Dr Manmohan Singh Death
Dr Manmohan Singh Death: इस दुःख भरी समाचार से देश और दुनिया में शोक की लहर फैल गई है। भारत के दो बार रह चुके पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर 2024, गुरुवार रात के 9 बजकर 51 मिनट को 92 वर्ष की आयु में निधन (Dr. Manmohan Singh Death) हो गया है। मीडिया सूत्रों से यह बताया जा रहा है कि मनमोहन सिंह लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं जिसमे मुख्य रूप से रेस्पिरेटरी डिजीज (respiratory diseases) आदि से जूझ रहे थे।
इसी वजह से उनका इलाज AIIMS (All India Institute of Medical Sciences) दिल्ली में चल रहा था और वे एडमिट भी थे। उनके मृत्यु के उपरांत शुक्रवार तड़के ही उनके शव को 3 मोतीलाल नेहरू मार्ग स्थित आवास पर लाया गया।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर को आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार दिल्ली के निगम बोध घाट पर किया गया। इस तरह डॉ. मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर पंचतत्व में 28 Dec 2024 को 01 बजे विलीन हो गया है। उनका अंतिम संस्कार सिख परंपरा के अनुसार किया गया। लेकिन इसके पहले उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई।
इस अंत्येष्टि में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, पीएम मोदी, अमित शाह, राहुल गांधी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, ओम बिड़ला समेत तमाम अनेक पछ और विपछ के राजनीतिक दिग्गज नेता गण और तमाम अनेक लोग बड़ी संख्या में अंत्येष्टि में शामिल हुए और उनको श्रद्धांजलि दी।
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भारत में नियमों के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार में राजकीय प्रोटोकॉल (State Protocol) का पालन किया जाता है। राजकीय प्रोटोकॉल के अनुसार मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर को भारत के राष्ट्रीय ध्वज – तिरंगे में लपेटा जाएगा और अंतिम संस्कार (Funeral) के दौरान उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। इसके साथ उनके मृत्यु के उपरान्त भारत सरकार द्वारा सात दिनों का राष्ट्रीय शोक का ऐलान भी किया गया है।
डॉ. मनमोहन सिंह काफी समय से हार्ट संबंधी बीमारियों से जुझ रहे थे। इन बीमारियों से निपटने के लिए उन्होंने दो बार बायपास सर्जरी (Bypass Surgery) करवाई थी, जो कि साल 2003 एवं 2006 में मुंबई के स्पेशलिस्ट डॉक्टर रमाकांत पांडा द्वारा की गई थी। कोरोना वायरस के दौरान उन्हें COVID-19 भी हुआ था, जिसके उपरांत उन्हें सांस लेने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। स्वास्थ्य जानकारी के अनुसार बायपास सर्जरी किसी का तब की जाती है जब कोरोनरी आर्टरीज़ (Coronary Arteries) में ब्लड सर्कुलेशन (Blood circulation) को ठीक करना होता है।
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मनमोहन सिंह का जन्म भारत के पंजाब के अविभाजित गांव (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उनके पिता जी का नाम गुरुमुख सिंह और माता जी का नाम अमृत कौर था। उन्होंने सन 1952 और 1954 में पंजाब यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में बैचलर और मास्टर की डिग्री प्राप्त की थी। इसके अलावा, उन्होंने सन 1957 में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में ट्राइपॉस किया और फिर 1962 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से डी.फिल की डिग्री प्राप्त की। उनका राजनीतिक करियर की शुरुआत होने से पहले उन्होंने अपने सरकारी सेवा में अपने बेहतरीन कार्यों से अपने कामों का अच्छा प्रदर्शन किया था।
अपने कैर्रिएर में सबसे पहले सन 1971 में मनमोहन सिंह ने विदेश व्यापार के मंत्रालय में एक आर्थिक सलाहकार के रूप में भारत सरकार के लिए कार्य किया। इसके बाद से उन्होंने सन 1976 तक वे वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में कार्यरत रहे। मनमोहन सिंह को उनके शांत एवं सरल व्यवहार की वजह से हमेशा याद किया जाता रहेगा।
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डॉ. मनमोहन सिंह, भारत के 14वें प्रधानमंत्री, भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली शख्सियत रहे हैं। वे जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद भारतीय इतिहास में तीसरे सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने का रिकॉर्ड है, जिनका कार्यकाल 2004 से 2014 तक जिसमे जो उनका पहला और दूसरा कार्यकाल (2004-2009 और 2009-2014) शामिल है। उनका योगदान न केवल प्रधानमंत्री के रूप में, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था के निर्माण में बहुत महत्वपूर्ण रहा है। उनके कार्यकाल में भारत ने अनेक आर्थिक और राजनीतिक मील के पत्थर सफलता पूर्वक तय किया है ।
मनमोहन सिंह को भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण (1987), वर्ष के सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री के लिए एशिया मनी अवॉर्ड (1993 और 1994) और वर्ष के सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री के लिए यूरो मनी अवॉर्ड (1993) जैसे कई सर्वोच्च सम्मान से उनको नवाजा गया है।
आइए अब हम उनके राजनैतिक सफर और मुख्य उपलब्धियों के बारे में जानते है-
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डॉ. मनमोहन सिंह, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के मूर्धन्य और महत्वपूर्ण नेताओं में से एक थे और उन्होंने भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में अपनी एक विशेष पहचान बनाई है। देश की इकोनॉमी को नाजुक दौर से निकालने का क्रेडिट भी उन्हें दिया जाता है और इसी वजह से उन्हें राजनेता से ज्यादा एक सफल अर्थशास्त्री के रूप में मुख्य रूप से जाना जाता है। उनके बारे में यह बताया जाता है कि वे BMW कार से ज्यादा अपनी कार मारुति 800 को पसंद किया करते थे।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक बार अपनी किताब में लिखा था- की जब मनमोहन बोलते हैं तो पूरी दुनिया सुनती है। उनका कार्यकाल स्थिरता और विकास का प्रतीक रहा है, और भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने में उनका बहुत योगदान रहा है। इस तरह हम सभी देखते हैं की Dr Manmohan Singh Death से भारतीय राजनीति के एक बड़े युग के अंत की तरह है। उनका अर्थ जगत में दिया गया योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।
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