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The Global Struggle for Military Dominance 2025: हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने की रेस में पिछड़ा अमेरिका क्या इस साल बना पाएगा यह खतरनाक हाइपरसोनिक हथियार/मिसाइल?

The Global Struggle for Military Dominance 2025: वर्तमान समय में हर देश अपनी सेना के हथियारों को टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर खतरनाक वेपन्स बनाने की होड़ में लगा हुआ है। कई देशों के द्वारा इस तरह की मिसाइल        (Countries that have Hypersonic Missiles) एवं वेपन्स तैयार कर लिए गए हैं, तो कई देश अभी भी इसके डेवलपमेंट में लगे हुए हैं। इस प्रकार के हथियार तैयार कर देश में शक्तिशाली आर्मी का प्रदर्शन करने की कोशिश कर रहे हैं।

साथियों, क्या आप जानते हैं आखिर यह हाइपरसोनिक मिसाइल क्या होती है (What is Hypersonic Missile) एवं किस प्रकार कार्य करती है? इस साल कौन सा देश हाइपरसोनिक रेस को जीत पाएगा(Who will win The Hypersonic Race) और कितनी तेज गति से यह देश पर आक्रमण कर सकती है?(How fast is Hypersonic Missile) यदि नहीं, तो आइए जानते हैं।

The Global Struggle for Military Dominance 2025: चीन और रूस जैसे देशों ने तैयार कर लिए अपनी हाइपरसोनिक मिसाइल्स और वेपन्स, भारत किस स्थान पर इस रेस में।

साल 2025 के बारे में बात की जाए तो इस वर्ष, जैसा कि बताया गया, रूस और चीन जैसे देश(Countries that have Hypersonic Missiles) इस दौड़ में आगे बढ़ रहे हैं। इन देशों के द्वारा इस प्रकार की हाइपरसोनिक मिसाइल्स एवं वेपन्स तैयार करने में कामयाबी हासिल की गई है। इस बीच, यदि भारत के बारे में बात की जाए तो इस वैश्विक सैन्य प्रभुत्व (Global Military Dominance) की दौड़ में भारत भी निरंतर इस प्रकार की मिसाइल्स को तैयार करने का प्रयास कर रहा है।

हाल ही में भारत के द्वारा 1500 किमी तक मार करने वाली हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण कर कामयाबी हासिल की गई है। इस प्रकार यह परीक्षण भारत को उन देशों में शामिल करता है जिनके पास हाइपरसोनिक मिसाइल(What is Hypersonic Missile) की उपलब्धता है।

The Global Struggle for Military Dominance 2025

The Global Struggle for Military Dominance 2025: किन देशों के पास वर्तमान में हाइपरसोनिक मिसाइलें उपलब्ध हैं?

साथियों, फिलहाल रूस और चीन ही ऐसे देश हैं जिनके पास इस तरह के वेपन्स एवं मिसाइल्स(Who will win The Hypersonic Race) की उपलब्धता है। आइए जानते हैं कौन-कौन से वेपन्स /मिसाइल्स इस देश के पास हैं:

  • रूस: रूस के पास ‘जिरकॉन’, ‘किंझल’ और ‘एवनगार्ड’ जैसी मिसाइलें हैं। इन मिसाइलों को इनकी उच्च गति(How fast is Hypersonic Missile) एवं मारक क्षमता की वजह से जाना जाता है।
  • चीन: चीन देश के द्वारा ‘DF-17’, ‘DF-41’, ‘DF-ZF’ और ‘शिंग कांग 2‘ जैसी हाइपरसोनिक मिसाइलों का डेवलपमेंट किया गया है। ये मिसाइलें मध्यम (Medium-range) और लंबी दूरी (Long-range) तक मारने(How fast is Hypersonic Missile) में सक्षम हैं।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका: अमेरिका फिलहाल इस प्रकार के वेपन्स (ARRW, HAWC, CPS) को तैयार करने के लिए कार्य कर रहा है।
  • भारत: जैसा कि बताया गया, भारत ने नवंबर 2024 में अपनी हाइपरसोनिक मिसाइल (BrahMos-II, HSTDV (हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर व्हीकल)) (BrahMos Aerospace Private Limited)का सफल परीक्षण कर उन देशों की सूची में जगह बनाई है जिनके पास हाइपरसोनिक मिसाइल्स हैं।

The Global Struggle for Military Dominance 2025: हाइपरसोनिक मिसाइल और वेपन्स क्या हैं?(What is Hypersonic Missile)

हाइपरसोनिक मिसाइलें और हाइपरसोनिक वेपन्स (Hypersonic Missile) उस प्रकार का आधुनिक हथियार होता है जो कि ध्वनि की स्पीड(Speed of Sound) (Mach 1) से लगभग 5 गुना (Mach 5) या उससे अधिक गति(How fast is Hypersonic Missile) से चल सकता है। इनकी स्पीड(Hypersonic Speed) की वजह से यह मिसाइल अन्य मिसाइल्स से कई ज्यादा खतरनाक साबित होती है।

हाइपरसोनिक मिसाइल की विशेषताएं इस प्रकार हैं:

सुपर हाई स्पीड: उपलब्ध बैलिस्टिक और क्रूज़ मिसाइलों से इसकी गति काफी तेज है।

न्यूनतम प्रतिक्रिया समय: इसके लॉन्चिंग के बाद दुश्मन के पास इस मिसाइल को रोकने के लिए बहुत कम समय होता है।

मैन्युवरेबिलिटी: इन मिसाइल्स के पास क्षमता होती है कि यह अपनी दिशा को बहुत तेजी से बदल सकती है, जिस वजह से इन्हें ट्रैक कर पाना मुश्किल होता है।

कम ऊंचाई पर उड़ान: हाइपरसोनिक मिसाइलें पारंपरिक बैलिस्टिक मिसाइलों के मुकाबले कम ऊंचाई पर उड़ती हैं।

The Global Struggle for Military Dominance 2025

The Global Struggle for Military Dominance 2025: हाइपरसोनिक हथियारों का महत्व और प्रभाव

हाइपरसोनिक हथियारों का महत्व: हाइपरसोनिक हथियारों का महत्व उनकी उच्च गति और मैन्युवरेबिलिटी की वजह से है। यह गति और मैन्युवरेबिलिटी उन्हें दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम से बचने में सक्षम बनाती है। इस प्रकार के हथियार दुनिया की प्रमुख सैन्य शक्तियों (Military Powers) के लिए महत्वपूर्ण हैं।

हाइपरसोनिक हथियारों का प्रभाव

  • वैश्विक शक्ति संतुलन: हाइपरसोनिक हथियारों का डेवलपमेंट वैश्विक शक्ति संतुलन (Global Power Balance) को काफी प्रभावित कर रहा है क्योंकि अब तक कुछ ही देशों(Countries that have Hypersonic Missiles) ने इस प्रकार के वेपन्स डेवलप करने में कामयाबी हासिल की है।
  • सैन्य सुरक्षा (Military Security): हाइपरसोनिक हथियारों को डेवलप करने से सैन्य सुरक्षा (Military Security) बढ़ती है, परंतु यह कई खतरे को भी जन्म देती है क्योंकि इन्हें ट्रैक कर पाना मुश्किल होता है।
  • आर्थिक और तकनीकी चुनौतियाँ: हाइपरसोनिक हथियारों को विकसित कर पाना महंगा एवं साथ ही कठिन होता है। इस वजह से कई देशों के लिए इस प्रकार के हाइपरसोनिक हथियारों को विकसित कर पाना चुनौतीपूर्ण है।

The Global Struggle for Military Dominance 2025: हाइपरसोनिक मिसाइलें / हथियार किस प्रकार कार्य करते हैं?

इस प्रकार की मिसाइल को एक रॉकेट के माध्यम से लॉन्च किया जाता है, जिसके बाद यह वायुमंडल की ऊपरी परत में पहुँचती है। इस दौरान HGV मिसाइलें वायुमंडल में ग्लाइड करती हैं, वहीं HCM मिसाइलें स्क्रैमजेट(Scramjet) इंजन का उपयोग करके अपनी गति बनाए रखने की कोशिश करती हैं। लॉन्चिंग के बाद यह दिशा में तेजी(How fast is Hypersonic Missile) से बदलाव ला सकती हैं, जिस वजह से उन्हें ट्रैक कर पाना मुश्किल हो जाता है।

The Global Struggle for Military Dominance 2025

The Global Struggle for Military Dominance 2025: हाइपरसोनिक और बैलिस्टिक मिसाइलों में क्या अंतर है?

बैलिस्टिक मिसाइल: यह उस प्रकार की मिसाइल होती है जो अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सब-ऑर्बिटल बैलिस्टिक पथ को फॉलो करती है। इस प्रकार की मिसाइल उड़ान के दौरान तीन चरणों से गुजरती है: बूस्ट चरण, मिडकोर्स चरण, और टर्मिनल चरण। बैलिस्टिक मिसाइलें आमतौर पर परमाणु या अन्य हथियार ले जाने की क्षमता रखती हैं।

हाइपरसोनिक और बैलिस्टिक मिसाइलों में अंतर इस प्रकार है:

  • मैन्युवरेबिलिटी: हाइपरसोनिक मिसाइलें अधिक मैन्युवरेबल होती हैं, जबकि बैलिस्टिक मिसाइलें कम मैन्युवरेबल होती हैं।
  • उड़ान पथ: हाइपरसोनिक मिसाइलें ट्राजेक्टोरी को फॉलो नहीं करती हैं, वहीं बैलिस्टिक मिसाइल, बैलिस्टिक ट्राजेक्टोरी को फॉलो करती हैं।
  • सटीकता और ट्रैकिंग: हाइपरसोनिक मिसाइलें अधिक एक्यूरेट होती हैं और उन्हें ट्रैक करना मुश्किल होता है, जबकि बैलिस्टिक मिसाइलें कम एक्यूरेट होती हैं और उन्हें ट्रैक करना आसान होता है।

साथियों, इस वैश्विक सैन्य वर्चस्व की होड़ 2025 (The Global Struggle for Military Dominance 2025) में हाइपरसोनिक मिसाइलों (What is Hypersonic Missile) की भूमिका महत्वपूर्ण होती जा रही है। वर्तमान समय में, जैसा कि बताया गया है, कुछ चुनिंदा देशों के पास ही इस प्रकार की मिसाइल उपलब्ध है। (Countries that have Hypersonic Missiles)  आप इस मिसाइल की गति के बारे में क्या सोचते हैं (How fast is Hypersonic Missile)? क्या इस प्रकार की मिसाइलों को विकसित करना सही है, जिन्हें कंट्रोल नहीं किया जा सकता? आपके अनुसार, इस साल चीन और रूस के अलावा कौन सा देश इस रेस को जीतने में कामयाब रहेगा,(Who will win The Hypersonic Race) बताइए हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से।

Anushka Panwar

मैं अनुष्का पंवार, Subah Times की लेखिका हूं। मैं विभिन्न विषयों पर हमेशा meaningful, informative और descriptive लेख लिखती हूँ। मैं विविध विषयों पर लिखती हूं, जिनमें Trending News, Technology, Environmental Issues, Societal Concerns, जो मेरे मुख्य विषय हैं। मेरे लेख कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों जैसे The Economic Times, Times of India, Millennium Post, Asian Age, और Navbharat Times में प्रकाशित हो चुके हैं। लेखन के अलावा, Tech Enthusiast और उद्यमिता (Entrepreneurship) मेरे आदर्श विषय हैं। मेरा सपना तकनीकी उद्योग में एक सकारात्मक और प्रभावशाली लेखक के रूप में अपनी पहचान बनाने का है। वर्तमान में, मैं लेखन कार्य के साथ एक Innovative Tech Startup पर काम कर रही हूं, जहां रचनात्मकता (creativity) और नवाचार (innovation) मेरे कार्य के विषय है। मेरा मानना है कि शब्दों की ताकत और तकनीक की शक्ति को एक साथ लाकर हम एक बेहतर दुनिया की ओर कदम बढ़ा सकते हैं और लोगों के सोच में बदलाव ला सकते हैं जो आज के इस तकनिकी युग में बहुत जरुरी है।

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