Dr Akshata Krishnamurthy
Dr Akshata Krishnamurthy (डॉ अक्षता कृष्णमूर्ति) भारत की पहली नागरिक है जो मंगल ग्रह पर मार्स पर्सिवरेंस रोवर को संचालित कर रही है। इसके साथ ही वह कई अन्य अंतरिक्ष मिशनों पर काम और इसका संचालन एक सिस्टम इंजीनियर और वैज्ञानिक के रूप में कर रही है। डॉ. अक्षता कृष्णमूर्ति के अनुसार, वह नासा (NASA) के एक मिशन के तहत मंगल ग्रह पर जीवन से जुड़े सबूत ढूंढने और एकत्र नमूने को पृथ्वी पर वापस लाने के लिए की कोसिस के कार्य पर काम कर रही है।
इसके साथ ही डॉ. अक्षता कृष्णमूर्ति नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (जेपीएल) में एक सिस्टम इंजीनियर और वैज्ञानिक के रूप में नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार के लिए मिशन विज्ञान चरण के प्रमुख के रूप में कार्यरत है। यह प्रत्येक भारत वासी लोगों के लिए गर्व और प्रसन्ता की बात हैं।
| 1 | नाम | Dr Akshata Krishnamurthy (डॉ अक्षता कृष्णमूर्ति) |
| 2 | उम्र | 33 साल लगभग |
| 3 | पिता का नाम | श्री एच. कृष्णमूर्ति |
| 4 | माता का नाम | श्रीमती सुमना कृष्णमूर्ति |
| 5 | जन्म स्थान | भारत |
| 6 | पेशा | नासा में जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला परियोजना सत्यापन नेतृत्व |
| 7 | उपलब्धि | मंगल ग्रह पर रोवर चलाने वाली पहली भारतीय महिला |
| 8 | शिक्षा | पीएचडी |
| 9 | भाषा की जानकारी | हिंदी और अंग्रेजी |
Dr Akshata Krishnamurthy (डॉ. अक्षता कृष्णमूर्ति) अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में एक प्रेरणादायक हस्ती बन चुकी है उनकी यह गौरवन्विक उपलब्धि प्राप्त करने तक की यात्रा एक दशक पहले से शुरू हुई थी जब वह नासा INASA) में काम करने के अपने इस महत्वाकांक्षी सपने को पूरा करने के हेतु 13 साल पहले उच्च अध्ययन के लिए अमेरिका की यात्रा की थी और अपने लिए जगह बनाने के लिए उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा था।
उनके इंस्टाग्राम पोस्ट के अनुसार, डॉ. अक्षता कृष्णमूर्ति अपने नासा के सपने को पूरा करने के लिए अनगिनत आवेदन नासा में जामा किए थे इसके साथ ही मार्स अनुसंधान परियोजना का हिस्सा बनने से पहले उन्होंने नासा की विभिन्न प्रमुख परियोजनाओं पर काम करना पड़ा था ।
मैं जितने भी लोगों से मिला इसके हेतु सबने मुझसे कहा कि वीज़ा पर एक विदेशी नागरिक के होने के कारण यह काम पाना असंभव है इसलिए मुझे या तो प्लान बी रखना चाहिए या अपनी इस मुश्किल लछ्य को पूरी तरह से बदल लेना चाहिए।
भारतीय वैज्ञानिक डॉ. अक्षता कृष्णमूर्ति ने एमआईटी (MIT- Massachusetts Institute of Technology) में डॉक्टरेट की पढ़ाई करने से पहले यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनोइस अर्बाना – शैंपेन (University of Illinois Urbana – champaign ) से मास्टर डिग्री हासिल की थी । उन्होंने कुछ समय तक एमआईटी (MIT) में नासा जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी में शामिल होने से पहले उन्होंने एमआईटी में इंस्ट्रूमेंट सिस्टम इंजीनियर के रूप में काम किया था।
काम किया और फिर उन्होंने बताया की इसके साथ ही “नासा में (Full Time) नियुक्ति पाने के लिए उन्होंने सैकड़ों बार नासा (NASA) के दरवाजे भी खटखटाए थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और इसके लिए कड़ी मेहनत की और अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद नासा में अपने पूर्णकालिक नौकरी पा ली जो उनका एक स्वप्न था ।
Dr Akshata Krishnamurthy (डॉ. अक्षता कृष्णमूर्ति) पिछले पांच साल से अधिक समय से नासा के साथ काम कर रही हैं। उन्होंने विभिन्न अंतरिक्ष अभियानों के लिए कुछ महत्वपूर्ण कार्य किए, विशेष रूप से Perseverance Rover (रोवर) नामक मिशन के लिए। यह रोवर अभी मंगल ग्रह से चीज़ें इकट्ठा करने के मिशन पर है, जिससे हमें लाल ग्रह के बारे में और अधिक सटीकता से समझने में सबको मदद मिलेगी।
डॉ. अक्षता कृष्णमूर्ति एक टीम लीडर के रूप में पर्सिवरेंस रोवर (Perseverance Rover) मिशन के लिए जो काम किया है वह बहुत महत्वपूर्ण है जो भविष्य में मानव मार्स मिशन के लिए काफी लाभदायक सिद्ध होगा। नासा टीम में एक लीडर के रूप में काम करने से पता चलता है कि इस विषय पर उनकी कितनी दछता प्राप्त है ओर इस विषय पर उनकी कितनी पकड़ है।
इस तरह डॉ. अक्षता कृष्णमूर्ति ने जो सपने देखने से लेकर नासा (NASA) टीम में लीडर बनने तक का सफर तय किया – यह सभी को एक सफलता का सूत्र दिया की यदि आप वास्तव में कुछ पाना चाहते हैं, तो आप उसे अपनी कड़ी से और पूर्ण समर्पण भाव से पूरा कर सकते हैं।
Dr Akshata Krishnamurthy (डॉ. अक्षता कृष्णमूर्ति) ने नासा में अपने कार्यों को करते हुवे नेचर सहित प्रमुख पत्रिकाओं में कई एक्सोप्लैनेट खोज प्रकाशनों का सह-लेखन का कार्य सम्पादित किया है। इसके साथ ही यूनिवर्स, एयरोस्पेस और रिमोट सेंसिंग जैसे जर्नल प्रकाशनों के लिए एक सहकर्मी समीक्षक के रूप में कार्य किया हैं।
वह वार्षिक नासा स्पेस ऐप्स प्रतियोगिता के लिए वैश्विक न्यायाधीश के रूप में भी काम करती हैं। उन्होंने एमआईटी में ‘इस पीढ़ी के अंतरिक्ष कार्यक्रम‘ को प्रदर्शित करने वाले अपोलो 50+50 कार्यक्रम सहित आमंत्रित व्याख्यान देती हैं। सुरुवाती दौर में डॉ. अक्षता कृष्णमूर्ति प्रारंभिक-चरण प्रौद्योगिकी स्टार्टअप (early-stage technology startups) के लिए एमआईटी सैंडबॉक्स फंड फेलो, सलाहकार और समीक्षक के रूप में कार्य किया था।
Dr Akshata Krishnamurthy (डॉ. अक्षता कृष्णमूर्ति) ने अपने इंस्टाग्राम एक बहुत अच्छा सन्देश लिखा है जो सबके लिए एक प्रेरणादायक है, उन्होंने लिखा है की “कोई भी सपना कभी भी बहुत बड़ा या पागलपन भरा नहीं होता है। आप अपने आप पर दृढ विश्वास रखें, और अपने उन ब्लिंकर्स (blinkers) को चालू रखें और उस पर काम करते रहें! मैं पुरे विस्वाश के साथ वादा करती हूं, की अगर आप कड़ी मेहनत करेंगे तो आप वहां जरूर पहुंचेंगे जहाँ आप पहुंचना चाहते हैं।”
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