World Chess Championship 2024- Gukesh Dommaraju
भारत के युवा शतरंज खिलाड़ी, गुकेश दोम्मराजू (Gukesh Dommaraju), ने 2024 की विश्व शतरंज चैंपियनशिप (World Chess Championship 2024) में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। महज 18 साल की उम्र में, गुकेश ने चीन के डिंग लिरेन को हराकर शतरंज की दुनिया में अपनी पहचान बनाई। वे इस चैंपियनशिप के सबसे कम उम्र के विजेता बने, और इस जीत ने न केवल भारत को गौरवान्वित किया, बल्कि उन्हें एक वैश्विक आइकन भी बना दिया। इस लेख में हम गुकेश दोम्मराजू के जीवन, उनकी यात्रा और उनके संघर्ष के बारे में विस्तार से जानेंगे।
गुकेश दोम्मराजू (Gukesh Dommaraju) का जन्म 29 मई 2006 को चेन्नई, तमिलनाडु में हुआ। गुकेश दोम्मराजू ने अपनी स्कूलिंग चेन्नई, तमिलनाडु के वेलमल विद्यालय, मेल अयानमबाकम से की है। यह स्कूल चेन्नई के प्रसिद्ध स्कूलों में से एक है, जहाँ से पहले भी कई चेस ग्रैंडमास्टर जैसे कार्तिकेयन, अरविंद चिदंबरम, और प्रागनन्दा जैसे खिलाड़ी उभरकर सामने आए हैं।
उनका परिवार तेलुगु मूल के निवासी है, और उनके पिता, डॉ. रजनीकांत, एक ENT सर्जन हैं, जबकि उनकी मां, डॉ. पद्मा, एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं। गुकेश का शतरंज से परिचय 7 साल की उम्र में हुआ, जब उन्होंने पहली बार शतरंज खेलना शुरू किया। गुकेश की माता-पिता ने हमेशा उनके सपनों का समर्थन किया और उन्हें हर कदम पर साथ दिया और जीत के साथ आगे बढ़ने का प्रेरणा किया।
गुकेश दोम्मराजू ने अपनी शतरंज यात्रा की शुरुआत 2013 में महज 7 साल की उम्र में की थी। उनका शतरंज में गहरी रुचि देख उनके माता-पिता ने एक सुनयोजित कोचिंग की व्यस्था की और 2013 में ही उनके स्कूल कोच भास्कर ने उनकी प्रतिभा को पहचाना। 2015 में, गुकेश ने एशियाई स्कूल शतरंज चैंपियनशिप के अंडर-9 वर्ग में पहला पुरस्कार जीता, जिससे उनकी शतरंज यात्रा को एक नया मुकाम मिला। इसके बाद 2018 में, उन्होंने विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप (Youngest Chess World Champion) में अंडर-12 वर्ग में पहला स्थान प्राप्त किया।
गुकेश की तेज़ प्रगति ने उन्हें महज 6 महीने में FIDE रेटिंग दिलवायी, जो उनकी विशिष्ट क्षमताओं का प्रमाण था। उनकी निरंतर मेहनत और समर्पण ने उन्हें शतरंज के शीर्ष खिलाड़ियों में शामिल किया और उन्होंने देश को गौरव महसूस कराया। गुकेश ने छोटी उम्र में ही बड़ी उपलब्धियां हासिल कर शतरंज की दुनिया में अपना नाम रोशन किया। गुकेश की महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ निम्न है :-
गुकेश का शतरंज में सफर बहुत ही प्रेरणादायक रहा है। 2017 में, उन्होंने केवल 11 साल की उम्र में इंटरनेशनल मास्टर का खिताब अर्जित किया। इसके बाद, उन्होंने 2019 में महज 12 साल की उम्र में ग्रैंडमास्टर बनने का रिकॉर्ड भी तोड़ा। इस दौरान, उनका परिवार आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा था, लेकिन उनकी मेहनत और संघर्ष ने अंततः रंग लाया।
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2024 में, गुकेश ने अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल की, जब उन्होंने 14 मैचों की एक लंबी और कठिन चैंपियनशिप सीरीज़ में चीन के डिंग लिरेन (Ding Liren) को हराया। इस मैच में कई बार ऐसा लगा कि मुकाबला ड्रॉ की ओर बढ़ रहा है, लेकिन गुकेश ने अंततः 7.5 अंकों के साथ जीत हासिल की। यह जीत न केवल उनके लिए बल्कि भारत के शतरंज इतिहास के लिए भी मील का पत्थर साबित हुई। गुकेश के साथ उनके पिता की आंखों में आंसू थे, जो इस पल को यकीन के साथ स्वीकार नहीं कर पा रहे थे कि उनका बेटा विश्व चैंपियन (World Chess Championship 2024) बन चुका है।
अंततः, डी. गुकेश ने चैंपियन बनने के बाद कुल $1.35 मिलियन (लगभग ₹11.34 करोड़) कमाए, जबकि डिंग लिरेन की कुल कमाई $1.15 मिलियन (लगभग ₹9.66 करोड़) रही।
गुकेश की सफलता केवल उनकी व्यक्तिगत मेहनत का परिणाम नहीं है, बल्कि उनके परिवार के संघर्ष का भी नतीजा है। उनके पिता ने अपनी सर्जन की नौकरी छोड़ दी थी ताकि वे अपने बेटे के साथ अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में जा सकें। वहीं उनकी मां, जो माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं, घर की आर्थिक स्थिति को संभालने के लिए कार्यरत रही। यह यात्रा उनके लिए आसान नहीं थी, लेकिन गुकेश के अथक प्रयास और उनके परिवार के समर्थन ने उन्हें यह सफलता दिलाई।
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गुकेश ने 2018 में अंडर-12 वर्ग में विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप (Youngest Chess World Champion) जीती और 2019 में 12 साल की उम्र में ग्रैंडमास्टर का खिताब प्राप्त किया। इसके बाद, उन्होंने कई टूर्नामेंट्स में शानदार प्रदर्शन किया और 2023 में 2750 की FIDE रेटिंग तक पहुंचने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने। गुकेश के लिए यह सफर केवल खेल तक सीमित नहीं था। उन्होंने अपने अद्वितीय खेल कौशल और शतरंज के प्रति जुनून से पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया।
गुकेश की इस ऐतिहासिक जीत पर उन्हें दुनिया भर से बधाई मिली। खास बात यह है कि उन्हें दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति, एलन मस्क, से भी बधाई का संदेश मिला। मस्क ने X (पूर्व ट्विटर) पर अपनी बधाई देते हुए लिखा, “Congratulations!” यह संदेश इंटरनेट पर वायरल हो गया और गुकेश को वैश्विक पहचान मिली।
गुकेश के करियर की शुरुआत अब एक नई दिशा की ओर अग्रसर हो रही है। उन्हें विश्व शतरंज चैंपियन बनने के बाद और भी बड़ी जिम्मेदारियां उठानी होंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि गुकेश ने अपनी शतरंज की यात्रा में अभी केवल शुरुआत की है। वे आने वाले वर्षों में शतरंज की दुनिया में और भी कई रिकॉर्ड्स तोड़ सकते हैं।
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