरस्कार 2025 इसी रोज़मर्रा के चमत्कार को सलाम करता है। और इस साल का सबसे बड़ा सम्मान — Vigyan Ratna Award 2025 — गया उस शख्सियत को जिनका नाम सुनते ही देश का हर छात्र मुस्कुरा उठता है — प्रोफेसर जयंत विष्णु नार्लीकर।
उनकी खगोल-भौतिकी की खोजें सिर्फ ब्रह्मांड तक सीमित नहीं रहीं, उन्होंने तारों की कहानियाँ आम आदमी की भाषा में सुनाईं। वो वैज्ञानिक थे, पर कवि की तरह सोचते थे। इसलिए जब उन्हें मरणोपरांत विज्ञान रत्न मिला, तो पूरा देश बोला — “यह सिर्फ पुरस्कार नहीं, श्रद्धांजलि है।”
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IIT Madras और भारतीय विज्ञान संस्थानों का उदय — National Science Awards 2025 में नई पहचान:
हर युग का एक केंद्र होता है जहाँ से नई सोच जन्म लेती है। आज के भारत में वह केंद्र है — IIT Madras। इस साल राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार विजेता सूची में IIT Madras ने तीन नाम दर्ज किए — प्रोफेसर मोहनसंक़र शिवप्रकाशम, श्वेता प्रेम अग्रवाल, और उनकी टीम।
इन वैज्ञानिकों ने बायोमेडिकल टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक इनोवेशन में जो काम किया, उससे भारत Health-Tech Powerhouse की ओर बढ़ रहा है। कल्पना कीजिए — जहाँ हर अस्पताल में सस्ता और स्मार्ट हेल्थ मॉनिटर होगा, वो सपना इन शोधकर्ताओं ने हकीकत में बदलना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि IIT Madras अब सिर्फ एक संस्थान नहीं, बल्कि Innovation का प्रतीक बन चुका है।
CSIR की Aroma Mission ने जीता “टीम ऑफ द ईयर”:
विज्ञान हमेशा सफेद कोट में नहीं आता दोस्तों, कभी-कभी वह मिट्टी की खुशबू में छिपा होता है। इस साल CSIR की Aroma Mission को Vigyan Team Award से सम्मानित किया गया। उनकी रिसर्च ने lavender, lemongrass, और rosemary जैसी फसलों को छोटे किसानों की बड़ी उम्मीद बना दिया।
जहाँ पहले एक एकड़ से मुश्किल से गुज़ारा होता था, वहीं अब वही ज़मीन “सुगंध की फसल” उगा रही है। इसे कहते हैं — Science for Society। जहाँ प्रयोगशाला का ज्ञान सीधे खेत तक पहुँचता है, और विज्ञान सच में “जन-जन” का हो जाता है।
विज्ञान के युवा नायक — Vigyan Yuva Puraskar 2025 से उभरती नई पीढ़ी:
आज के युवा वैज्ञानिकों ने यह साबित कर दिया है कि लैब में रहने का मतलब दुनिया से दूर रहना नहीं है, बल्कि दुनिया की मुश्किलों को हल करना है। Indian National Science Awards 2025 में जिन युवाओं को सम्मान मिला, उन्होंने AI, Green Energy, Bioengineering जैसे क्षेत्रों में क्रांतिकारी प्रयोग किए।
एक युवा महिला वैज्ञानिक machine learning models से रोगों की भविष्यवाणी कर रही हैं, तो एक अन्य वैज्ञानिक solar innovation को गाँव-गाँव तक पहुँचाने में लगे हैं। यही हैं भारत के असली Superheroes — बिना केप, बिना शोर-शराबे के, पर हर रोज़ भविष्य की शक्ल बदलते हुए।
क्या कमी रही इस बार की Rashtriya Vigyan Puraskar 2025 Winners List में?
जब सूची आई, तो कई लोगों ने कहा — “ISRO कहाँ है?” “DRDO का नाम क्यों नहीं?” सही भी है, Chandrayaan-3 और Gaganyaan Mission जैसी सफलताओं के बाद लोगों की उम्मीदें ज़्यादा थीं। लेकिन शायद सरकार ने इस बार academic research पर ज़ोर दिया, जहाँ प्रयोगशालाओं में बैठे वैज्ञानिक भविष्य की तकनीकें गढ़ रहे हैं।
तो हाँ, यह “कमी” एक संकेत भी है — कि अगले साल हो सकता है ISRO के नायक फिर से सुर्खियों में हों। क्योंकि विज्ञान में कभी हार नहीं होती —बस “अगला मौका” होता है।
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पुरस्कारों का असली अर्थ — सम्मान से ज़्यादा प्रेरणा सम्मान से ज़्यादा प्रेरणा और आत्मविश्वास:
Rashtriya Vigyan Puraskar 2025 Winners List को अगर ध्यान से देखें, तो यह सिर्फ उपलब्धियों की नहीं, आशाओं की सूची है। हर नाम एक कहानी है — किसी ने अपने गाँव की लैब में दुनिया बदलने वाला प्रयोग किया, तो किसी ने अपनी नींदें त्यागकर नई तकनीक गढ़ी।
ये पुरस्कार बताते हैं कि भारत अब सिर्फ उपभोक्ता नहीं, बल्कि Creator Nation बन चुका है। और जब कोई देश अपने वैज्ञानिकों को सम्मान देता है, तो वह असल में अपने कल को सुरक्षित करता है।
भारतीय विज्ञान पुरस्कार 2025: विज्ञान है, तो विश्वास है — Rashtriya Vigyan Puraskar Winners List का सार
दोस्तों, भारत का वैज्ञानिक सफर अभी खत्म नहीं हुआ — बल्कि Rashtriya Vigyan Puraskar 2025 Winners List ने इस सफर को और मज़बूत बना दिया है। Vigyan Ratna Award 2025 से लेकर Indian National Science Awards 2025 तक, हर नाम भारत की नई वैज्ञानिक पहचान को दर्शाता है।
भारतीय विज्ञान पुरस्कार 2025 यह दिखाता है कि हमारे देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं, बस पहचान और प्रोत्साहन की ज़रूरत है। अगले साल शायद वही “एक बड़ा नाम” भी इस सूची में हो, और तब पूरा भारत फिर से कहे — “विज्ञान है, तो विश्वास है।”
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संदर्भ / Sources:
ये जानकारी निम्न प्रमाणित स्रोतों पर आधारित है:
- Press Information Bureau (PIB) की प्रेस रिलीज: “Rashtriya Vigyan Puraskar 2025 की घोषणा”
- Department of Science & Technology (DST) द्वारा “Call for Nominations under Rashtriya Vigyan Puraskar–2025”


