UPI P2P Transactions
UPI P2P Transactions:भारत में डिजिटल पेमेंट का सबसे लोकप्रिय तरीका UPI P2P Transactions रहा है, जो लोगों को आसानी से एक-दूसरे के बीच पैसे भेजने और लेने की सुविधा देता है। UPI P2P का मतलब है Peer-to-Peer यानी सीधे दो व्यक्तियों के बीच लेन-देन। अभी तक इसमें UPI P2P Transactions limit तय थी, लेकिन हाल ही में UPI P2P banned in India जैसी खबरों ने ध्यान खींचा है। इसका कारण सुरक्षा और धोखाधड़ी के मामलों में बढ़ोतरी बताया जा रहा है। इस बदलाव के बाद UPI P2P means और इसकी उपयोग प्रक्रिया में बड़ा अंतर आएगा, जिसे हर UPI उपयोगकर्ता को समझना जरूरी है।
1 अक्टूबर से ऑनलाइन पेमेंट के नियमों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब UPI के ज़रिए व्यक्ति से व्यक्ति (P2P – Person to Person) लेनदेन करते समय कुछ सीमाएं लागू होंगी। सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि यूज़र्स अब पैसे के लिए ‘पेमेंट रिक्वेस्ट’ नहीं भेज पाएंगे, जिससे फ्रॉड की संभावनाएं कम की जा सकें।
भारत में डिजिटल भुगतान का सबसे भरोसेमंद माध्यम रहा है Unified Payments Interface (UPI)। इस प्रणाली ने सालों में कैशलेस लेन-देन को सुलभ, तेज़ और सुरक्षित बनाया है।
यह सुविधा, जहां एक व्यक्ति दूसरे से पैसा मांग सकता था, अब 1 अक्टूबर 2025 से उपलब्ध नहीं रहेगी। आइए समझते हैं इसका क्या मतलब है, क्यों यह निर्णय लिया गया, और इससे आम उपयोगकर्ताओं पर क्या असर पड़ेगा।
NPCI ने 29 जुलाई 2025 के सर्कुलर के माध्यम से निर्देश जारी किया है कि 1 अक्टूबर 2025 से UPI में P2P collect requests पूरी तरह बंद कर दी जाएँगी। यानी अब व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति से सीधे UPI पर “पैसे माँगने” के लिए रिक्वेस्ट नहीं भेज सकेगा—इस सुविधा को pull transaction या collect request कहा जाता है। यह निर्देश सभी बैंक, UPI ऐप (जैसे — PhonePe, Google Pay, Paytm आदि) पर लागू होगा।
वित्तीय फ्रॉड, खासकर UPI के माध्यम से हुए, बढ़ते देख NPCI ने यह कदम उठाया है। धोखेबाज लोग पहले इस फीचर का उपयोग करके नकली requests भेजकर लोगों को पैसा ट्रांसफर कराने में सफल हो रहे थे।
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अब तक(UPI P2P Banned in India)
1 अक्टूबर के बाद
सारांश में, अब से केवल Push Transactions यानी पैसे भेजने वाला ही ट्रांजेक्शन शुरू कर सकेगा।
NPCI का यह कदम UPI को और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सुविधा बंद कर देने से फ्रॉड के खतरे कम होंगे और डिजिटल भुगतान का भरोसा, विशेषकर आम उपयोगकर्ताओं के बीच, मजबूत रहेगा। इसलिए अब से ध्यान रखें कि “Send Money” यानी Pay करने वाले को ट्रांजेक्शन शुरू करना होगा—not the recipient.
कुल मिलाकर, UPI P2P Transaction में किए गए बदलाव भारत में डिजिटल पेमेंट सिस्टम को और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं। हालांकि कुछ लोगों के लिए यह असुविधाजनक हो सकता है, लेकिन लंबे समय में इससे धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के मामलों में कमी आएगी।
UPI P2P के नए नियमों के तहत उपयोगकर्ताओं को अपनी पेमेंट आदतों में बदलाव करना होगा और तय UPI P2P Transactions limit के अनुसार ही लेन-देन करना होगा। इसलिए, UPI P2P means को सही तरह से समझकर और सुरक्षित तरीकों से पैसे भेजकर हर कोई डिजिटल भुगतान का लाभ उठा सकता है। भले ही UPI P2P banned in India जैसी सुर्खियां सामने आई हों, लेकिन असल में यह केवल कुछ विशेष परिस्थितियों और तरीकों पर रोक है, न कि पूरे UPI सिस्टम पर।
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