India AI Boom 2025: साल 2025 भारत के लिए एआई क्रांति का महत्वपूर्ण दौर साबित हो रहा है। India AI Boom 2025 के साथ देश में तेजी से तकनीकी बदलाव देखने को मिल रहे हैं। एक तरफ Reliance AI Data Center के माध्यम से भारत में मजबूत और बड़े स्तर का एआई इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर Microsoft Project Gecko देश की कई भाषाओं में मल्टी-लिंगुअल एआई को विकसित कर रहा है।
इसके साथ ही Amazon AI Video Advertising Tool छोटे और मध्यम व्यवसायों को बेहद आसान तरीके से आकर्षक वीडियो विज्ञापन बनाने की सुविधा दे रहा है। इन सभी पहलों के कारण भारत में एआई अपडेट्स लगातार बढ़ रहे हैं और देश तेजी से एक ग्लोबल एआई हब की दिशा में आगे बढ़ रहा है।भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का दौर अब सिर्फ एक भविष्य की संभावना नहीं रहा।
साल 2025 में हम देख रहे हैं कि “भारत एआई” (India AI) के नाम पर एक नई क्रांति थिरक रही है। स्वदेशी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, भारतीय एआई इकोसिस्टम (Indian AI Ecosystem) तथा भारत का एआई मॉडल (India AI Model) — ये सब अब गूंज रहे हैं देश-विदेश में। बड़े टेक्नोलॉजी प्लेयर जैसे Reliance, Microsoft, Amazon ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिससे भारत “Global AI Hub” बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
India AI Boom 2025: Reliance AI Data Center से संबंधित जानकारी।
भारत में जब हम “एआई बूम –AI in India 2025” की बात करते हैं, तो बुनियादी ढाँचा यानी इन्फ्रास्ट्रक्चर की अहमियत बेहद है। यहाँ पर Reliance Industries ने एक बहुत बड़ा कदम उठाया है।
Reliance ने भारत के Andhra Pradesh राज्य में 1 गिगावाट (1 GW) क्षमता वाला Reliance AI Data Center बनाने के लिए समझौता किया है।
यह डेटा सेंटर “फुली मॉड्यूलर, फ्यूचर-रेडी” होगा, जिसमें दुनिया के सबसे उन्नत GPU, TPU और अन्य एआई प्रोसेसर्स हो सकते हैं।
इसे गुजरात के Jamnagar में मौजूद उसी कंपनी के गिगावाट-स्केल डेटा सेंटर का “ट्विन” कहा गया है, यानी एक जाल होगा एशिया के बड़े एआई इंफ्रास्ट्रक्चर में।
इसके साथ ही, इस डेटा सेंटर को सौर उर्जा (Solar Power) से चलाने का भी प्रावधान है — एक 6 GWp सोलर पावर प्रोजेक्ट इसे सपोर्ट करेगा।
यह क्यों महत्वपूर्ण है?
भारत के लिए यह बेहतरीन अवसर है कि वह “एआई इन इंडिया 2025” के वादों को केवल शब्द नहीं रहने दे, बल्कि बुनियादी क्षमता तैयार करे। “एआई डेटा सेंटर भारत” का विस्तार भारत को वैश्विक कंप्यूटिंग हब (Global AI Hub) बनने में मदद करेगा।
बड़े डेटा-सेंटर का होना स्वदेशी एआई (Indigenous AI) के लिए भी बहुत जरूरी है — जब कंप्यूटिंग संसाधन भारत में हों, तब स्थानीय डेटा, मॉडल और अभिनव समाधान बेहतर बन सकते हैं।
ऐसे प्रोजेक्ट्स निवेश, उद्योग विकास, नौकरियों, क्लाउड-इन्फ्रास्ट्रक्चर और AI-सॉफ्टवेयर-सेवा के लिए अवसर लाते हैं। उदाहरण के लिए, एंड्रप्रप्रदेश में इन तरह की परियोजनाओं से राज्य को तकनीकी उछाल मिल सकता है।
चुनौतियाँ
बेशक,बुनियादी ढाँचागत प्रोजेक्ट्स के साथ चुनौतियाँ भी आती हैं — जैसे कि लागत, ऊर्जा-खपत, विशेषज्ञता की कमी, डेटा-सुरक्षा, पेपरवर्क आदि। लेकिन यह कदम यह दिखाता है कि भारत ने “देख ना है क्या होगा” की स्थिति से निकलकर “करेंगे” की दिशा में कदम बढ़ा लिए हैं।
India AI Boom 2025: Microsoft Multilingual AI India से संबंधित जानकारी।
इन्फ्रास्ट्रक्चर जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही महत्वपूर्ण है मॉडल-लेयर, भाषा-समर्थन और स्थानीय संस्कृति को समझने वाला एआई। यहाँ पर Microsoft Project Gecko।
Project Gecko को Microsoft Research India द्वारा लॉन्च किया गया है, जिसका उद्देश्य है कि एआई को “ग्लोबल साउथ” (Global South) या उन भाषाओं-संस्कृतियों में ले जाना जहाँ अभी तक बहुत कम काम हुआ है।
यह प्लेटफार्म “VeLLM” नामक आधार पर काम करता है (universal Empowerment with LLMs) जिसे MSR India ने विकसित किया है, जिससे मल्टी-लिंगुअल, मल्टी-मॉडल कॉपिलॉट्स (multilingual, multimodal copilots) बनाए जा सकें।
भारत और अफ्रीका जैसे हिस्सों में यह काम शुरू हो गया है — उदाहरणस्वरूप किसान-सहायक चैटबॉट “FarmerChat” जो स्थानीय भाषा में मदद करता है।
इसका क्या असर है भारत पर?
भारत में जहाँ सैकड़ों भाषाएँ, बोलियाँ और सांस्कृतिक विविधताएँ हैं — ऐसे में मल्टी-लिंगुअल एआई भारत के लिए एक गेम-चेंजर हो सकता है। हम “Multilingual AI India” की दिशा में बढ़ रहे हैं।
जब एआई केवल अंग्रेजी या कुछ प्रमुख भाषाओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि हिंदी, तमिल, बंगाली, मराठी जैसे भाषाओं में काम करेगा, तब यह आम लोगों के लिए अधिक उपयोगी बनेगा।
यह “भारत का एआई मॉडल” को अधिक समावेशी (inclusive) और प्रासंगिक (relevant) बनाएगा — यानी एआई सिर्फ टेक-इलाइट या बड़े शहरों के लिए नहीं, बल्कि ग्रामीण, अनपढ़-पढ़, छोटे व्यवसायों-किसानों तक पहुंच सकेगा।
चुनौतियाँ
भाषाओं-संस्कृतियों की विविधता के कारण डेटा-लोड, मॉडल-ट्रेनिंग, मानकीकरण (standardization), और मूल्यांकन (evaluation) बड़ी चुनौतियाँ हैं। Project Gecko इन चुनौतियों को हल करने का प्रयास कर रहा है।
India AI Boom 2025- Microsoft Project Gecko
India AI Boom 2025: Amazon AI Video Advertising Tool को छोटे व्यवसायों तक ला रहा है
Amazon AI Video Advertising Tool का व्यावसायिक उपयोग और खासकर छोटे व्यवसायों (SMBs) को इन-टूल्स तक पहुँच देना। यहाँ पर Amazon.com, Inc. ने भारत में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
Amazon Ads ने अपना “AI-पावर्ड Video Generator” टूल भारत में लॉन्च किया है, जिससे भारतीय विज्ञापनदाता (Advertisers) फटाफट वीडियो एड्स बना सकते हैं — उत्पाद चित्र, वीडियो या प्रोडक्ट-पेज अपलोड करके छह वीडियो वेरिएशन प्राप्त कर सकते हैं।
यह टूल छोटे व्यवसायों, डी2सी ब्रांड्स (D2C brands) और उन लोगों के लिए है जिनके पास बड़े एड-प्रोडक्शन का बजट नहीं है।
वीडियो एड्स का निर्माण अब आसान, तेज और सस्ता हुआ है — ये बदलाव “जेनेरेटिव एआई टूल्स इंडिया” की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इस कदम का महत्व
भारत में लाखों छोटे विक्रेता, हस्त-निर्मित उत्पाद, ग्रामीण व्यवसाय हैं जिन्हें बड़े विज्ञापन बजट नहीं मिलते। ऐसे में एआई-टूल्स (जैसे Amazon का) उन्हें सक्षम बना सकते हैं।
डिजिटल-विज्ञापन (Digital Advertising) की दुनिया बदल रही है—“एआई वीडियो एड्स टूल” जैसे मौके विज्ञापन मॉडल को बदल सकते हैं।
यह ऐसा उदाहरण है कि कैसे “एआई इन इंडिया 2025” के तहत सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं, बल्कि व्यावसायिक एआई उपयोग (generative ai tools India) का प्रसार भी हो रहा है।
चुनौतियाँ
इस सुविधा के बावजूद कुछ सवाल हैं — जैसे कि छोटे व्यवसायों को कितनी तकनीकी-सहायता मिल पाएगी, डेटा-प्राइवेसी का क्या होगा, और क्या ये टूल्स भाषा-संस्कृति के लिहाज से पर्याप्त लोकलाइज्ड होंगे।
India AI Boom 2025:भारत की एआई यात्रा का नया अध्याय
2025 में भारत “भारत में एआई अपडेट्स” के उल्लेखनीय दौर से गुजर रहा है। ऊपर दिए गए तीन उदाहरण सिर्फ शुरुआत हैं — भारत में एआई-इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर भाषा-आधारित मॉडल्स, और छोटे व्यवसायों के लिए एआई-साधन तक एक पूरे पारिस्थितिक तंत्र (ecosystem) बन रहा है।
भारत का एआई मॉडल से संबंधित प्रमुख बिंदु –
Reliance का 1 GW डेटा सेंटर प्रोजेक्ट भारत को एशिया-प्रशांत (Asia-Pacific) में एआई इंफ्रास्ट्रक्चर हब बना सकता है।
Microsoft का Project Gecko यह सुनिश्चित कर रहा है कि भारत की भाषाएँ-संस्कृतियाँ एआई की दुनिया में पीछे न रहें।
Amazon का AI Video Ads Tool यह दिखा रहा है कि एआई सिर्फ बड़े फर्मों तक सीमित नहीं है, बल्कि छोटे व्यवसायों के लिए भी सुलभ हो रहा है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंडिया अपडेट्स से संबंधित संभावित जानकारी
भारत में एआई सॉल्यूशन्स को और लोकलाइज करना होगा — भाषा, संस्कृति, उद्योग-सेगमेंट (जैसे कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य) के अनुसार।
डेटा-सेंटर, क्लाउड-इन्फ्रास्ट्रक्चर और ऊर्जा-समर्थन के साथ-साथ सुरक्षा-विधि (governance) और नैतिकता (ethics) को भी मजबूत करना होगा।
छोटे व्यवसायों, स्टार्टअप्स और ग्रामीण एआई-उपयोग को बढ़ावा देने के लिए वित्त-सहायता, प्रशिक्षण एवं नीति-उपाय मिलना ज़रूरी है।
“भारत का एआई मॉडल” तभी सफल होगा जब बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर और स्थानीय-समर्थित मॉडल और व्यावसायिक-उपयोग एक साथ हों।इस प्रकार, 2025 में भारत एआई के क्षेत्र में सिर्फ पार्श्वभूमि में नहीं, बल्कि मुख्य मंच पर अपनी जगह बना रहा है। यदि ये तीन धुरियाँ सामंजस्यपूर्वक बढ़ें — इन्फ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure) + मल्टी-भाषा एआई (Multilingual AI) + व्यावसायिक एआई उपयोग (Business AI Tools) — तो भारत न केवल डिजिटल बड़ी शक्ति बनेगा, बल्कि एआई में वैश्विक नेतृत्व की ओर भी अग्रसर होगा।
अंत में, यह साफ दिखता है कि India AI Boom 2025 सिर्फ एक ट्रेंड नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी दिशा को पूरी तरह बदलने वाला दौर है। Reliance AI Data Center जैसे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स देश को मजबूत कंप्यूटिंग क्षमता दे रहे हैं, जबकि Microsoft Project Geckoभारत की कई भाषाओं में एआई को सुलभ बनाकर डिजिटल समावेशिता को बढ़ा रहा है।
इसके साथ ही Amazon AI Video Advertising Tool छोटे व्यवसायों को नए अवसर दे रहा है ताकि वे आसानी से एआई-आधारित मार्केटिंग का उपयोग कर सकें। इन सभी पहलों की वजह से भारत में एआई अपडेट्सतेजी से बढ़ रहे हैं और भारत दुनिया के प्रमुख AI हब के रूप में उभर रहा है। आने वाले वर्षों में यह विकास न केवल तकनीकी क्षेत्र को बदलेगा बल्कि आम लोगों के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव लाएगा।
मैं अनुष्का पंवार, Subah Times की लेखिका हूं। मैं विभिन्न विषयों पर हमेशा meaningful, informative और descriptive लेख लिखती हूँ। मैं विविध विषयों पर लिखती हूं, जिनमें Trending News, Technology, Environmental Issues, Societal Concerns, जो मेरे मुख्य विषय हैं। मेरे लेख कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों जैसे The Economic Times, Times of India, Millennium Post, Asian Age, और Navbharat Times में प्रकाशित हो चुके हैं। लेखन के अलावा, Tech Enthusiast और उद्यमिता (Entrepreneurship) मेरे आदर्श विषय हैं। मेरा सपना तकनीकी उद्योग में एक सकारात्मक और प्रभावशाली लेखक के रूप में अपनी पहचान बनाने का है। वर्तमान में, मैं लेखन कार्य के साथ एक Innovative Tech Startup पर काम कर रही हूं, जहां रचनात्मकता (creativity) और नवाचार (innovation) मेरे कार्य के विषय है। मेरा मानना है कि शब्दों की ताकत और तकनीक की शक्ति को एक साथ लाकर हम एक बेहतर दुनिया की ओर कदम बढ़ा सकते हैं और लोगों के सोच में बदलाव ला सकते हैं जो आज के इस तकनिकी युग में बहुत जरुरी है।
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