Patna Museum Reopening-डिजिटल म्यूजियम
पटना की सांस्कृतिक पहचान को नया जीवन और बिहार पर्यटन को नई दिशा
क्या आपने हाल ही में Patna Museum reopening की खबर सुनी? Patna Museum reopening को लेकर पूरे बिहार में उत्साह है, क्योंकि पहले लोग पटना म्यूजियम को सिर्फ “जादूघर” कहते थे, लेकिन अब यह डिजिटल म्यूजियम पटना के रूप में उभरा है।
लंबे इंतजार और बड़े कामों के बाद अब आखिरकार इसका नया स्वरूप जनता के सामने आ चुका है। यहां न सिर्फ इतिहास और कलाकृतियाँ देखने को मिलती हैं, बल्कि गंगा गैलरी पटना म्यूजियम, पाटली गैलरी, Patna Museum exhibition और AI तकनीक से तैयार इमर्सिव अनुभव भी हैं।
1917 में बना यह म्यूजियम लंबे समय तक बिहार की सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षक रहा। लेकिन इस ऐतिहासिक म्यूजियम की हालत बीते दशकों में जर्जर होने लगी थी।
2010 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब संग्रहालय का दौरा किया, तब उन्होंने पाया कि 80% कलाकृतियाँ बंद बक्सों में पड़ी थीं। वहीं से शुरू हुई Patna Museum reopening की योजना।
2017 में बिहार म्यूजियम के उद्घाटन के बाद पटना म्यूजियम के पुनर्निर्माण की रफ्तार और तेज़ हो गई। करीब 158 करोड़ रुपये की लागत से यह परियोजना केवल मरम्मत तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसे एक आधुनिक हेरिटेज आकर्षण में बदलने का बड़ा प्रयास किया गया। राजस्थान से आए कारीगरों ने इमारत की पुरानी लाल–सफेद दीवारों, सुंदर छतरियों और झरोखों को बारीकी से संवारा, ताकि यह न सिर्फ ऐतिहासिक धरोहर की तरह दिखे, बल्कि आधुनिक पर्यटकों को भी आकर्षित कर सके।
करीब 7 साल की मेहनत के बाद यह परियोजना पूरी हुई और आखिरकार 5 अगस्त 2025 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका उद्घाटन किया। उद्घाटन के साथ ही म्यूजियम में नई गंगा गैलरी और पाटली गैलरी आम जनता के लिए खोल दी गईं।
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Patna Museum का पता: Near Kotwali Thana, Buddha Marg, Patna – 800001, बिहार
Contact no- 0612 223 5731
कैसे पहुँचें:
पास के आकर्षण:
Note– Travel tip: अगर आप family के साथ आ रहे हैं तो सुबह जल्दी पहुँचना बेहतर है, ताकि भीड़ कम रहे और आप आराम से हर गैलरी देख सकें।
उद्घाटन के दिन से ही सबसे बड़ी चर्चा गंगा गैलरी पटना म्यूजियम की हो रही है। जैसे ही दर्शक कांच की फर्श पर कदम रखते हैं, नीचे से गंगा का बहाव दिखाई देता है। डिजिटल मछलियाँ इधर-उधर भागती हैं और हर कदम पर पानी के छींटे छूटते हैं, और ये डिजिटल मछलियाँ और पानी के छींटे बच्चों को रोमांचित कर देते हैं।
इस गैलरी में गंगा की 445 किलोमीटर लंबी यात्रा को सात सांस्कृतिक क्षेत्रों – शाहाबाद, मगध, कोसी, अंग, तिरहु्त, मिथिला और सीमांचल – के माध्यम से दिखाया गया है। यह अनुभव लोगों को न सिर्फ भौगोलिक यात्रा कराता है बल्कि गंगा से जुड़ी सांस्कृतिक धरोहर का भी अहसास कराता है।
दूसरी नई पहचान है पाटली गैलरी, जिसमें 16 फीट का विशाल डिजिटल मॉडल प्राचीन पाटलिपुत्र का रखा गया है। यहां चाणक्य का होलोग्राम भी मौजूद है। खासियत यह है कि यह AI तकनीक से लैस है, यानी दर्शक जब इससे सवाल करते हैं तो यह जवाब भी देता है, और वह भी उनकी भाषा में। यही कारण है कि बच्चों को यह अनुभव किताबों से कहीं ज्यादा जीवंत लगता है।
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अब म्यूजियम सिर्फ कलाकृतियाँ देखने की जगह नहीं रहा, बल्कि यह इमर्सिव गैलरी बन चुका है। Patna Museum exhibition में AI-powered डिस्प्ले, डिजिटल स्क्रीन और होलोग्राम लगे हैं। इससे इतिहास सीखना अब मजेदार हो गया है।
डिप्टी डायरेक्टर सुनील कुमार झा कहते हैं:
“अगर तकनीक को शामिल न किया जाता तो यह म्यूजियम बच्चों के लिए बोरिंग होता। आज यह डिजिटल एक्सपीरियंस उन्हें जोड़ने में कामयाब हो रहा है।”
1917 में बने इस म्यूजियम की बहुमूल्य कलाकृतियों को अब आधुनिक तकनीक से सुरक्षित किया जा रहा है। Patna Museum reopening के साथ ही यहां अत्याधुनिक कंजरवेशन लैब्स बनाए गए हैं। इन लैब्स को ‘कलाकृतियों के अस्पताल’ कहा जाता है। यहां विशेषज्ञ पांडुलिपियों और मूर्तियों की मरम्मत करते हैं। धरोहरों को डिजिटल स्कैनिंग और कैटलॉगिंग के जरिए सुरक्षित भी किया जा रहा है।
Patna Museum reopening के बाद राज्य सरकार ने इसे केवल एक संग्रहालय तक सीमित न रखकर, शिक्षा और पर्यटन का केंद्र बनाने की दिशा में कई योजनाएँ शुरू की हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि “यह म्यूजियम न सिर्फ धरोहरों को बचाएगा बल्कि नई पीढ़ी को अपने अतीत से जोड़ेगा।”
इसके साथ ही बिहार पर्यटन ने इसे अपने प्रचार अभियान में प्रमुख स्थान दिया है। Digital Museum India के नक्शे पर भी अब पटना को एक नई पहचान मिली है।
आज Bihar Tourism ने पटना को “सिटी ऑफ म्यूजियम” बना दिया है। रोजाना 700 से ज्यादा Patna Museum visitors आते हैं, छुट्टियों में संख्या 1200 तक पहुँच जाती है।
यह कदम पर्यटन को बढ़ावा देता है, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है, और बिहार की सांस्कृतिक पहचान को नई दिशा देता है।
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इतिहासकार डॉ. रत्नेश्वर मिश्रा कहते हैं:
“पहले म्यूजियम में लोग हीनभावना महसूस करते थे, लेकिन नया पटना म्यूजियम गर्व की भावना जगाता है।”
छात्रा प्रियंका कुमारी कहती हैं:
“पहले किताबों से इतिहास पढ़ना बोरिंग लगता था, लेकिन अब गैलरी में चलकर ऐसा लगा जैसे हम खुद इतिहास का हिस्सा हैं।”
नोडल अधिकारी अंजनी कुमार सिंह कहते हैं –
“ये जगह सिर्फ अवशेषों का संग्रह नहीं है, बल्कि लोगों को जोड़ने और प्रेरित करने का साधन भी है।”
Patna Museum और Bihar Museum अब छात्रों और शोधार्थियों के लिए नए अवसर खोल रहे हैं।
Patna Museum reopening केवल एक उद्घाटन नहीं बल्कि बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को नया जीवन देने की पहल है। गंगा गैलरी पटना म्यूजियम, पाटली गैलरी, डिजिटल म्यूजियम पटना और Patna Museum exhibition जैसी आधुनिक सुविधाएँ इसे देश के सबसे अनोखे संग्रहालयों में शामिल करती हैं।
अगर आप बिहार की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो Patna Museum को अपने itinerary में ज़रूर शामिल करें। आप खुद देख सकते हैं कि कैसे चाणक्य का होलोग्राम बच्चों और बड़ों दोनों को इतिहास के जीवंत अनुभव में जोड़ता है। और हाँ, कोशिश करें कि Bihar Museum और Patna Museum दोनों को साथ देखें—heritage tunnel के पूरा होने के बाद ये अनुभव और भी शानदार हो जाएगा।
👉 Patna Museum का अनुभव सिर्फ इतिहास देखने का नहीं, बल्कि उसे जीने का मौका देता है।
साथ ही, अपनी यात्रा को आसान बनाने के लिए Patna Museum ticket price and timing ज़रूर चेक करें, ताकि आप सही समय पर इस अद्भुत संग्रहालय का आनंद ले सकें।
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