Insomnia and ADHD
Insomnia and ADHD:आज के समय में मानसिक और नींद से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं, जिनमें ADHD disorder (ध्यानाभाव अति सक्रियता विकार) और Insomnia (अनिद्रा) सबसे आम समस्याओं में से हैं। कई बार इन दोनों स्थितियों का आपस में गहरा संबंध होता है, जिसे लोग नज़रअंदाज़ कर देते हैं। ADHD causes जैसे अत्यधिक मानसिक उत्तेजना, ध्यान केंद्रित न कर पाना और भावनात्मक असंतुलन व्यक्ति की नींद को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे Insomnia symptoms जैसे देर से नींद आना, बार-बार नींद टूटना और दिनभर थकान महसूस होना शुरू हो जाते हैं।
इस स्थिति में समय पर Insomnia treatments लेना और ADHD का सही इलाज करना बहुत जरूरी हो जाता है, ताकि व्यक्ति का जीवन बेहतर और संतुलित हो सके। इसलिए Insomnia and ADHD दोनों के बारे में सही जानकारी और जागरूकता बेहद जरूरी है।
आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं धीरे-धीरे बढ़ती जा रही हैं। इन्हीं में से एक है ADHD यानी ध्यानाभाव अति सक्रियता विकार। यह समस्या बच्चों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वयस्कों में भी तेजी से देखी जा रही है। हाल ही में हुए एक नए अध्ययन के अनुसार, ADHD (ADHD disorder) से जूझ रहे वयस्कों में अनिद्रा (Insomnia) यानी नींद न आने की समस्या जीवन की गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है, और यह एक ऐसा पहलू है जिसे आज तक पर्याप्त ध्यान नहीं मिला है।
ADHD (Attention Deficit Hyperactivity Disorder) एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जिसमें व्यक्ति का ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है, वह अत्यधिक सक्रिय (Hyperactive) रहता है और उसमें चीज़ों को नियंत्रित करने की क्षमता कम हो जाती है। यह समस्या आमतौर पर बच्चों में देखी जाती है, लेकिन कई मामलों में यह वयस्क उम्र तक बनी रहती है।
लक्षण से संबंधित जानकारी (ADHD causes) इस प्रकार है –
ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
बार-बार भूल जाना
काम अधूरा छोड़ना
भावनात्मक उतार-चढ़ाव
योजना बनाने और समय का सही प्रबंधन करने में असमर्थता
बेचैनी और चिड़चिड़ापन
सामाजिक रिश्तों में समस्याएं
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अनिद्रा एक नींद संबंधी विकार है, जिसमें व्यक्ति को नींद आने (Insomnia symptoms) में दिक्कत होती है, बार-बार नींद खुलती है या सुबह बहुत जल्दी उठ जाता है और फिर दोबारा सो नहीं पाता। नींद की यह कमी धीरे-धीरे मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करती है।
इस समस्या से जुड़े प्रमुख तथ्यों से संबंधित जानकारी इस प्रकार है –
हाल ही में अमेरिकन जर्नल ऑफ साइकेट्री एंड क्लिनिकल न्यूरोसाइंस में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया कि ADHD से ग्रसित वयस्कों में अनिद्रा एक बेहद सामान्य और गहराई से जुड़ी हुई समस्या है, जिसे अब तक नजरअंदाज किया गया है।
लगभग 65% ADHD से पीड़ित वयस्कों को नींद से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इन लोगों में जीवन की गुणवत्ता यानी Quality of Life, अन्य व्यक्तियों की तुलना में काफी कम होती है।
नींद की समस्या से जुड़ी थकान, एकाग्रता में गिरावट, और भावनात्मक असंतुलन, उनके रोजमर्रा के कार्यों को और भी कठिन बना देती है।
अनिद्रा को यदि नियंत्रित किया जाए, तो ADHD के अन्य लक्षणों में भी काफी सुधार हो सकता है।
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ADHD से पीड़ित व्यक्ति पहले से ही मानसिक रूप से अत्यधिक सक्रिय रहता है। उसका मस्तिष्क दिनभर की गतिविधियों के बाद भी शांत नहीं हो पाता। यही कारण है कि ऐसे लोगों को नींद लाने में कठिनाई होती है। साथ ही, जब व्यक्ति ठीक से सो नहीं पाता, तो उसका ध्यान और भावनात्मक संतुलन और भी बिगड़ जाता है।
इस चक्र को यदि समय रहते न तोड़ा जाए, तो यह व्यक्ति को गंभीर मानसिक और शारीरिक समस्याओं की ओर ले जा सकता है।
ADHD के कारण:
मस्तिष्क के कुछ हिस्सों की रासायनिक संरचना में बदलाव
अनुवांशिक प्रभाव (Genetic Factors)
प्रसव के दौरान हुई कोई जटिलता
अत्यधिक मानसिक तनाव
अनिद्रा के कारण:
अत्यधिक मानसिक सक्रियता
चिंता, तनाव, या डिप्रेशन
स्क्रीन टाइम (मोबाइल, लैपटॉप) का अधिक प्रयोग
असंतुलित दिनचर्या और खान-पान
शराब या कैफीन का अधिक सेवन
यदि ADHD से ग्रसित व्यक्ति में अनिद्रा की समस्या भी पाई जाए, तो उसका इलाज (Insomnia treatments) करना जरूरी है। निम्न उपाय मददगार हो सकते हैं:
1. व्यवहार चिकित्सा (CBT for Insomnia):
यह एक वैज्ञानिक तरीका है जिसमें व्यक्ति को नींद से जुड़े अपने विचारों और आदतों को सुधारने में मदद की जाती है।
2. योग और ध्यान:
हर रोज 15-20 मिनट का ध्यान और श्वसन अभ्यास मस्तिष्क को शांत कर सकता है, जिससे नींद बेहतर आती है।
3. नींद की दिनचर्या बनाना:
रात को एक ही समय पर सोना और सुबह एक ही समय पर उठना, नींद की गुणवत्ता को सुधारता है।
4. डिजिटल डिटॉक्स:
सोने से एक घंटे पहले मोबाइल, टीवी और लैपटॉप जैसे स्क्रीन से दूरी बनाना चाहिए।
5. चिकित्सकीय परामर्श:
जरूरत पड़ने पर चिकित्सक से सलाह लेकर नींद लाने वाली दवाओं या ADHD की दवाओं को सही तरीके से लेना चाहिए।
भारत सहित कई देशों में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ रही है, लेकिन ADHD और नींद से जुड़ी समस्याएं अभी भी बहुत से लोगों के लिए ‘अनदेखा’ विषय हैं।
NIMHANS (National Institute of Mental Health and Neurosciences), ICMR और WHO जैसे संस्थान लगातार जागरूकता अभियान चला रहे हैं ताकि लोग समय रहते सही इलाज करा सकें।
सरकार को चाहिए कि वह ADHD और अनिद्रा से जुड़ी हेल्थ स्क्रीनिंग को नियमित चेकअप का हिस्सा बनाए, ताकि इन समस्याओं को समय रहते पहचाना जा सके।
समाज, परिवार और स्वास्थ्य संस्थाओं को मिलकर इस दिशा में काम करना चाहिए ताकि हर व्यक्ति, चाहे वह ADHD से ग्रसित हो या नहीं, एक संतुलित, खुशहाल और गुणवत्तापूर्ण जीवन जी सके।
कुल मिलाकर यह समझना जरूरी है कि Insomnia and ADHD एक-दूसरे से जुड़े हुए स्वास्थ्य मुद्दे हैं, जो व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं। जब ADHD disorder से पीड़ित व्यक्ति को लगातार नींद न आने लगे, तब यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। ऐसे मामलों में Insomnia symptoms को पहचानना और समय रहते Insomnia treatments अपनाना जरूरी हो जाता है। साथ ही, ADHD causes को समझकर यदि सही इलाज और दिनचर्या का पालन किया जाए, तो व्यक्ति एक बेहतर जीवन जी सकता है। इसलिए जागरूकता, सही परामर्श और समय पर इलाज इन दोनों स्थितियों से निपटने की कुंजी हैं।
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