टूरिज्म

India First Water Metro 2024: एक रोमांचक सफर, तकनीक और प्रकृति का संगम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोच्ची में India First Water Metro को दी गई हरी झंडी, मिलेगा टूरिज्म को बढ़ावा

India First Water Metro- क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि लहरों पर तैरती हुई, आधुनिक तकनीक से लैस नावें आपको शहर के एक कोने से दूसरे कोने तक ले जा रही हैं? केरल में यह सपना हकीकत बन गया है! जी हाँ दोस्तों, यह सच है! भारत में पहली बार केरल में जल मेट्रो शुरू हो गई है। और यह भारत की पहली जल मेट्रो, कोच्चि में, एक नई क्रांति लेकर आई है। यह सिर्फ़ एक परिवहन का साधन नहीं, बल्कि एक अनोखा अनुभव है, एक सुनहरा भविष्य है। यह केरल की सुंदरता को और भी निखारता है।

भारत वर्तमान समय में विश्व का तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क रखने वाला देश बन गया है। मेट्रो ट्रेन भारत के 11 राज्यों एवं 23 शहरों में उपलब्ध है। इसी ओर उन्नति करते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 अप्रैल 2023 को  वाटर मेट्रो सुरंग जिसका नाम Kochi Water Metro (KWM) / कोच्चि वाटर मेट्रो (KWM) है, का उद्घाटन किया। इसी दौरान इसे आम जनता के लिए चालू किया गया। कोच्चि वाटर मेट्रो (KWM) देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

India First Water Metro: KWM

जल मेट्रो क्या है? तकनीक और प्रकृति का संगम:

जल मेट्रो, बैटरी से चलने वाली आधुनिक नावों की एक फ्लीट है। यह साधारण नावों से काफ़ी ज़्यादा उन्नत और आधुनिक है। इसमें यात्रियों के लिए आरामदायक सीटें, वातानुकूलन (एयर कंडीशनिंग) और अन्य आधुनिक सुविधाएँ होती हैं। यह शोर और प्रदूषण भी कम करती है, जिससे पर्यावरण को भी फ़ायदा होता है।

  • आरामदायक और वातानुकूलित: यात्रियों के लिए आरामदायक सीटें और एयर कंडीशनिंग, ताकि सफ़र सुहाना हो।
  • पर्यावरण के अनुकूल: बिजली से चलने के कारण प्रदूषण कम, प्रकृति का ध्यान।
  • सुरक्षित और सुगम: आधुनिक तकनीक और सुरक्षा उपकरणों से लैस, जिससे यात्रा सुरक्षित और आरामदायक हो।
  • तेज़ और समय की बचत: सड़कों के ट्रैफ़िक से मुक्ति, कम समय में ज़्यादा दूरी।

Water Metro केरल/कोच्चि में ही क्यों?

केरल अपनी नदियों, झीलों और नहरों के लिए मशहूर है। यहाँ पानी हमेशा से जीवन का एक अभिन्न अंग रहा है। इसलिए केरल के भौगोलिक बनावट को देखते हुवे Kerala Water Metro यहाँ के लिए बिलकुल सही है। यह सड़कों पर ट्रैफ़िक को कम करने में भी मदद करेगी जिससे कोच्चि के जलमार्गों का बेहतरीन उपयोग हो सकेगा और पर्यटकों को एक नया रोमांचक अनुभव देगी। इसके साथ ही कनेक्टिविटी के रूप में द्वीपों और मुख्य भूमि के बीच बेहतर संपर्क का कार्य करेगा।

India First Water Metro की प्रमुख विशेषताएँ:


India-First-Water-Metro
  • यह वाटर मेट्रो की लंबाई 24 मीटर है। इसके साथ ही यह विश्व की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक बोट वाटर ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम भी है।
  • एक वाटर मेट्रो की लागत के बारे में बताया जाए तो यह लगभग 7 करोड़ है।
  • इस वाटर मेट्रो में 50 से 100 टूरिस्ट बिठाने की क्षमता होती है एवं यह भारत की पहली ऐसी मेट्रो है जो वाटर पर चलती है।
  • वाटर मेट्रो में यात्रियों के लिए प्रमुख सुविधाएँ जैसे – चार्जिंग पॉइंट, फ्री Wi-Fi, CCTV कैमरे जैसी सुविधाएँ प्रदान की गई हैं।
  • इस कोच्ची मेट्रो में 78 इलेक्ट्रिक बोट एवं 38 टर्मिनल लगाए गए हैं जो कि प्रॉपर कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे।
  • कोच्चि वाटर मेट्रो यात्रियों के लिए ईको फ्रेंडली एवं प्रॉपर एयर कंडीशन्ड होगी।
  • यह मेट्रो मात्र 15 मिनट  -20 मिनट में चार्ज हो जाती है।

कितने द्वीपों को जोड़ेगी India First Water Metro?

भारत में चलने वाली कोच्ची (Kochi) की इस वाटर मेट्रो के कुल 38 स्टेशन्स बनाए गए हैं। यह भारत के कुल 10 द्वीपों जैसे – विलिंगटन, कुम्बलम, वाइपीन, एड़ाकोच्चि, नेतूर, वायत्तिला, एरूर, कक्कनाड और मुलवुकाड आदि को जोड़ेगी। यह वहाँ रहने वाले लोगों की आने-जाने की समस्या का अच्छा समाधान है।

कोच्चि वाटर मेट्रो का पहला चरण जो कि दो रूट- हाई कोर्ट (High Court) से वाइपीन (Vypeen) एवं वायत्तिला (Vyttila) से कक्कनाड (Kakkanad)  तक आठ इलेक्ट्रिक-हाइब्रिड बोट्स (Electric-Hybrid Boats) के द्वारा तय करती है।

कोच्चि वाटर मेट्रो का दूसरा चरण जिसमें 14 मार्च 2024 को दो नए रूट और चार स्टेशन जोड़े गए हैं। इसमें दो नए रूट जो कि हाई कोर्ट (High Court) से साउथ चित्तूर (South Chittoor) (बोलगट्टी (Bolgatty) और मुलवुकाड नॉर्थ (Mulavukad North) के माध्यम से) एवं साउथ चित्तूर (South Chittoor) से चेरानल्लूर (Cheranelloor) (एलूर (Eloor) के माध्यम से हैं।

India First Water Metro के लाभ, टिकट एवं समय:

India First Water Metro के लाभ इस प्रकार हैं:

  • पर्यावरण संरक्षण (Environmental Conservation): इस तरह के Water Metro के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन (carbon emissions) में कमी आएगी। जो कि वातावरण के लिए लाभदायक साबित होगा।
  • द्वीपवासियों के लिए कनेक्टिविटी (Improved Connectivity): यह भारत के 10 द्वीपों को जोड़कर यात्रा को काफी आसान एवं तेज बनाएगा।
  • पर्यटन को बढ़ावा (Boost to Tourism):इस तरीके की नई चीजें टूरिज्म को काफी बढ़ावा देंगी।
  • आर्थिक विकास (Economic Growth):  इस तरीके के ट्रांसपोर्टेशन आर्थिक विकास को बढ़ाने में मददगार रहेंगे।
  • समय की बचत (Time Efficiency): ट्रैफिक के बगैर इस वाटर मेट्रो का उपयोग कर यात्री अपना समय बचा पाएंगे।

India First Water Metro का टिकट:

इस Water Metro का मिनिमम टिकट 20 रुपये और मैक्सिमम टिकट 40 रुपये है। इस मेट्रो में साप्ताहिक पास (Weekly Pass) का भी विकल्प दिया गया है जो कि 180 रुपये का है। वहीं इसका एक महीने के पास(Pass) का चार्ज 600 रुपये रखा गया है। इस वाटर मेट्रो का टिकट आप कोच्चि वन ऐप के माध्यम से बुक कर सकते हैं और इसका आनंद उठा सकते हैं।

India First Water Metro का समय:

10 द्वीपों को जोड़ने वाली यह मेट्रो रोजाना सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक चलती है।

India First Water Metro

भारत सरकार का India First Water Metro प्रोजेक्ट का उद्देश्य:

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उनके इस Water Metro का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल ट्रांसपोर्टेशन सेवा प्रदान करना है। इसके साथ ही उनका उद्देश्य भारत के कोच्चि के टूरिज्म को बढ़ावा देना है। यह Kochi Water Metro के व्यापार एवं रोजगार के नए विकल्प खोलने में मददगार रहेगी।

India First Water Metro प्रोजेक्ट में लगने वाली लागत:

यह 15 किलोमीटर प्रति घंटे से  22 किलोमीटर प्रति घंटे चलने वाली इस  Water Metro के निर्माण में कुल ₹1,137 करोड़ (US$130 million) की लागत लगी है। इसके निर्माण में KfW डेवलपमेंट बैंक द्वारा 85 मिलियन यूरो का सॉफ्ट लोन दिया गया था। इसके अलावा केरल सरकार और KMRL (कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड) के द्वारा ₹102 करोड़ (लगभग 12 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का योगदान वाटर मेट्रो के निर्माण में दिया गया।

भारत का मेट्रो ट्रेन के क्षेत्र में मुख्य उपलब्धियाँ:

भारत में पहली बार मेट्रो की शुरुआत 1969 में मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट के दौरान हुई थी। जो कि ट्रांसपोर्टेशन के क्षेत्र में उस समय की एक बड़ी उपलब्धि रही।

भारत में मेट्रो की प्रमुख उपलब्धियाँ इस प्रकार हैं:

  • 1984: भारत की पहली मेट्रो लाइन जो कि कोलकाता में एस्प्लेनेड से भवानीपुर तक शुरू की गई थी।
  • 1995: The Delhi Metro Rail Corporation (DMRC) की स्थापना।
  • 2002: दिल्ली में शाहदरा से तीस हजारी तक पहला कॉरिडोर ओपन हुआ।
  • 2011: बेंगलुरु की नम्मा मेट्रो का पहला चरण प्रारम्भ हुआ।
  • 2017: चेन्नई मेट्रो के भूमिगत खंड (Underground Section) की शुरुआत की गई।
  • 2020: कोच्चि मेट्रो का पहला चरण पूरा किया गया।
  • 2023: इस दौरान माननीय भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा India First Water MetroKochi Water Metro (KWM) का उद्घाटन किया गया।

मै सोचता हूँ की Kochi की water metro भारत के लिए एक मिसाल है। और यह Kerala Water metro केरल सरकार की एक अद्भुत पहल है। यह दिखाती है कि हम कैसे तकनीक और प्रकृति को साथ लेकर अपने शहरों को और भी बेहतर बना सकते हैं। यह सिर्फ़ एक शुरुआत है, और मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में हम सभी को और भी शहरों में देखने को मिलेगा।

मैंने भी Kochi water metro में सफ़र किया है,। India First Water Metro का यह अनुभव बहुत ही शानदार और अविस्मरणीय रहा है। ठंडी हवा, नीले पानी की लहरों पर तैरती हुई, आधुनिक नाव और चारों तरफ़ का हरियाली और शांत वातावरण भरा नज़ारा, सब कुछ बहुत ही सुंदर था। मुझे ऐसा लग रहा था की जैसे मैं किसी और ही दुनिया में घूम रहा हूँ।
क्या आप भी इस जल मेट्रो में सफ़र करना चाहेंगे? मुझे कमेंट में ज़रूर बताएँ।

Anushka Panwar

मैं अनुष्का पंवार, Subah Times की लेखिका हूं। मैं विभिन्न विषयों पर हमेशा meaningful, informative और descriptive लेख लिखती हूँ। मैं विविध विषयों पर लिखती हूं, जिनमें Trending News, Technology, Environmental Issues, Societal Concerns, जो मेरे मुख्य विषय हैं। मेरे लेख कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों जैसे The Economic Times, Times of India, Millennium Post, Asian Age, और Navbharat Times में प्रकाशित हो चुके हैं। लेखन के अलावा, Tech Enthusiast और उद्यमिता (Entrepreneurship) मेरे आदर्श विषय हैं। मेरा सपना तकनीकी उद्योग में एक सकारात्मक और प्रभावशाली लेखक के रूप में अपनी पहचान बनाने का है। वर्तमान में, मैं लेखन कार्य के साथ एक Innovative Tech Startup पर काम कर रही हूं, जहां रचनात्मकता (creativity) और नवाचार (innovation) मेरे कार्य के विषय है। मेरा मानना है कि शब्दों की ताकत और तकनीक की शक्ति को एक साथ लाकर हम एक बेहतर दुनिया की ओर कदम बढ़ा सकते हैं और लोगों के सोच में बदलाव ला सकते हैं जो आज के इस तकनिकी युग में बहुत जरुरी है।

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